जयपुर. राजस्थान की गहलोत सरकार ने किसानों और खेतीहर मजदूरों के लिए निर्णय लेते हुए राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना 2009 का दायरा बढ़ाया है. बता दें कि खेत पर कृषि कार्य करते समय विभिन्न परिस्थितियों में दुर्घटनाएं हो जाती थीं. जिसे लेकर मूल योजना में उन परिस्थितियों का समावेश नहीं होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त किसान या अन्य दावेदार योजना के लाभ से वंचित रह जाता था.
ऐसे प्रकरण सामने आने पर काश्तकारों के हित में निर्णय लेते हुए कृषि कार्य करते समय फसल की बुवाई के लिए खेत की तैयारी, मेडबंदी करते समय, फसल को काट कर इकट्ठी करते समय, फसल से अनाज निकालते समय, चक्रवाती तूफान या बारिश के समय पेड़ के नीचे दबने से हुई दुर्घटना में अंग-भंग और मृत्यु होने की परिस्थितियों को भी योजना में शामिल किया गया है.
साथ ही सिंचाई अथवा कृषि से संबंधित अन्य कार्य करते समय, खेत में निर्मित संरचनाओं जैसे डिग्गी, फार्म पौंड, टांका, कुएं या अन्य जल भराव की संरचनाओं से फिसलकर गिरने अथवा पानी की निकासी करते समय गिरने से हुए अंग-भंग या मृत्यु होने पर भी योजना में लाभ दिया जा सकेगा.
पढ़ें: भरतपुर की ऐतिहासिक सुजान गंगा नहर बनी सेप्टिक नहर
योजना में अब तक खेती के प्रयोजन से ट्रैक्टर, बैलगाड़ी या ऊंटगाड़ी से घर से खेत आते-जाते समय दुर्घटना में मृत्यु या अंग-भंग होने पर लाभ देय था. जिसमें अब मोटरसाइकिल अथवा अन्य किसी भी वाहन से खेत पर कृषि कार्य के लिए आते-जाते समय दुर्घटना होने की परिस्थिति को भी शामिल किया गया है.