जयपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, पेपर लीक, युवा और किसानों से वादाखिलाफी जैसे आरोप लगाते हुए बीजेपी ने 1 अगस्त को 'चलो जयपुर' का नारा देते हुए सचिवालय घेरने का ऐलान किया है. इससे पहले रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे को हवा दी. साथ ही कहा कि उन्हें राजस्थान के वैभव की चिंता है, किसी एक 'वैभव' कि नहीं. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण का भी आरोप लगाया.
चुनावी साल में बीजेपी सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने में लगी हुई है. बीजेपी ने नहीं सहेगा राजस्थान अभियान के तहत 1 अगस्त को जयपुर में सचिवालय का घेराव करने का ऐलान किया है. जिसके तहत पांचों दिशाओं से बीजेपी कार्यकर्ता सचिवालय कूच करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे. रविवार को चलो जयपुर का नारा देते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि युवाओं के सामने पहले ही चुनौतियां कम नहीं और राजस्थान सरकार उन चुनौतियों को और बढ़ा रही है. मुख्यमंत्री ने 1 लाख 20 हजार लोगों को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की थी. लेकिन अब तक महज 3 से 4 हजार लोगों को संविदा पर नौकरी मिली है.
उन्होंने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि मदरसों में नौकरी दी गई, ये सरकार किसी एक वर्ग के लिए काम करती है, सबके लिए काम नहीं. इस दौरान उन्होंने पशुपालन विभाग में थर्ड पार्टी कॉन्ट्रैक्ट पर नौकरी लगाने का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान में कॉन्ट्रैक्ट बेस नौकरी में 6 से 7 हजार प्रति महीना मिलेगा और इसे सरकार मॉडल बता रही है. प्रदेश में इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले, लेकिन वहां टीचर नहीं है. प्रतियोगिता परीक्षा कराई, उनके पेपर लीक हो रहे हैं. पेपर लीक तो सरकार की आमदनी का जरिया बन गया है. यही नहीं उन्होंने आरपीएससी में की गई नियुक्तियों को राजनीतिक नियुक्ति बताते हुए पेपर लीक का जिम्मेदार ही मुख्यमंत्री को ठहराया.
राठौड़ ने कहा कि आज देश में बेरोजगारी दर के मामले में राजस्थान अव्वल है और इसके पीछे कारण है कि सरकार ने एंप्लॉयमेंट की नहीं बल्कि बेरोजगारी की योजनाएं बनाई. अपने मेनिफेस्टो में बेरोजगारी भत्ता देने की घोषणा की. क्योंकि रोजगार तो वो दे ही नहीं सकते. उनके पास ना तो कोई विजिन है और ना इच्छा शक्ति और बढ़ोतरी केवल एक परिवार की जिसमें पूरे परिवार ने आरएएस का इम्तिहान पास कर लिया.
आखिर में उन्होंने कहा कि बीजेपी रिपोर्ट कार्ड की राजनीति करती है, वो परिवारवाद, वर्ग विशेष और तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं. बीजेपी को चिंता राजस्थान के वैभव की है, किसी एक वैभव की नहीं. उन्होंने कहा कि किसी परिवार से द्वेष नहीं है, लेकिन एक परिवार को सब कुछ मान लेना ये स्वीकार नहीं. आज जो सत्ता में है, केवल उनके परिवारों ने पिछले 5 साल में प्रगति की है, जबकि प्रगति पूरे राजस्थान की होनी चाहिए थी.
इससे पहले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की ओर से प्रधानमंत्री पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि जहां तक भाषा के प्रयोग है, ये तुच्छ, घटिया भाषा का जो इस्तेमाल करते हैं, वो देश की राजनीति को गटर के लेवल पर ले जाना चाहते हैं. वहां पर उनका पीछा कोई नहीं करेगा. वो गटर में खुद को अकेला ही पाएंगे. इस तरह की भाषा उनकी परवरिश बताती है. जहां तक बात मणिपुर की है, तो 2014 से पहले यूपीए सरकार ने नार्थ ईस्ट की परवाह ही नहीं की. दशकों तक वहां अलग-अलग उग्रवादी ग्रुप एक्टिव थे. 2014 के बाद जो शांति आई वो अभूतपूर्व है और 9 साल में नॉर्थ ईस्ट में टूरिज्म, रेल, रोड, एयरपोर्ट हर तरह से नॉर्थ-ईस्ट की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है. आज लोग पॉलिटिकल टूरिज्म के लिए मणिपुर गए हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लुक ईस्ट नहीं, बल्कि एट इस्ट की पॉलिसी के तहत परिवर्तन लाए हैं.