जयपुर. राजस्थान की महत्वपूर्ण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस परियोजना को लेकर राज्य सरकार की ओर से 9600 करोड़ रुपए प्रावधान किया गया है ताकि योजना से 13 जिलों की पानी की समस्या का समाधान हो सके. वहीं अब ईआरसीपी अगले विधानसभा चुनाव का प्रमुख चुनावी मुद्दा भी बनता दिख रहा है. इस बीच रविवार को किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट (Sach of Eastern Rajasthan Canal Project) की लिखी 'पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का सच' पुस्तक का विमोचन हुआ.
राजस्थान हाईकोर्ट परिसर के सतीश चंद्र अग्रवाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन, पूर्व अध्यक्ष बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया बीरी सिंह सिनसिनवार, पूर्व आईएएस जस्साराम सहित प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के किसानों की मौजूदगी में सच पुस्तक का विमोचन (Book release on ERCP) किया गया. इस दौरान पूर्व न्यायाधीश पानाचंद जैन ने पुस्तक को किसानों की जीवन रेखा की संज्ञा दी.
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पूर्व अध्यक्ष बार कॉउंसिल ऑफ इंडिया बीरी सिंह सिनसिनवार ने इस परियोजना को भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर जिलों के किसानों की आय बढ़ाने और गरीबी से बाहर निकालने का साधन बताया. कहा कि राजस्थान सरकार चाहे तो एक ही वर्ष में परियोजना को पूरा कर सकती है. आने वाले बजट में 30 हजार करोड़ की व्यवस्था कर 13 जिलों के किसानों को सिंचाई का पानी और पेयजल की आवश्यकता की पूर्ति कर सकती है.
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पूर्व आईएएस जस्साराम ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार आपस में आरोप प्रत्यारोप बंद करें. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना का पूर्ण करने में अपना योगदान दें. इस दौरान जयपुर जिले में किसानों की आवाज को धार देने और किसानों को एकजुट करने के लिए जयपुर जिले को चार भागों (उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम) में बांटकर चारों के अध्यक्षों की घोषणा की जिसमें जयपुर उत्तर से ओपी यादव, जयपुर दक्षिण से मोतीलाल खाड़लवाल, जयपुर पूर्व से नीलम क्रांति और जयपुर पश्चिम से किशनलाल मीणा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई.