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पांचवीं बोर्ड परीक्षा के प्रवेश-पत्र को देखकर छात्रों के उड़ गए होश... कारण जानकर आप भी चौंक जाएंगे - जयपुर

पांचवीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन जल्द होने जा रहा है. इसके लिए प्रवेश-पत्र जारी कर दिए गए है. लेकिन विद्यार्थियों के होश उस वक्त उड़ गए, जब उन्होंने प्रवेश-पत्र में अपने रोल नम्बर देखें. दरअसल, रोल नं. करोड़ों की संख्या में दिए गए है. जिसके बाद विभाग सवालों के घेरे में आ गया है. जानें पूरा मामला-

पांचवीं बोर्ड के बच्चों के रोल नं. करोड़ों में
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Published : Apr 1, 2019, 6:13 PM IST

जयपुर. चुनावों के साथ-साथ परीक्षाओं का दौर भी चल रहा है. प्रदेश में 4 अप्रैल से पांचवीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है. लेकिन परीक्षा से पहले ही बच्चों के पसीने छूटने लगे हैं. कारण है प्रवेश-पत्र में जारी विद्यार्थियों के रोल नम्बर, जो हजारों नहीं, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या के ऊपर दिया गया है.

बच्चों ने जब अपना रोल नंबर देखा तो आंखें हक्की-बक्की रह गई. पांचवीं के बच्चों के रोल नंबर की संख्या करोड़ों में दी गई है. जिससे उनको समझने और लिखने में भी समस्या आ रही हैं, क्योंकि पांचवीं स्तर के बच्चों को लाख तक की ही गिनती सिखाई जाती है, लेकिन अब परीक्षा में दस करोड़ नम्बर की सीरीज आने से छात्रों के साथ शिक्षक और अभिभावक भी परेशान हो रहे है. जबकि दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा मे लाखों की सीरीज के नम्बर होते है.

पांचवीं बोर्ड एक्जाम से पहले ही विद्यार्थियों के पसीने छुटे


राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा ये दस करोड़ सीरीज के रोल नं. बच्चों पर बाल मनोविज्ञान के विपरित है. बच्चों को अकों के साथ-साथ शब्दों में भी लिखना पडेगा. जब ज्ञान लाखों की संख्या का है तो 10 करोड़ों की सीरीज में लिखना बहुत मुश्किल होगा. अबकि बार रोल नं. में राज्य व जिले के कोड लगाने से यह संख्या करोड़ों में पहुंच गई है. संगठन मांग करता है कि विद्यार्थी हित में अधिकारियों को शीघ्र उचित निर्णय लेना चाहिए.

जयपुर. चुनावों के साथ-साथ परीक्षाओं का दौर भी चल रहा है. प्रदेश में 4 अप्रैल से पांचवीं बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने जा रही है. लेकिन परीक्षा से पहले ही बच्चों के पसीने छूटने लगे हैं. कारण है प्रवेश-पत्र में जारी विद्यार्थियों के रोल नम्बर, जो हजारों नहीं, लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की संख्या के ऊपर दिया गया है.

बच्चों ने जब अपना रोल नंबर देखा तो आंखें हक्की-बक्की रह गई. पांचवीं के बच्चों के रोल नंबर की संख्या करोड़ों में दी गई है. जिससे उनको समझने और लिखने में भी समस्या आ रही हैं, क्योंकि पांचवीं स्तर के बच्चों को लाख तक की ही गिनती सिखाई जाती है, लेकिन अब परीक्षा में दस करोड़ नम्बर की सीरीज आने से छात्रों के साथ शिक्षक और अभिभावक भी परेशान हो रहे है. जबकि दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा मे लाखों की सीरीज के नम्बर होते है.

पांचवीं बोर्ड एक्जाम से पहले ही विद्यार्थियों के पसीने छुटे


राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा ये दस करोड़ सीरीज के रोल नं. बच्चों पर बाल मनोविज्ञान के विपरित है. बच्चों को अकों के साथ-साथ शब्दों में भी लिखना पडेगा. जब ज्ञान लाखों की संख्या का है तो 10 करोड़ों की सीरीज में लिखना बहुत मुश्किल होगा. अबकि बार रोल नं. में राज्य व जिले के कोड लगाने से यह संख्या करोड़ों में पहुंच गई है. संगठन मांग करता है कि विद्यार्थी हित में अधिकारियों को शीघ्र उचित निर्णय लेना चाहिए.

Intro:जयपुर- प्रदेश में 4 अप्रैल से पांचवी बोर्ड परीक्षा शुरू होने जा रही है लेकिन परीक्षा से पहले बच्चों के पसीने छूटने लगे है। दरअसल, बच्चे रोल नंबर की संख्या देखकर आश्चर्य चकित हो गए। पांचवीं के बच्चों के रोल नंबर की संख्या करोड़ों में दी गयी है जिससे उनको समझने और लिखने में भी समस्या आएगी क्योंकि पांचवी स्तर के बच्चों को लाख की गिनती ही सिखाई जाती है। लेकिन अब परीक्षा मे दस करोड की सीरीज अधिक के नम्बर देने से बच्चो के साथ शिक्षक और अभिभावक भी परेशान हो रहे है। जबकि दसवी एवं बारहवी बोर्ड परीक्षा मे लाखो की सीरीज के नम्बर होते है।


Body:राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक सघं के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा य़े दस करोड सीरीज के रोल नं. बच्चो पर बाल मनोविज्ञान के विपरित है। बच्चो को अकों के साथ साथ शब्दो मे भी लिखना पडेगा, जब ज्ञान लाखो की संख्या का और 10 करोडो की सीरीज मे लिखना बहुत मुश्किल होगा अबकी बार रोल न. मे शुरू मे राज्य एवं जिले के कोड लगाने से यह संख्या करोडो मे पहुचं गयी। संगठन मांग करता है कि विघार्थी हित मे अधिकारीयों  को शीर्घ उचित निर्णय लेना चाहिए।


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