जयपुर. भीलवाड़ा में नाबालिग बच्चियों को स्टाम्प पर बेचने के मामले में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. भाजपा के उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष को सलाह दी है कि वो आईवॉश के लिए कोरा बयान न (Rajendra Rathod targets women commission president) दें. वहीं बाल आयोग अध्यक्ष ने इस बात को दोहराया कि इस तरह की घटना भले ही पुरानी हो लेकिन समाज को कलंकित करने वाली हैं.
आयोग के काम पर सवाल: उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भीलवाड़ा में बच्चों को बेचने के मामले पर राज्य महिला आयोग को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग अध्यक्ष को बयान देने से पहले राज्य बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष के बयान का संज्ञान लेना चाहिए था. उन्होंने कहा बाल आयोग अध्यक्ष ने खुद कहा था कि चार जिलों में स्टाम्प पर बहनों बेटियों का बेचा जाता है. ये प्रदेश के लिए कलंक की बात है. राठौड़ ने कहा कि पुलिस रिकॉर्ड भी कह रहा है कि इस प्रकार की घटनाएं हुई है और एनसीआरबी में आंकड़े दर्ज है.
उन्होंने आगे कहा- महिला आयोग अध्यक्ष को केवल आईवॉश के लिए बयान नहीं देना चाहिए राज्य महिला अयोग किसी एक दल का नहीं है, बल्कि एक स्वतंत्र इकाई है, जो महिलाओं के सरंक्षण और उत्थान की बात करता है. इस नाते बयान को दोबारा देखना चाहिए और जो घटनाएं हुई उसका रिकॉर्ड दर्ज है. उन्हें सिरे से नकार रही हैं. उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आकंड़े के अनुसार राजस्थान महिला अपराध में एक नम्बर है, बाल तस्करी में एक नम्बर है. इस तरह की घटनाएं किसी भी सरकार, समाज पर कलंक है. शासन किसी का भी हो, लेकिन इस तरह की घटनाओं से राजस्थान कलंकित हो रहा है. इन्हें रोकने की काेशिश होनी चाहिए.
गौरतलब है कि, भीलवाड़ा में बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने के मामले का संज्ञान लेते हुए राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल शनिवार को शहर (Sangeeta Beniwal in Bhilwara) पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने एसपी और कलेक्टर के साथ बैठक कर पूरी जानकारी ली. बेनीवाल ने कहा कि बालिकाओं को स्टाम्प पर बेचने का मामला पुराना है. वर्ष 2019 में इस प्रकार की घटना सामने आई थी. वर्तमान में ऐसा कुछ नहीं है.
पढ़ें. भीलवाड़ा में बच्चियों की खरीद फरोख्त पर सीएम का जवाब, बोले ये 2005 का मामला
मामला पुराना लेकिन राजस्थान के लिए कलंक: भीलवाड़ा में स्थान पर बेटियों को बेचने का मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग ने भी उदयपुर संभाग का दौरा किया. साथ ही भीलवाड़ा में विशेष जाति की ओर से बेची जा रही बेटियों को लेकर संबंधित जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की. आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि मामला 2019 का है. इस मामले में 25 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन इस तरह के मामले राजस्थान के लिए कलंक है. आजाद भारत में आज भी इस तरह से बेटियों को बेचा जाना गंभीर विषय है. संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल आयोग की तरफ से उदयपुर संभाग में बालिका आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसके जरिए वहां के लोगों को बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा.
पुराने मामले को रिसर्कुलेट किया: दर्शन राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष रेहाना रियाज ने दो दिन पहले भीलवाड़ा वाले मामले को पूरी तरीके से झूठा बताते कहा था कि यह पुराना मामला है. इस पुराने मामले को रिसर्कुलेट किया गया है. 2019 के इस मामले में जो स्टाम्प है वह भी 2005 का है, जो कि वैलिड नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया है. प्रदेश की गहलोत सरकार महिला अपराध के प्रति संवेदनशील है और कार्रवाई हो रही है.