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जयपुर : 15 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत विकास कार्यों के प्रस्तावों का अनुमोदन

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Published : Aug 28, 2019, 11:34 PM IST

राजधानी के शासन सचिवालय में प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित की गई. बैठक में मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत संबंधित विभाग अपने बजट का 15 प्रतिशत का फण्ड-फ्लो, टारगेट आदि निर्धारित कर नोडल विभाग को अवगत करवाएं.

राज्य स्तरीय समिति समीक्षा बैठक, 15 सूत्री कार्यक्रम, State Level Committee Review Meeting, 15 Point Program

जयपुर. जिले के शासन सचिवालय में प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित की गई. बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि मदरसों में बच्चों की तालीम और कक्षा 8 के पश्चात प्रवेश की क्या स्थिति होती है इसका अध्ययन किया जाए ताकि ड्रॉपआउट बच्चों का पता चल सके.

राजधानी के शासन सचिवालय में नए 15 सूत्री कार्यक्रम की हुई समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत संबंधित विभाग अपने बजट का 15 प्रतिशत का फण्ड-फ्लो, टारगेट आदि निर्धारित कर नोडल विभाग को अवगत करवाएं. साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास की भांति कार्यक्रमों की सतत मॉनिटरिंग आयोजना विभाग की ओर से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, अल्पसंख्यक मामलात विभाग और अन्य विभाग जो योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं, वे सम्मिलित रूप से योजना प्रारूप तैयार करें ताकि प्रभावी क्रियान्वयन के साथ वित्तीय संसाधनों का सार्थक उपयोग सुनिश्चित किया जा सके.

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बैठक में अल्पसंख्यक मामलात विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अर्पणा अरोरा ने बताया कि योजनान्तर्गत राज्य के 16 जिलों के 15 ब्लॉक्स, 17 कस्बे औक 2 जिला मुख्यालय सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के चयनित अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 65.57 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भिजवाए जाएंगे. अरोरा ने बताया कि इन प्रस्तावों में कॉमन सर्विस सेंटर, छात्रावास, आवासीय विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय और विद्यालय में कम्पोजिट ब्लॉक के निर्माण कार्य सम्मिलित हैं.

अर्पणा अरोरा ने बताया कि योजना के विस्तार हेतु क्लस्टर ऑफ विलेज तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक्स के प्रस्ताव भी स्वीकृति हेतु भिजवाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नए प्रस्तावों में सम्मिलित कार्यों का संचालन संबंधित विभाग की ओर से ही किया जाए. साथ ही नए प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग के माध्यम से ही भिजवायें ताकि विभागीय स्वीकृति आदि की अनुपालना सुनिश्चित की जा सके.

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वहीं बैठक में योजना के तहत पहले से स्वीकृत कार्यों की भी समीक्षा की गई तथा समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश प्रदान किए गए. साथ ही उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भिजवाए जाने हेतु निर्देशित किया गया. अप्रैल 2018 से राज्य के चयनित अल्पसख्ंयक बाहुल्य क्षेत्रों में अजमेर, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, बूंदी, बांसवाड़ा, उदयपुर और नागौर आदि जिलों में स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक, कस्बों तथा जिला मुख्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत नए क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया है. बैठक में अलवर सांसद बालकनाथ, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक रोली सिंह, संयुक्त सचिव योजना वित्त एम एस राव सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. जिले के शासन सचिवालय में प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित की गई. बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि मदरसों में बच्चों की तालीम और कक्षा 8 के पश्चात प्रवेश की क्या स्थिति होती है इसका अध्ययन किया जाए ताकि ड्रॉपआउट बच्चों का पता चल सके.

राजधानी के शासन सचिवालय में नए 15 सूत्री कार्यक्रम की हुई समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत संबंधित विभाग अपने बजट का 15 प्रतिशत का फण्ड-फ्लो, टारगेट आदि निर्धारित कर नोडल विभाग को अवगत करवाएं. साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास की भांति कार्यक्रमों की सतत मॉनिटरिंग आयोजना विभाग की ओर से की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, अल्पसंख्यक मामलात विभाग और अन्य विभाग जो योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं, वे सम्मिलित रूप से योजना प्रारूप तैयार करें ताकि प्रभावी क्रियान्वयन के साथ वित्तीय संसाधनों का सार्थक उपयोग सुनिश्चित किया जा सके.

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बैठक में अल्पसंख्यक मामलात विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अर्पणा अरोरा ने बताया कि योजनान्तर्गत राज्य के 16 जिलों के 15 ब्लॉक्स, 17 कस्बे औक 2 जिला मुख्यालय सम्मिलित हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के चयनित अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 65.57 करोड़ रुपए के नए प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भिजवाए जाएंगे. अरोरा ने बताया कि इन प्रस्तावों में कॉमन सर्विस सेंटर, छात्रावास, आवासीय विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, महाविद्यालय और विद्यालय में कम्पोजिट ब्लॉक के निर्माण कार्य सम्मिलित हैं.

