जयपुर. राजस्थान विधानसभा में लाल डायरी लहराकर सनसनीखेज आरोप लगाने वाले बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा सोमवार को विधानसभा से भी निलंबित कर दिए गए. लेकिन उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव रखने वाले मंत्री शांति धारीवाल ने उस लाल डायरी को फैब्रिकेट बताते हुए आरोप लगाया कि राजेंद्र गुढ़ा भाजपा के हाथों में खेल कर यह षड्यंत्र इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह चाहते हैं कि उनकी गैर कानूनी मांगों को पूरा किया जाए. उन्हें किसी हालत में पूरा नहीं किया जा सकता.
सरकार बचाई थी दो राय नहीं, लेकिन गैरकानूनी मांगे नहीं की जा सकती पूरीः धारीवाल ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजेंद्र गुढ़ा ने सरकार बचाने में मदद की थी, लेकिन अब वो ऐसा काम करवाना चाहते हैं जो संभव नहीं, गैरकानूनी है. जो नियम विरुद्ध थी, इसलिए नहीं मानी गई इतनी सी बात है. उन्होंने कहा कि 100 प्रतिशत राजेंद्र गुढ़ा विपक्ष के हाथों में खेल रहे हैं. यह प्लान विपक्ष की ओर से बनाया गया और करवाया गया काम है, क्योंकि जो लाल डायरी राजेंद्र गुढा ने दिखाई, उसी तरह से भाजपा वाले भी लाल डायरी बनाकर ले आए.
2020 में आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के आवास पर पड़ी इनकम टैक्स की रेड के दौरान सीआरपीएफ के जवानों की मौजूदगी में जिस लाल डायरी को लाने की बात राजेंद्र गुढ़ा कर रहे हैं, उसे भी आज धारीवाल ने नकार दिया. धारीवाल ने कहा कि ऐसा बताया गया था कि वह गए थे, लेकिन उनका जाना और नहीं जाना बराबर था. क्योंकि वहां 150 सीआरपीएफ के आदमी मौजूद थे. क्या कोई इतने सीआरपीएफ के जवानों के बीच से कोई निकल सकता था. धारीवाल ने कहा कि आज ही साफ हो गया है कि गुढ़ा को रोकने के लिए 5 आदमी ही काफी थे. बातचीत संभव नहीं थी, गुढ़ा का ये काम 2 साल से चल रहा था.
शांति धारीवाल से जब यह पूछा गया कि क्या गुढ़ा से बातचीत कर आज की स्थिति को रोका नहीं जा सकता था, तो उन्होंने कहा कि उन्होंने जिस प्रकार का व्यवहार किया है, वो तो भाजपा के हाथों में खेल षड्यंत्र कर रहे थे, वो मानने वाले नहीं थे. धारीवाल ने कहा कि राजेंद्र गुढ़ा पिछले 2 साल से इस तरह की हरकतें कर रहे थे. सरकार के खिलाफ बयान देते थे और सरकार की पूरी सुविधाएं भी उठाते थे. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयानों को लेकर धारीवाल ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत तो संजीवनी के चक्कर में दिल्ली ही नहीं जाते, यहीं पड़े रहते हैं. उन्होंने कहा कि गजेंद्र सिंह को उनके खिलाफ हुई एफआईआर का डर सता रहा है कि कभी कुछ हो सकता है.