जयपुर. राजधानी में कोरोना काल के कम होते प्रभाव और ग्रीष्मकालीन अवकाश की समाप्ति के बाद सोमवार से स्कूल अनलॉक हो गए. हालांकि बच्चों के स्कूल आने पर रोक अभी जारी रहेगी. संसाधनों पर लगी रोक हटने तक मुख्यालय से बाहर गए शिक्षकों को भी स्कूल आने से राहत दी गई है. फिलहाल स्थानीय शिक्षक ही स्कूल खोलेंगे. शिक्षक प्रवेशोत्सव के पहले चरण और 'आओ घर से सीखें अभियान' को लेकर काम करेंगे.
कोरोना संकट के खतरे को देखते हुए फिलहाल बच्चों को स्कूल बुलाने की कोई संभावना दिख नहीं रही है. ऐसे में अगले आदेश तक बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी. इसके लिए 'आओ घर से सीखें' और 'स्माइल प्रोजेक्ट' जैसे अभियान लागू किए गए हैं. ताकि घर पर रहकर ही बच्चों की पढ़ाई करवाई जा सके.
बता दें कि कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए सरकार ने 16 अप्रैल से एक बार फिर शिक्षण संस्थान बंद कर दिए थे. इस बीच 22 अप्रैल से 6 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया. और सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार, फिलहाल संसाधनों का संचालन भी बंद है. ऐसे में शिक्षक संघों की मांग पर मुख्यालय से बाहर रहने वाले शिक्षकों को स्कूल आने से राहत दी गई है.
19 जून तक करना होगा यह भी काम
गाइडलाइन के मुताबिक रोटेशन के आधार पर फील्ड में काम करने वाले शिक्षकों को शाला प्रवेशोत्सव, नामांकन अभिवृद्धि अभियान, अभिभावकों से संवाद और स्माइल व्हाट्सएप ग्रुप से विद्यार्थियों और अभिभावकों को जोड़ने के साथ ही उपस्थिति रजिस्टर, विद्यार्थियों को क्रमोन्नति प्रमाण पत्र वितरण जैसे कार्यों को 19 जून तक पूरा करने को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.
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बता दें कि कोरोना संकट के चलते बीते साल मार्च में स्कूल बंद किए गए थे. इसके बाद इस साल जनवरी में पहले कक्षा 9 से 12 तक के और फिर फरवरी में कक्षा 6 से 8 तक के स्कूल खोले गए. लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण इस साल अप्रैल में स्कूल वापस बंद कर दिए गए थे. पहली से पांचवीं कक्षा तक की स्कूलें पिछले साल मार्च से ही बंद हैं.