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सचिन पायलट ने दिए कांग्रेस को रिपीट करने के सुझाव, कहा-अब निर्णय आलाकमान के हाथ

पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि प्रदेश में 30 साल से चली आ रही एक बार भाजपा फिर कांग्रेस की जीत की परंपरा तोड़ने के सुझाव उन्होंने कांग्रेस आलाकमान को दे दिए हैं. इनको मानने या न मानने का निर्णय आलाकमान को करना है.

Sachin Pilot says, he has given suggestions to repeat Congress in Rajasthan, now it's call of central leadership
सचिन पायलट ने दिए कांग्रेस को रिपीट करने के सुझाव, कहा-अब निर्णय आलाकमान के हाथ
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Published : Mar 30, 2023, 5:39 PM IST

सचिन पायलट ने पार्टी को दिया लगातार दूसरी जीत का मंत्र, अब गेंद आलाकमान के पाले में

जयपुर. एक के बाद एक कई बार 25 सितंबर को समानांतर विधायक दल की बैठक करने वाले नेताओं पर कार्रवाई और राजस्थान को लेकर निर्णय की बात सचिन पायलट कई बार उठा चुके हैं. लेकिन अब तक उस मुद्दे पर कोई निर्णय हुआ नहीं है. अब सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर ज्यादा बोलने की जगह साफ कर दिया है कि वह अपनी बात कांग्रेस आलाकमान के सामने रख चुके हैं. अब बीते 30 साल से राजस्थान में जो एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा के जीतने की परंपरा चली आ रही है, उसे तोड़ने के लिए मेरे सुझाव मानने या नहीं मानने का काम कांग्रेस आलाकमान को ही करना है.

पायलट ने कहा कि मुझे जो पार्टी, प्रदेश और सरकार के बारे में सुझाव देने थे, वह मैंने कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप को अच्छी तरह बता और समझा दिया है. इन्हें स्वीकार भी किया गया है. कुछ कदम भी उठाए गए हैं. अब अंत में पार्टी लीडरशिप को क्या निर्णय लेना है, यह उन पर डिपेंड करता है. पायलट ने कहा कि हम चाहते हैं कि 30 साल से जो बीजेपी-कांग्रेस हो रहा है, उसे समाप्त किया जाए.

पढ़ेंः Democracy Disqualified in Rajasthan - ...तो सचिन पायलट नहीं जताएंगे राहुल की सदस्यता रद्द करने का विरोध, जानें बड़ा कारण

पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार रिपीट हो सकती है, लेकिन मेरे सुझावों पर कांग्रेस आलाकमान कितना अमल करेगा और कब करेगा, इसका जवाब पार्टी लीडरशिप ही दे सकती है. पायलट ने कहा कि जो कुछ भी हुआ 25 सितंबर को, वह पब्लिक डोमेन में है. यह सबके सामने हुआ, ना कि छुपकर. उस घटना पर जो कार्रवाई एआईसीसी को करनी थी, परिणाम क्या हुआ या नहीं. इसका जवाब भी एआईसीसी और दिल्ली के नेतृत्व को देना चाहिए.

पढ़ेंः पायलट ने दिखाए तेवर, बोले- कांग्रेस आलाकमान राजस्थान पर जल्द ले फैसला...पीएम मोदी को लेकर कही बड़ी बात

राजनीतिक प्रतिशोध के लिए राहुल गांधी को किया टारगेटः सचिन पायलट ने आज राहुल गांधी पर मानहानि मामले और सांसद पद से अयोग्य ठहराने पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते राहुल गांधी पर इस तरह की कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि सूरत में जिन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया, वह कोई ओबीसी संगठन से जुड़े या ओबीसी के विधायक नहीं थे. बल्कि एक भाजपा विधायक थे. जिन भगौड़ों को लेकर राहुल गांधी ने अपनी बात रखी थी, उन भगौड़ों ने तो मानहानि का दावा किया नहीं.

पढ़ेंः Pilot camp in Action: अगर प्रदेश में सरकार रिपीट करवानी है, तो पायलट को सीएम बनाएं: वेद सोलंकी

पायलट ने कहा कि आज तक शायद कभी मानहानि केस में क्रिमिनल केस बनाकर 2 साल की सजा किसी को नहीं सुनाई गई. ये 2 साल की सजा का निर्णय इसलिए जानबूझकर आया ताकि राहुल गांधी डिसक्वालीफाई करने की प्रक्रिया चालू हो सके. उन्हांने कहा कि जजमेंट आने के 24 घंटे के अंदर ही लोकसभा से राहुल गांधी को बिना इलेक्शन कमीशन और राष्ट्रपति से चर्चा किए निलंबित किया जाता है. पायलट ने कहा कि इतनी फुर्ती से काम करने से साफ तौर पर पॉलीटिकल एजेंडा दिखता है. क्योंकि कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया था. इसी के चलते इलेक्शन कमीशन ने भी कहा कि वायनाड में इलेक्शन इसलिए नहीं करवायेंगे क्योंकि 30 दिन की अपील का समय दिया गया है. क्या यह तथ्य लोकसभा को मालूम नहीं था.

