जयपुर. प्रदेश के नगर निकायों में सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. सफाई कर्मचारियों की भर्ती के नियमों में बदलाव की मांग को लेकर सफाई कर्मचारी शुक्रवार को चौथे दिन भी हड़ताल पर रहे. सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर सीधे तौर पर शहर में दिखाई दे रहा है. सड़कों और गली मोहल्लों में कचरे के ढेर पर लावारिस पशु मंडराते दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में राहगीरों और वाहन चालकों का कई इलाकों से गुजरना भी मुश्किल हो रहा है. अब सफाई कर्मचारियों ने आंदोलन को धार देते हुए शनिवार को स्टेच्यू सर्किल से सिविल लाइन्स तक पैदल मार्च निकालने का एलान किया है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री आवास का घेराव भी किया जाएगा.
वार्ता बेनतीजा, गलियों से निकलना भी दूभर : संयुक्त वाल्मीकि और सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले सफाई कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया के नियमों को लेकर विरोध जता रहे हैं. अपनी इन मांगों को लेकर सफाई कर्मचारी हड़ताल पर चले गए. आज इनकी हड़ताल को चौथा दिन है. उधर, गुरुवार को सफाई कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की राज्य सरकार के साथ हुई वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकाल पाया है. ऐसे में फिलहाल गतिरोध बना हुआ है. हड़ताल के कारण न तो सड़कों पर झाड़ू निकल पा रही है और न ही कचरा उठ पा रहा है. ऐसे में सड़कों पर और गली मोहल्लों में कचरे के ढेर लगे हैं. इससे लोगों का निकलना तक दूभर होता जा रहा है.
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आमरण अनशन शुरू करने की चेतावनी : संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज के लोगों को प्राथमिकता देने, जिन कर्मचारियों ने 2018 से पहले ठेके पर काम किया उन्हें प्राथमिकता देते हुए 30 हजार कर्मचारियों की भर्ती की संशोधित विज्ञप्ति जारी करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है. अब आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए 29 अप्रैल को सुबह 10 बजे स्टेच्यू सर्किल से सिविल लाइन्स तक जुलूस के रूप में प्रदर्शन करेंगे और सिविल लाइन्स पर आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.