जयपुर. राहुल गांधी के नेतृत्व में निकल रही भारत जोड़ो यात्रा के तय रुट में पूर्वी राजस्थान का हिस्सा हट (Route of Bharat Jodo Yatra In Rajasthan) सकता है. वर्तमान रूट में कोटा, बूंदी और सवाई माधोपुर में आ रहे वन्यजीव छेत्र के चलते रूट में बदलाव हो सकता है. राजस्थान के राजस्व मंत्री रामलाल जाट पिछले कई दिनों से राजस्थान के नेताओं के साथ वर्तमान रूट का सर्वे कर रहे थे और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के साथ महाराष्ट्र जाकर रूट को लेकर राहुल गांधी की टीम के साथ चर्चा भी कर चुके हैं.
मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ जयपुर लौटकर मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि यात्रा का फाइनल रूट तो दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी. लेकिन वर्तमान यात्रा में आ रहे वाइल्ड लाइफ क्षेत्र और वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत वन क्षेत्र में लगाई गई पाबंदियों को लेकर भी कांग्रेस नेताओं को अवगत करवा दिया है. रामलाल जाट ने कहा कि वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 खुद गांधी परिवार की ही देन है.
राहुल गांधी के कहने पर ही जिस तरह से पूरे देश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इस एक्ट का पालन (Bharat Jodo Yatra In Rajasthan) हुआ है. उसी तरह से राजस्थान में भी होगा. अगर ऐसा होता है तो कोटा सवाई माधोपुर और बूंदी जिले से यात्रा के निकलने पर संशय है. राजस्थान भारत जोड़ो यात्रा कमेटी की ओर से इसे लेकर सुझाव दे दिया गया है. अब अंतिम निर्णय भारत जोड़ो यात्रा के लिए बनी कमेटी को लेना है.
बता दें कि पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में मंत्री रामलाल जाट, मंत्री प्रमोद जैन भाया, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ महाराष्ट्र गए थे. जहां यात्रा के रूट को लेकर उन्होंने अपनी बात कांग्रेस आलाकमान के सामने रख दी है. अगर रूट में बदलाव नहीं होता है तो फिर जहां से भारत जोड़ो यात्री निकल रहे हैं उन्हें पैदल की जगह गाड़ी में बैठकर जाना होगा. साथ ही वाइल्डलाइफ एरिया में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. इस रूट में, मुकन्दरा, दररा और रणथंभौर आता है. इन्हें छोड़कर सीधे नहीं निकला जा सकता.