जयपुर. राजस्थान के नए बनाए गए प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेताओं, विधायकों और मंत्रियों से अनौपचारिक चर्चा कर उनका मन टटोल चुके हैं, लेकिन अब औपचारिक रूप से सुखजिंदर 28 से राजस्थान का प्रभार संभालेंगे. रंधावा जयपुर ग्रामीण और जयपुर शहर के सभी मंत्रियों विधायकों के साथ ही प्रमुख नेताओं के साथ बैठेंगे और संगठनात्मक स्थितियों पर चर्चा करेंगे.
कहा जा रहा है कि रंधावा अन्य नेताओं के साथ ही जयपुर के विधायकों से भी अलग से चर्चा करेंगे और इसमें वह विधायकों का मन भी टटोलेंगे (Randhawa will probe the mind of MLAs) कि वह क्या चाहते हैं. 28 दिसंबर को रंधावा जयपुर से विधायकों के फीडबैक लेंगे और सभी नेताओं से संगठन की चर्चा की शुरुआत करने जा रहे हैं. जनवरी महीने में बाकी अन्य संभागों के विधायकों और अन्य नेताओं से भी रंधावा बारी बारी से चर्चा करेंगे. 25 सितंबर को राजस्थान में विधायक दल की बैठक नहीं होने की नाराजगी में पूर्व प्रभारी अजय माकन ने अपना पद छोड़ने की इच्छा जताई थी.
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इसके बाद रंधावा का 28 दिसंबर से शुरू हो रहा राजस्थान संगठन को संभालने का काम चुनौतीभरा रहेगा. पद संभालने के साथ ही रंधावा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि राजस्थान के विधायकों पर जो कांग्रेस आलाकमान की नाफरमानी करने का आरोप है उसे किस तरह दूर किया जाए. साथ ही यह मैसेज दिया जाए कि अब रंधावा के प्रभारी बनने के बाद राजस्थान में ऑल इज वेल है.