पढ़ेंः डॉक्टरों से मिले सचिन पायलट, बोले- दोनों पक्ष छोड़ें अड़ियल रवैया, बातचीत से ही हल निकलना है तो देरी क्यों

पायलट ने कहा कि यह पूरा पॉलीटिकल डेवलपमेंट लोकतंत्र के लिए बड़ा सवाल है. यह एक व्यक्ति की बात नहीं, लेकिन अगर ऐसे विरोधी सांसद, विधायकों को अगर किसी ना किसी बहाने से लोकसभा और विधानसभा से निकाला जाएगा, तो लोकतंत्र का क्या होगा? पायलट ने कहा कि विपक्षी दल के तौर पर हमें हमारी बात रखने का अधिकार है, अगर हमारी बात से सत्ता पक्ष असहमत हो, यह तो लोकतंत्र में चलता है, लेकिन बोलने ही नहीं नहीं दिया जाए और लोकसभा से निकलवा दिया जाए, यह बहुत गलत है. पायलट ने कहा कि यही कारण है कि जो दल विपक्ष में रहते थे, अब राहुल गांधी के मामले में सब एक मंच पर आ गए हैं. यह भविष्य की राजनीति का भी संकेत है कि आने वाले समय में सब इकट्ठा होकर चुनाव लड़ेंगे.

सचिन पायलट ने पार्टी को दिया लगातार दूसरी जीत का मंत्र, अब गेंद आलाकमान के पाले में

जयपुर. एक के बाद एक कई बार 25 सितंबर को समानांतर विधायक दल की बैठक करने वाले नेताओं पर कार्रवाई और राजस्थान को लेकर निर्णय की बात सचिन पायलट कई बार उठा चुके हैं. लेकिन अब तक उस मुद्दे पर कोई निर्णय हुआ नहीं है. अब सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर ज्यादा बोलने की जगह साफ कर दिया है कि वह अपनी बात कांग्रेस आलाकमान के सामने रख चुके हैं. अब बीते 30 साल से राजस्थान में जो एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा के जीतने की परंपरा चली आ रही है, उसे तोड़ने के लिए मेरे सुझाव मानने या नहीं मानने का काम कांग्रेस आलाकमान को ही करना है.

पायलट ने कहा कि मुझे जो पार्टी, प्रदेश और सरकार के बारे में सुझाव देने थे, वह मैंने कांग्रेस की सेंट्रल लीडरशिप को अच्छी तरह बता और समझा दिया है. इन्हें स्वीकार भी किया गया है. कुछ कदम भी उठाए गए हैं. अब अंत में पार्टी लीडरशिप को क्या निर्णय लेना है, यह उन पर डिपेंड करता है. पायलट ने कहा कि हम चाहते हैं कि 30 साल से जो बीजेपी-कांग्रेस हो रहा है, उसे समाप्त किया जाए.

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पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकार रिपीट हो सकती है, लेकिन मेरे सुझावों पर कांग्रेस आलाकमान कितना अमल करेगा और कब करेगा, इसका जवाब पार्टी लीडरशिप ही दे सकती है. पायलट ने कहा कि जो कुछ भी हुआ 25 सितंबर को, वह पब्लिक डोमेन में है. यह सबके सामने हुआ, ना कि छुपकर. उस घटना पर जो कार्रवाई एआईसीसी को करनी थी, परिणाम क्या हुआ या नहीं. इसका जवाब भी एआईसीसी और दिल्ली के नेतृत्व को देना चाहिए.

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राजनीतिक प्रतिशोध के लिए राहुल गांधी को किया टारगेटः सचिन पायलट ने आज राहुल गांधी पर मानहानि मामले और सांसद पद से अयोग्य ठहराने पर मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते राहुल गांधी पर इस तरह की कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि सूरत में जिन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया, वह कोई ओबीसी संगठन से जुड़े या ओबीसी के विधायक नहीं थे. बल्कि एक भाजपा विधायक थे. जिन भगौड़ों को लेकर राहुल गांधी ने अपनी बात रखी थी, उन भगौड़ों ने तो मानहानि का दावा किया नहीं.

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पायलट ने कहा कि आज तक शायद कभी मानहानि केस में क्रिमिनल केस बनाकर 2 साल की सजा किसी को नहीं सुनाई गई. ये 2 साल की सजा का निर्णय इसलिए जानबूझकर आया ताकि राहुल गांधी डिसक्वालीफाई करने की प्रक्रिया चालू हो सके. उन्हांने कहा कि जजमेंट आने के 24 घंटे के अंदर ही लोकसभा से राहुल गांधी को बिना इलेक्शन कमीशन और राष्ट्रपति से चर्चा किए निलंबित किया जाता है. पायलट ने कहा कि इतनी फुर्ती से काम करने से साफ तौर पर पॉलीटिकल एजेंडा दिखता है. क्योंकि कोर्ट ने 30 दिन का समय दिया था. इसी के चलते इलेक्शन कमीशन ने भी कहा कि वायनाड में इलेक्शन इसलिए नहीं करवायेंगे क्योंकि 30 दिन की अपील का समय दिया गया है. क्या यह तथ्य लोकसभा को मालूम नहीं था.

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पायलट ने कहा कि यह पूरा पॉलीटिकल डेवलपमेंट लोकतंत्र के लिए बड़ा सवाल है. यह एक व्यक्ति की बात नहीं, लेकिन अगर ऐसे विरोधी सांसद, विधायकों को अगर किसी ना किसी बहाने से लोकसभा और विधानसभा से निकाला जाएगा, तो लोकतंत्र का क्या होगा? पायलट ने कहा कि विपक्षी दल के तौर पर हमें हमारी बात रखने का अधिकार है, अगर हमारी बात से सत्ता पक्ष असहमत हो, यह तो लोकतंत्र में चलता है, लेकिन बोलने ही नहीं नहीं दिया जाए और लोकसभा से निकलवा दिया जाए, यह बहुत गलत है. पायलट ने कहा कि यही कारण है कि जो दल विपक्ष में रहते थे, अब राहुल गांधी के मामले में सब एक मंच पर आ गए हैं. यह भविष्य की राजनीति का भी संकेत है कि आने वाले समय में सब इकट्ठा होकर चुनाव लड़ेंगे.

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