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सूर्य ग्रहण को लाइव देखने बिड़ला तारामंडल पहुंचे लोग, बंद होने से वापस लौटे दर्शक

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Published : Oct 25, 2022, 7:04 PM IST

जयपुर के बिड़ला प्लेनेटोरियम में सोमवार को लोग साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने के लिए (Solar Eclipse Live in Jaipur) पहुंचे. लेकिन दिवाली की छुट्टी रहने की वजह से बिड़ला प्लेनेटोरियम बंद ,था जिसके कारण लोगों को निराश होकर वापस लौटना पड़ा.

Solar Eclipse Live in Jaipur
बिड़ला प्लेनेटोरियम

जयपुर. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने के लिए जयपुर के बिड़ला प्लेनेटोरियम पहुंचे शहर वासियों को मायूस होकर लौटना पड़ा. दीपावली पर छुट्टी होने के चलते प्लेनेटोरियम बंद रहा. ऐसे में लोगों ने घर से ही एक्स-रे और चश्मे के जरिए सूर्य ग्रहण का नजारा (Solar Eclipse Live in Jaipur) देखा. वहीं, राजस्थान सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में एस्ट्रो नाइट स्काई टूरिज्म कार्यक्रम आयोजित कर सूर्य ग्रहण का लाइव नजारा दिखाया गया.

जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है और सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक जाता है, तो वह सूर्य ग्रहण होता है, जब चंद्रमा का व्यास सूर्य से छोटा होता है इस दौरान चंद्रमा सूर्य के अधिकांश प्रकाश को ढक लेता है. इसके कारण सूर्य अग्नि की अंगूठी के समान दिखाई देता है. जयपुर में सूर्य ग्रहण 1 घंटा 17 मिनट और 8 सेकंड तक रहेगा. यहां शाम 4:32 बजे से ग्रहण शुरू हो चुका और शाम 6.32 बजे होगा. हालांकि इस बीच शाम 5:50 बजे ही सूर्यास्त हो जाएगा. ऐसे में जयपुर में सूर्य 51.77 फीसदी ग्रासमान रहने से करीब आधा राहु की छाया से ग्रसित होता हुआ नजर आएगा.

बिड़ला तारामंडल

पढ़ें: ग्रहण में भी खुले रहते हैं गोविंद देव जी के पट, जानिए क्या है कारण...

सूर्यग्रहण के नजारे को देखने के लिए जयपुर वासी स्टेच्यू सर्किल पर स्थित बिड़ला प्लेनेटोरियम में पहुंचे. लेकिन दीपावली का अवकाश होने के चलते प्लेनेटोरियम भी बंद रहा. जिसकी वजह से यहां पहुंचे लोगों को मायूस लौटना होकर लौटना पड़ा. सूर्यग्रहण देखने पहुंचे लोगों ने बताया कि बिड़ला प्लेनेटोरियम में हाईटेक मशीनों और टेलिस्कोप आदि के जरिए सूर्य ग्रहण देखने और कुछ सीखने का मौका मिलता लेकिन अब पारंपरिक एक्स-रे या चश्मा लगाकर सूर्य ग्रहण के नजारे को देखेंगे.

सूर्य ग्रहण देखने के लिए उचित तकनीक का करें उपयोग: सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों और उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं. किसी व्यक्ति को उचित सुरक्षा के बिना थोड़ी देर के लिए भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. यहां तक कि जब सूर्य का 99 प्रतिशत हिस्सा आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा ढक लेता है, तब भी शेष प्रकाश आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. विकिरण से बचाव में सक्षम ऑप्टिकल घनत्व वाले सौर फिल्टर आंखों के लिए सुरक्षित हैं और उनका उपयोग देखने के लिए करना चाहिए. नग्न आंखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है.

वहीं, राजस्थान सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सूर्य मंदिर में शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे तक एस्ट्रो नाइट स्काई टूरिज्म कार्यक्रम आयोजित किया. जहां हर वर्ग के लोगों ने जयपुर वाटी पहुंचकर ग्रहण का लाइव नजारा देखा. आज के बाद ऐसी घटना 20 मार्च 2034 को ही देखने को मिलेगी.