अर्पणा अरोरा ने बताया कि योजना के विस्तार हेतु क्लस्टर ऑफ विलेज तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक्स के प्रस्ताव भी स्वीकृति हेतु भिजवाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नए प्रस्तावों में सम्मिलित कार्यों का संचालन संबंधित विभाग की ओर से ही किया जाए. साथ ही नए प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग के माध्यम से ही भिजवायें ताकि विभागीय स्वीकृति आदि की अनुपालना सुनिश्चित की जा सके.

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वहीं बैठक में योजना के तहत पहले से स्वीकृत कार्यों की भी समीक्षा की गई तथा समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश प्रदान किए गए. साथ ही उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भिजवाए जाने हेतु निर्देशित किया गया. अप्रैल 2018 से राज्य के चयनित अल्पसख्ंयक बाहुल्य क्षेत्रों में अजमेर, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनू, सीकर, बूंदी, बांसवाड़ा, उदयपुर और नागौर आदि जिलों में स्थित अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक, कस्बों तथा जिला मुख्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत नए क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया है. बैठक में अलवर सांसद बालकनाथ, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक रोली सिंह, संयुक्त सचिव योजना वित्त एम एस राव सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे.

Intro:नये 15 सूत्री कार्यक्रम की समीक्षा बैठक
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत विकास कार्यों के प्रस्तावों का अनुमोदन

एंकर:- शासन सचिवालय में प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की राज्य स्तरीय समिति की समीक्षा बैठक मुख्यसचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि मदरसों में बच्चों की तालीम और कक्षा 8 के पश्चात् प्रवेश की क्या स्थिति होती है, इसका अध्ययन किया जाये ताकि ड्रॉपआउट बच्चों का पता चल सके। उन्होंने कहा कि 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अन्तर्गत सम्बन्धित विभाग अपने बजट का 15 प्रतिशत का फण्ड-फ्लो, टारगेट आदि निर्धारित कर नोडल विभाग को अवगत करवाएं। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं जनजाति क्षेत्रीय विकास की भांति कार्यक्रमों की सतत मॉनिटरिंग आयोजना विभाग द्वारा की जानी चाहिए।

Body:VO:- उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास, अल्पसंख्यक मामलात विभाग तथा अन्य विभाग जो योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं वे सम्मिलित रूप से योजना प्रारूप तैयार करें ताकि प्रभावी क्रियान्वयन के साथ वित्तीय संसाधनों का सार्थक उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अर्पणा अरोरा ने बताया कि योजनान्तर्गत राज्य के 16 जिलों के 15 ब्लॉक्स, 17 कस्बे एवं 2 जिला मुख्यालय सम्मिलित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के चयनित अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत 65.57 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव स्वीकृत हेतु भारत सरकार को भिजवाये जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन पर््रस्तावों मेें कॉमन सर्विस सेन्टर, छात्रावास, आवासीय विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा महाविद्यालय एवं विद्यालय में कम्पोजिट ब्लॉक के निर्माण कार्य सम्मिलित हैं। योजना के विस्तार हेतु क्लस्टर ऑफ विलेज तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य ब्लॉक्स के प्रस्ताव भी स्वीकृति हेतु भिजवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नए प्रस्तावों में सम्मिलित कार्यों का संचालन सम्बन्धित विभाग द्वारा ही किया जाए। साथ ही नए प्रस्ताव प्रशासनिक विभाग के माध्यम से ही भिजवायें ताकि विभागीय स्वीकृति आदि की अनुपालना सुनिश्चित की जा सके। बैठक में योजना के तहत पूर्व में स्वीकृत कार्यों की भी समीक्षा की गई तथा समय पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश प्रदान किए गए। साथ ही उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर भिजवाए जाने हेतु निर्देशित किया गया। अप्रेल, 2018 से राज्य के चयनित अल्पसख्ंयक बाहुल्य क्षेत्रों में अजमेर, गंगानगर, बीकानेर, चूरू, झूंझंनू, सीकर, बूंदी, बांसवाड़ा, उदयपुर एवं नागौर आदि जिलों में स्थित अल्पसख्यक बाहुल्य ब्लॉक, कस्बों तथा जिला मुख्यालयों को प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत नए क्षेत्रों के रूप में शामिल किया गया है।

बैठक में अलवर सांसद श्री बालकनाथ, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक श्रीमती रोली सिंह, संयुक्त सचिव योजना वित्त श्री एम.एस.राव सहित अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।
Conclusion:
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