जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश की 258 बार एसोसिएशन के चुनाव हर साल 8 दिसंबर को कराने के मामले में हाईकोर्ट की ओर से दिए फैसले में दखल से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन व अन्य की एसएलपी को भी खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन बार वन वोट के सिद्धांत की पालना सुनिश्चित करने के लिए एक दिन ही चुनाव होना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट से बार एसोसिएशन चुनाव के मामले में अब एसएलपी खारिज होने के चलते प्रदेशभर की बार एसोसिएशनों में अब एक ही दिन यानि 8 दिसंबर को चुनाव होने का रास्ता भी साफ हो गया है. एसएलपी में प्रार्थी संघों का कहना था कि हाईकोर्ट ने उन्हें सुने बिना ही चुनाव की तिथि तय की है. जबकि उनकी कार्यकारिणी हाल ही में निर्वाचित की गई थी.
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मामले से जुड़े अधिवक्ता डॉ अभिनव शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 24 अगस्त, 2023 को बलराम जाखड़ व अन्य की अपीलों पर फैसला देते हुए प्रदेशभर में वकीलों की बार एसोसिएशन कार्यकारिणी के वार्षिक चुनाव दिसंबर के दूसरे शुक्रवार को कराने के निर्देश दिए थे. वहीं भविष्य में भी सभी बार एसोसिएशन के चुनाव दिसंबर के दूसरे शुक्रवार को ही कराने को कहा था. हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वन बार वन वोट सिद्धांत को लागू करने के लिए यह जरूरी है कि प्रदेश की सभी बार एसोसिएशन के चुनाव एक ही दिन होने चाहिए. हाईकोर्ट की खंडपीठ के इस फैसले को बार संघों ने एसएलपी के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए इस हाईकोर्ट के फैसले को रद्द करने की गुहार की थी.