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राजस्थान विश्वविद्यालय: 3 साल में 8 फीसदी गिरा मतदान प्रतिशत, इस बार भी लगेगी बार कोड मशीन

राजस्थान विश्वविद्यालय में पिछले 7 सालों में मतदान 58 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाया है. छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास करने के बाद भी युवा मतदाता छात्र राजनीति के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने से बचते हुए नजर आते हैं.

राजस्थान विश्वविद्यालय समाचार, Rajasthan University News
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Published : Aug 21, 2019, 12:45 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव लोकतंत्र के इस यज्ञ में युवा बढ़-चढ़कर आहुति देते हैं. लेकिन जब बात आती है छात्र संघ चुनाव की तो यही युवा मतदाता अपने पैर पीछे खींच लेते है. क्योंकि छात्र राजनीति में भी अब तेजी से धनबल और बाहुबल का प्रयोग होने लगा है. इसी का नतीजा है कि पिछले 7 सालों में राजस्थान विश्वविद्यालय में मतदान 58 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाया है. छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास करने के बाद भी युवा मतदाता छात्र राजनीति के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने से बचते हुए नजर आते हैं.

आरयू में तीन साल में 8 फीसदी गिरा मतदान प्रतिशत

यही कारण है कि पिछले साल कैंपस में महज 50.76 फीसदी ही मतदान हो पाया था. बीते 7 सालों में जहां साल 2012 में 49 फीसदी, साल 2013 में सबसे कम 41 फीसदी, साल 2014 में 47.13 प्रतिशत और साल 2015 में 52. 60 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं 2016 में सबसे ज्यादा 58 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. साल 2017 में 51.58 प्रतिशत के बाद साल 2018 में मतदान एक बार फिर 50 प्रतिशत से नीचे उतरकर मात्र 50.76 फीसदी ही रह गया है. इस दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आरयू की ओर से कई कार्यक्रम भी चलाए गए.

पढ़ेंः घर में ही बना डाला बापू की 'यादों' का म्यूजियम

लेकिन इसके बाद एक बार फिर से प्रशासन व संगठन की उदासीनता व लापरवाही के कारण युवाओं को घरों मतदान केंद्रों तक नहीं ला सके.इस साल भी मतदान फीसदी बढ़ाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है. रा.वि.वि के कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि आरयू सहित चारों संघटक कॉलेजों में छात्र मतदाताओं को मतदान के लिए अपील की जा रही है. और इसके लिए डीएसडब्ल्यू के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम की भी चलाए जाएंगे.

पढ़ेंः खबर का असर: सालों से बंद पड़ी कंपोस्ट प्लांट की हुई शुरूआत

छात्र संघ चुनाव में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सख्ती भी कहीं ना कहीं मतदान फीसदी कम रहने का एक बड़ा कारण माना जाता रहा है. इस सवाल के जवाब में कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि चाहे मतदान कम हो लेकिन वह स्वच्छ होना चाहिए. कुलपति ने आगे बताया कि इस बार भी विवि ने विवि और संगठक कॉलेजों में फ्लेक्स लगाने जा रहा है. इसमें ज्यादा से ज्यादा वोट की अपील की जाएगी. साथ ही एनएसएस द्वारा रैली निकलवा कर मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा.

जयपुर. लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव लोकतंत्र के इस यज्ञ में युवा बढ़-चढ़कर आहुति देते हैं. लेकिन जब बात आती है छात्र संघ चुनाव की तो यही युवा मतदाता अपने पैर पीछे खींच लेते है. क्योंकि छात्र राजनीति में भी अब तेजी से धनबल और बाहुबल का प्रयोग होने लगा है. इसी का नतीजा है कि पिछले 7 सालों में राजस्थान विश्वविद्यालय में मतदान 58 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाया है. छात्र संगठन और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास करने के बाद भी युवा मतदाता छात्र राजनीति के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने से बचते हुए नजर आते हैं.

आरयू में तीन साल में 8 फीसदी गिरा मतदान प्रतिशत

यही कारण है कि पिछले साल कैंपस में महज 50.76 फीसदी ही मतदान हो पाया था. बीते 7 सालों में जहां साल 2012 में 49 फीसदी, साल 2013 में सबसे कम 41 फीसदी, साल 2014 में 47.13 प्रतिशत और साल 2015 में 52. 60 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं 2016 में सबसे ज्यादा 58 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है. साल 2017 में 51.58 प्रतिशत के बाद साल 2018 में मतदान एक बार फिर 50 प्रतिशत से नीचे उतरकर मात्र 50.76 फीसदी ही रह गया है. इस दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आरयू की ओर से कई कार्यक्रम भी चलाए गए.

