जयपुर. चुनावों के साथ-साथ परीक्षाओं का दौर भी चल रहा है. प्रदेश में 4 अप्रैल से पांचवीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है. लेकिन परीक्षा से पहले ही बच्चों के पसीने छूटने लगे हैं. कारण है प्रवेश-पत्र में जारी विद्यार्थियों के रोल नम्बर, जो हजारों नहीं, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या के ऊपर दिया गया है.
बच्चों ने जब अपना रोल नंबर देखा तो आंखें हक्की-बक्की रह गई. पांचवीं के बच्चों के रोल नंबर की संख्या करोड़ों में दी गई है. जिससे उनको समझने और लिखने में भी समस्या आ रही हैं, क्योंकि पांचवीं स्तर के बच्चों को लाख तक की ही गिनती सिखाई जाती है, लेकिन अब परीक्षा में दस करोड़ नम्बर की सीरीज आने से छात्रों के साथ शिक्षक और अभिभावक भी परेशान हो रहे है. जबकि दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा मे लाखों की सीरीज के नम्बर होते है.
राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा ये दस करोड़ सीरीज के रोल नं. बच्चों पर बाल मनोविज्ञान के विपरित है. बच्चों को अकों के साथ-साथ शब्दों में भी लिखना पडेगा. जब ज्ञान लाखों की संख्या का है तो 10 करोड़ों की सीरीज में लिखना बहुत मुश्किल होगा. अबकि बार रोल नं. में राज्य व जिले के कोड लगाने से यह संख्या करोड़ों में पहुंच गई है. संगठन मांग करता है कि विद्यार्थी हित में अधिकारियों को शीघ्र उचित निर्णय लेना चाहिए.