जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को एक बार फिर विधेयक को पास कराने में हंगामा हुआ. इस विधेयक पर चर्चा करने के बाद जब अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधेयक को पास कराने के लिए बोला तो भाजपा ने इस पर मत विभाजन मांग लिया. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मत विभाजन मांगना हमारा अधिकार है. हम मांग इसलिए कर रहे हैं ताकि जनता को पता लगे कि सत्ताधारी दल कितना गंभीर है और उसकी उपस्थिति विधानसभा में कितनी है.
इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आपका अधिकार है मत विभाजन मांगना और मेरा अधिकार है यह देखना कि मत विभाजन देना है या नहीं. पूरे सदन को यह मैसेज देने का प्रयास करना ज्यादा महत्वपूर्ण है कि बेरोजगारी को दूर करने के लिए सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों साथ हैं. इस पर एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया खड़े हुए और कहा कि इंडस्ट्री राजस्थान में आए, इसे लेकर भाजपा विपक्ष में है. लेकिन कानून बनाने से पहले इसके हर विषय पर सोचना जरूरी होता है. अगर कोई कमी रह गई है तो उस पर चर्चा करने में कोई हर्ज नहीं होती है. कटारिया ने कहा कि अभी इस बिल को प्रिविलेज कमेटी को भेज दें और चाहे इसी सत्र में आगे इस बिल को ले आएं और उस पर चर्चा कर लें.
इस दौरान मंत्री धारीवाल ने कटारिया को जवाब देते हुए कहा कि आपने कितनी बार बिल को प्रिविलेज कमेटी में भेजा था, हमेशा उपस्थिति की बात क्यों करते हो. इस बात पर नाराज कटारिया बोले कि आप लोग 21 थे, इसलिए आपके पास आवाज ही नहीं थी. सदन में बहस चल ही रही थी कि अचानक संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल खड़े हुए और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब आप 100 प्रतिशत इस विधेयक पर एग्री हो और आपका मन साफ है तो फिर उपस्थिति की बात पर क्यों अड़े हो. इसके आगे उपस्थिति को लेकर धारीवाल ने जो कमेंट किया उसे स्पीकर ने कार्रवाई से एक्सचेंज कर दिया.
लेकिन इसके बाद सदन में कटारिया को फिर से गुस्सा आ गया और उन्होंने धारीवाल से कहा कि हाउस में क्या तमाशा करना चाहते हो. हाउस को हाउस रहने दो कोई तमाशा मत बनाओ. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने मामला संभालते हुए कहा कि जो विषय है वह गंभीर है और अगर केंद्र सरकार का एमएसएमई बिल कमिटमेंट आ गया तो दो साल बाद इसे लागू नहीं किया जा सकेगा. ऐसे में मैं सरकार से भी अपील करता हूं कि भारत सरकार जो बिल रही है उसे देखते हुए संशोधन लाए आगर आवश्यक हो तो. लेकिन फिलहाल इस बिल को पास करें.