पढ़ेंः घर में ही बना डाला बापू की 'यादों' का म्यूजियम

लेकिन इसके बाद एक बार फिर से प्रशासन व संगठन की उदासीनता व लापरवाही के कारण युवाओं को घरों मतदान केंद्रों तक नहीं ला सके.इस साल भी मतदान फीसदी बढ़ाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है. रा.वि.वि के कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि आरयू सहित चारों संघटक कॉलेजों में छात्र मतदाताओं को मतदान के लिए अपील की जा रही है. और इसके लिए डीएसडब्ल्यू के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम की भी चलाए जाएंगे.

पढ़ेंः खबर का असर: सालों से बंद पड़ी कंपोस्ट प्लांट की हुई शुरूआत

छात्र संघ चुनाव में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सख्ती भी कहीं ना कहीं मतदान फीसदी कम रहने का एक बड़ा कारण माना जाता रहा है. इस सवाल के जवाब में कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि चाहे मतदान कम हो लेकिन वह स्वच्छ होना चाहिए. कुलपति ने आगे बताया कि इस बार भी विवि ने विवि और संगठक कॉलेजों में फ्लेक्स लगाने जा रहा है. इसमें ज्यादा से ज्यादा वोट की अपील की जाएगी. साथ ही एनएसएस द्वारा रैली निकलवा कर मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा.

Intro:नोट- इसकी बाईट wrap से भेजी है।

जयपुर- चाहे लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव लोकतंत्र के इस यज्ञ में युवा बढ़-चढ़कर आहुति देते है लेकिन जब बात आती है छात्रसंघ चुनावों की तो यह युवा मतदाता अपने पैर पीछे खींच लेते है क्योंकि छात्र राजनीति में भी अब तेजी से धनबल व बाहुबल का प्रयोग होने लगा है। इसी का नतीजा है कि पिछले 7 सालों में राजस्थान विश्वविद्यालय में मतदान 58 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाया है। छात्र संगठन व विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से तमाम प्रयास करने के बाद भी युवा मतदाता छात्र राजनीति के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने से बचते हुए नजर आते है। यही कारण है कि पिछले साल कैंपस में महज 50.76 फीसदी ही मतदान हो पाया था। वहीं पिछले सात सालों में वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 58 फ़ीसदी पर पहुंचा था लेकिन उसके बाद से ही मतदाताओं में मतदान करने का रुझान कम हो गया है पिछले 7 सालों में जहां वर्ष 2012 में 49 फीसदी, वर्ष 2013 में सबसे कम 41 फीसदी, वर्ष 2014 में 47.13 प्रतिशत व वर्ष 2015 में 52. 60 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं 2016 में सबसे ज्यादा 58 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है। साल 2017 में 51.58 प्रतिशत के बाद साल 2018 में मतदान एक बार फिर 50 प्रतिशत से नीचे उतरकर मात्र 50.76 फीसदी ही रह गया। इस दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए आरयू की ओर से कई कार्यक्रम भी चलाए गए लेकिन इसके बाद एक बार फिर से प्रशासन व संगठन की उदासीनता व लापरवाही के कारण के युवाओं को घरों से नहीं निकाल पाए।


Body:इस साल भी मतदान फीसदी बढ़ाने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। रविवि कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि आरयू सहित चारों संघटक कॉलेजों में छात्र मतदाताओं को मतदान के लिए अपील की जा रही है और इसके लिए डीएसडब्ल्यू के साथ मिलकर नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम की भी चलाए जाएंगे।

कम मतदान हो लेकिन स्वच्छ तरीके से हो- कुलपति
छात्रसंघ चुनावों में राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन की सख्ती भी कहीं ना कहीं मतदान फीसदी कम रहने का एक बड़ा कारण माना जाता रहा है जिसके जवाब में कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि चाहे मतदान कम हो लेकिन वह स्वच्छ होना चाहिए। राजस्थान विश्वविद्यालय सहित चारों संगठक कॉलेजों में समय-समय पर बड़ी संख्या में फर्जी आईडी कार्ड पकड़े जाते रहे हैं। यह फर्जी आईडी कार्ड से अगर कोई बाहरी छात्र मतदान करता है तो यह चुनाव का मजाक होगा। ऐसे में बारकोड स्कैनिंग मशीन की मदद से ही प्रवेश दिया जाता है। हालांकि प्रशासन की सख्ती के बावजूद मतदान के दिन भी कई फर्जी आईडी कार्ड पकड़ में आते है। राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन मतदान फीसदी को बढ़ाने के लिए अपने अपने स्तर पर तमाम प्रयास करता रहा है। इस बार भी विवि ने विवि और संगठक कॉलेजों में फ्लेक्स लगाने जा रहा है जिसमें ज्यादा से ज्यादा वोट की अपील की जाएगी साथ ही एनएसएस द्वारा रैली निकलवा कर मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा।

बाईट- आरके कोठारी, कुलपति, आरयू


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