जयपुर. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण देखने के लिए जयपुर के बिड़ला प्लेनेटोरियम पहुंचे शहर वासियों को मायूस होकर लौटना पड़ा. दीपावली पर छुट्टी होने के चलते प्लेनेटोरियम बंद रहा. ऐसे में लोगों ने घर से ही एक्स-रे और चश्मे के जरिए सूर्य ग्रहण का नजारा (Solar Eclipse Live in Jaipur) देखा. वहीं, राजस्थान सरकार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में एस्ट्रो नाइट स्काई टूरिज्म कार्यक्रम आयोजित कर सूर्य ग्रहण का लाइव नजारा दिखाया गया.

जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चन्द्रमा आ जाता है और सूर्य पूरी तरह से या आंशिक रूप से ढक जाता है, तो वह सूर्य ग्रहण होता है, जब चंद्रमा का व्यास सूर्य से छोटा होता है इस दौरान चंद्रमा सूर्य के अधिकांश प्रकाश को ढक लेता है. इसके कारण सूर्य अग्नि की अंगूठी के समान दिखाई देता है. जयपुर में सूर्य ग्रहण 1 घंटा 17 मिनट और 8 सेकंड तक रहेगा. यहां शाम 4:32 बजे से ग्रहण शुरू हो चुका और शाम 6.32 बजे होगा. हालांकि इस बीच शाम 5:50 बजे ही सूर्यास्त हो जाएगा. ऐसे में जयपुर में सूर्य 51.77 फीसदी ग्रासमान रहने से करीब आधा राहु की छाया से ग्रसित होता हुआ नजर आएगा.

बिड़ला तारामंडल

पढ़ें: ग्रहण में भी खुले रहते हैं गोविंद देव जी के पट, जानिए क्या है कारण...

सूर्यग्रहण के नजारे को देखने के लिए जयपुर वासी स्टेच्यू सर्किल पर स्थित बिड़ला प्लेनेटोरियम में पहुंचे. लेकिन दीपावली का अवकाश होने के चलते प्लेनेटोरियम भी बंद रहा. जिसकी वजह से यहां पहुंचे लोगों को मायूस लौटना होकर लौटना पड़ा. सूर्यग्रहण देखने पहुंचे लोगों ने बताया कि बिड़ला प्लेनेटोरियम में हाईटेक मशीनों और टेलिस्कोप आदि के जरिए सूर्य ग्रहण देखने और कुछ सीखने का मौका मिलता लेकिन अब पारंपरिक एक्स-रे या चश्मा लगाकर सूर्य ग्रहण के नजारे को देखेंगे.

सूर्य ग्रहण देखने के लिए उचित तकनीक का करें उपयोग: सूर्य ग्रहण देखने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित उपकरणों और उचित तकनीकों का उपयोग करना चाहिए, क्योंकि सूर्य की अवरक्त और पराबैंगनी किरणें आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती हैं. किसी व्यक्ति को उचित सुरक्षा के बिना थोड़ी देर के लिए भी सीधे सूर्य की ओर नहीं देखना चाहिए. यहां तक कि जब सूर्य का 99 प्रतिशत हिस्सा आंशिक ग्रहण के दौरान चंद्रमा ढक लेता है, तब भी शेष प्रकाश आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है. विकिरण से बचाव में सक्षम ऑप्टिकल घनत्व वाले सौर फिल्टर आंखों के लिए सुरक्षित हैं और उनका उपयोग देखने के लिए करना चाहिए. नग्न आंखों से ग्रहण को नहीं देखना चाहिए. सूर्य ग्रहण देखने की सबसे अच्छी विधि उपयुक्त सतह पर दूरबीन या पिनहोल कैमरा का उपयोग है.

वहीं, राजस्थान सरकार का विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने सूर्य मंदिर में शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे तक एस्ट्रो नाइट स्काई टूरिज्म कार्यक्रम आयोजित किया. जहां हर वर्ग के लोगों ने जयपुर वाटी पहुंचकर ग्रहण का लाइव नजारा देखा. आज के बाद ऐसी घटना 20 मार्च 2034 को ही देखने को मिलेगी.

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