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जयपुर: सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में देशभर से आए आर्टिस्टों ने समां बांधी - राजस्थान की ताजा खबरें

राजधानी जयपुर में राजीविका और ग्रामीण विकास परिषद की ओर से जयपुर के रामलीला मैदान में चल रहे जयपुर सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में देशभर से आई आर्टिजंस ने पारंपरिक परिधान में कैटवॉक कर समां बांधी. मेले में विभिन्न राज्यों की कलाकृतियां पहुंची.

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सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले में देशभर से आए आर्टिस्टों ने समा बांधी
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Published : Mar 18, 2021, 11:00 PM IST

जयपुर. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से रामलीला मैदान में जयपुर सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जा रहा है. 22 राज्यों की ग्रामीण महिला शिल्पकारों की हस्तनिर्मित सुंदर और मनमोहक विभिन्न कलाकृतियां शहरवासियों को खूब रास आ रही हैं. कलाकृतियों की सुंदरता की और पलाश के फूलों से बने हर्बल गुलाल की सुगंध गुरूवार को शहरवासियों के मन में उतरती दिखी. लोगों ने विभिन्न उत्पादों और कलाकृतियों के साथ हर्बल गुलाल की जमकर खरीदारी की. गुलाल की बहुतयात में हुई बिक्री ने तय कर दिया कि अबकी बार गुलाबी नगरी की होली हर्बल गुलाल से महकेगी. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाया गया हर्बल गुलाल पर्यावरण और स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखेगा.

ये भी पढ़ें: पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले गांव और कस्बों में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने के लिए काम शुरू: गोविंद डोटासरा

सांस्कृतिक आयोजन में फैशन शो को भी सराहा गया. विभिन्न राज्यों की आर्टिजन ने परंपरागत परिधानों में रैंप पर कैटवाॅक कर अपने राज्यों की संस्कृति के रंग बिखेरे. मेला स्टेज पर बने रैंप पर पूरे देश की संस्कृति एक साथ जीवंत होती नजर आई. 21 मार्च तक चलने वाले मेले में प्रतिदिन विभिन्न कलाकारों द्वारा लोकगीत, नृत्य और नाटक आदि कार्यक्रमों की सांस्कृतिक प्रस्तुति मेले को खास बना रही हैं. इसी कड़ी में 21 मार्च को फागोत्सव का आयोजन होगा.

मेले में शिल्पकारों द्वारा कलाकृति बनाने के लाइव डेमो भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. विभिन्न शैक्षिणक संस्थानों के विद्यार्थियों ने ग्रामीण महिलाओं द्वारा विभिन्न उत्पाद तैयार करने के रोचक तरीकों को जाना. राजस्थान के जूट, टेराकोटा, ब्ल्यू पाॅट्री, बाड़मेरी काछ कसीदाकारी के टेबल कवर, कुशन, बैग, पर्स, तोरण, चमड़े के बनाए गए जूते-चप्पल, सजवाट की वस्तुएं, बंगाल के तांत, मुर्शीदबादी सिल्क, काघा की साड़ी, दक्षिण की डोकरा आर्ट, पैंटिंग, बिहार की मधुबनी पैंटिंग, त्रिपुरा की बांस की कलाकृतियां, उत्तराखण्ड के जूट उत्पाद और सीप से बनी मूर्तियां की स्टाॅल लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही हैं.

जयपुर. राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से रामलीला मैदान में जयपुर सरस राष्ट्रीय क्राफ्ट मेले का आयोजन किया जा रहा है. 22 राज्यों की ग्रामीण महिला शिल्पकारों की हस्तनिर्मित सुंदर और मनमोहक विभिन्न कलाकृतियां शहरवासियों को खूब रास आ रही हैं. कलाकृतियों की सुंदरता की और पलाश के फूलों से बने हर्बल गुलाल की सुगंध गुरूवार को शहरवासियों के मन में उतरती दिखी. लोगों ने विभिन्न उत्पादों और कलाकृतियों के साथ हर्बल गुलाल की जमकर खरीदारी की. गुलाल की बहुतयात में हुई बिक्री ने तय कर दिया कि अबकी बार गुलाबी नगरी की होली हर्बल गुलाल से महकेगी. ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाया गया हर्बल गुलाल पर्यावरण और स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखेगा.

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सांस्कृतिक आयोजन में फैशन शो को भी सराहा गया. विभिन्न राज्यों की आर्टिजन ने परंपरागत परिधानों में रैंप पर कैटवाॅक कर अपने राज्यों की संस्कृति के रंग बिखेरे. मेला स्टेज पर बने रैंप पर पूरे देश की संस्कृति एक साथ जीवंत होती नजर आई. 21 मार्च तक चलने वाले मेले में प्रतिदिन विभिन्न कलाकारों द्वारा लोकगीत, नृत्य और नाटक आदि कार्यक्रमों की सांस्कृतिक प्रस्तुति मेले को खास बना रही हैं. इसी कड़ी में 21 मार्च को फागोत्सव का आयोजन होगा.

मेले में शिल्पकारों द्वारा कलाकृति बनाने के लाइव डेमो भी लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं. विभिन्न शैक्षिणक संस्थानों के विद्यार्थियों ने ग्रामीण महिलाओं द्वारा विभिन्न उत्पाद तैयार करने के रोचक तरीकों को जाना. राजस्थान के जूट, टेराकोटा, ब्ल्यू पाॅट्री, बाड़मेरी काछ कसीदाकारी के टेबल कवर, कुशन, बैग, पर्स, तोरण, चमड़े के बनाए गए जूते-चप्पल, सजवाट की वस्तुएं, बंगाल के तांत, मुर्शीदबादी सिल्क, काघा की साड़ी, दक्षिण की डोकरा आर्ट, पैंटिंग, बिहार की मधुबनी पैंटिंग, त्रिपुरा की बांस की कलाकृतियां, उत्तराखण्ड के जूट उत्पाद और सीप से बनी मूर्तियां की स्टाॅल लोगों के आकर्षण का केंद्र बन रही हैं.

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