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रेजिडेंट डॉक्टर्स फिर आंदोलन की राह पर, आज काली पट्टी बांधकर जताएंगे अपना विरोध

प्रदेश के मरीजों की एक बार फिर परेशानी बढ़ सकती है. रेजिडेंट डॉक्टर्स एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर चल पड़े है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की बुधवार देर शाम तक चली जीबीएम वार्ता विफल रही. इसको लेकर फिर आंदोलन की राह पर उतर गए हैं.

Resident doctors again strike, रेजिडेंट डॉक्टर्स का आंदोलन
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Published : Nov 14, 2019, 4:37 AM IST

जयपुर. रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं. अपनी सभी मांगों को लेकर अस्पताल प्रशासन को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया है और रविवार तक मांगे पूरी नहीं होने पर सोमवार से मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार करेंगे. वहीं गुरुवार से सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे.

रेजिडेंट डॉक्टर्स फिर आंदोलन की राह पर.
ये हैं मांगे:
  • एसएमएस अस्पताल समेत सभी अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था
  • हाल ही में बढ़ाई गई मेडिकल छात्रों की फीस वापस लेने की मांग
  • एसआर शीप के लिए एक साल की राजकीय सेवा की अनिवार्यता हटाने की मांग
  • फर्स्ट ईयर रेजिडेंट को हॉस्टल सुविधा या हाउस रेंट देने को मांग

ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र में राज्यपाल ने स्थिरता की बजाय अस्थिरता लाने वाला निर्णय लिया : अशोक गहलोत

बता दें रेजिडेंट डॉक्टर्स लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. वहीं हाल ही में रेसिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए एसएमएस अस्पताल में 16 निजी बाउंसर भी लगाए गए थे जिसकी जानकारी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा तक को नहीं थी. लेकिन मंगलवार देर रात अस्पताल में बाउंसर द्वारा मरीज के परिजन के साथ बदसलूकी करने के मामले की वजह से चिकित्सा मंत्री ने बाउंसर की सेवाएं समापत कर दी थी. जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स अस्पताल प्रशासन से जीबीएम बैठक की लेकिन बैठक के विफल होने के चलते रेसिडेंट डॉक्टर्स एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर गए हैं.

जयपुर. रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी सुरक्षा समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहे हैं. अपनी सभी मांगों को लेकर अस्पताल प्रशासन को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया है और रविवार तक मांगे पूरी नहीं होने पर सोमवार से मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार करेंगे. वहीं गुरुवार से सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे.

रेजिडेंट डॉक्टर्स फिर आंदोलन की राह पर.
ये हैं मांगे:
  • एसएमएस अस्पताल समेत सभी अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था
  • हाल ही में बढ़ाई गई मेडिकल छात्रों की फीस वापस लेने की मांग
  • एसआर शीप के लिए एक साल की राजकीय सेवा की अनिवार्यता हटाने की मांग
  • फर्स्ट ईयर रेजिडेंट को हॉस्टल सुविधा या हाउस रेंट देने को मांग

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बता दें रेजिडेंट डॉक्टर्स लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. वहीं हाल ही में रेसिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए एसएमएस अस्पताल में 16 निजी बाउंसर भी लगाए गए थे जिसकी जानकारी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा तक को नहीं थी. लेकिन मंगलवार देर रात अस्पताल में बाउंसर द्वारा मरीज के परिजन के साथ बदसलूकी करने के मामले की वजह से चिकित्सा मंत्री ने बाउंसर की सेवाएं समापत कर दी थी. जिसके बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स अस्पताल प्रशासन से जीबीएम बैठक की लेकिन बैठक के विफल होने के चलते रेसिडेंट डॉक्टर्स एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर गए हैं.

Intro:जयपुर- प्रदेश के मरीजों की एक बार फिर परेशानी बढ़ सकती है। रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर चल पड़े है। रेसिडेंट्स डॉक्टर्स की आज देर शाम तक चली जीबीएम वार्ता विफल रही और इसको लेकर रेसिडेंट्स आंदोलन की राह पर उतर गए है। रेसिडेंट्स अपनी सुरक्षा समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन करने जा रहे है। रेसिडेंट्स डॉक्टर्स ने अपनी सभी मांगों को लेकर अस्पताल प्रशासन को रविवार तक का अल्टीमेटम दिया है और रविवार तक मांगे पूरी नहीं होती है तो सोमवार से मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्य बहिष्कार करेंगे। वही गुरुवार से सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स काली पट्टी बांधकर शक्ति प्रदर्शन करेंगे।

ये है मांगे
- एसएमएस अस्पताल समेत सभी अस्पतालों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था
- हाल ही में बढ़ाई गई मेडिकल छात्रों की फीस वापस लेने
- एसआर शीप के लिए एक साल की राजकीय सेवा की अनिवार्यता हटाने
- फर्स्ट ईयर रेजिडेंट को हॉस्टल सुविधा या हाउस रेंट देने को मांगBody:आपको बता दे रेसिडेंट्स डॉक्टर्स लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। वही हालही में रेसिडेंट डॉक्टर की सुरक्षा के लिए एसएमएस अस्पताल में 16 निजी बाउंसर भी लगाए गए थे जिसकी जानकारी चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा तक को नहीं थी लेकिन मंगलवार देर रात अस्पताल में बाउंसर द्वारा मरीज के परिजन के साथ बदसलूखि होने का मामला बढ़ते देख चिकित्सा मंत्री ने आज बाउंसर की सेवाएं समापत कर दी थी। जिसके बाद रेसिडेंट्स डॉक्टर्स ने अस्पताल प्रशासन से जीबीएम बैठक की लेकिन बैठक के विफल होने के चलते रेसिडेंट्स डॉक्टर्स एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतर गए है। हालांकि रेसिडेंट्स डॉक्टर्स के आंदोलन के चलते अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा के इंतेजाम भी कर दिए है।

बाईट- रेजिडेंट डॉक्टर
बाईट- डीएस मीना, अधिक्षक, एसएमएस अस्पताल
बाईट- सुधीर भंडारी, प्रिंसिपल, एसएमएस मेडिकल कॉलेजConclusion:
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