जयपुर. श्रावण मास के बाद भाद्रपद मास में भी प्रदेश में सामान्य से 60 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है. अच्छी बारिश होने से आमजन को गर्मी और उमस से राहत मिली है, तो वहीं कोटा, झालावाड़, भीलवाड़ा, बारां, धौलपुर समेत अन्य जगहों पर बाढ़ आने से जनजीवन अस्त व्यस्त होता हुआ नजर आ रहा है. आमजन को जलभराव के बीच सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की ओर से रेस्क्यू किया जा रहा है. वहीं, कई जगहों पर स्कूल कॉलेज में छुट्टियां दे दी गई है.
प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर जारी रहेगा. मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को सिरोही, उदयपुर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर में कहीं-कहीं पर भारी बारिश और कई जगह अति भारी बारिश दर्ज की गई है. पश्चिमी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश 145 एमएम भीनमाल जालोर में दर्ज की गई है. पूर्वी राजस्थान में देलदर सिरोही में 120 एमएम बारिश दर्ज की गई है. बुधवार को वेल मार्क लो प्रेशर जैसलमेर के आसपास पहुंच गया है. इसके प्रभाव से आज भी जैसलमेर, बाड़मेर और आसपास के जिलों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश के दौर जारी रहने की संभावना है. प्रदेश के शेष भागों में आज से ही बारिश की गतिविधियों में तेजी से कमी होगी.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान- मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को जयपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाडा समेत आस पास क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है. कहीं-कहीं पर मेघ गर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई गई है.
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अधिकतम तापमान- प्रदेश में अधिकतम तापमान (Maximum Temperature in Rajasthan) की बात की जाए तो अजमेर में 25 डिग्री सेल्सियस, भीलवाड़ा में 27 डिग्री सेल्सियस, वनस्थली में 27.8 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 29 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 26.3 डिग्री सेल्सियस, पिलानी में 33.5 डिग्री सेल्सियस, सीकर में 28 डिग्री सेल्सियस, कोटा में 28.9 डिग्री सेल्सियस, बूंदी में 33.5 डिग्री सेल्सियस, चित्तौड़गढ़ में 25 डिग्री सेल्सियस, डबोक में 25.7 डिग्री सेल्सियस, बाड़मेर में 33.5 डिग्री सेल्सियस, पाली में 31 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 34.4 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, फलौदी में 34.4 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 34.5 डिग्री सेल्सियस.
चूरू में 33.2 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में 36.1 डिग्री सेल्सियस, धौलपुर में 31.2 डिग्री सेल्सियस, नागौर में 31.3 डिग्री सेल्सियस, टोंक में 28.6 डिग्री सेल्सियस, बारां में 29.6 डिग्री सेल्सियस, डूंगरपुर में 25.5 डिग्री सेल्सियस, हनुमानगढ़ में 35.9 डिग्री सेल्सियस, जालोर में 31.1 डिग्री सेल्सियस, सिरोही में 29.4 डिग्री सेल्सियस, सवाई माधोपुर में 29.8 डिग्री सेल्सियस, करौली में 29.9 डिग्री सेल्सियस, बांसवाड़ा में 26.6 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज (Maximum Temperature in Rajasthan) किया गया है.
तेज पानी की आवक से बांध पानी से छलकने लगे हैं. राज्य के 240 बांध बारिश के बाद ओवरफ्लो हो गए हैं. राज्य के 716 बांधों में से 262 बांध आंशिक रूप से भरे हुए हैं, जिसमें से 203 बांध खाली हैं. जयपुर सहित अन्य पेयजल तीन जिलों की पेयजल आपूर्ति वाले बीसलपुर बांध (bisalpur dam) तीन साल बाद अगस्त के आखिरी सप्ताह में पूर्ण भराव की ओर है. 2019 में बाद पूर्णतया भरा था। बुधवार सुबह बांध का जलस्तर 314.73 आरएल मीटर दर्ज किया गया.
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बांध में आया पानी- बीसलपुर बांध (bisalpur dam) की बात की जाए तो बांध में अब तक 14 महीने के लिए पेयजल आपूर्ति, सिंचाई के लिए पानी आ चुका है. बांध की कुल पूर्ण भराव क्षमता 315.5 आरएल मीटर यानी 38.7 टीएमसी है. केचमेंट एरिया टोंक, चित्तौड़, भीलवाड़ा सहित आसपास की जगहों पर हुई तेज बारिश से बांध में लगातार तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है.
तेज बारिश के आसार- मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में आगामी 24 घंटे में उदयपुर, जोधपुर में भारी बारिश के आसार हैं. गुरुवार से बारिश की गतिविधियां कम होने के आसार हैं. जल संसाधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा कोटा जिले के बांधों में 90 फीसदी पानी आया है. वहीं, राज्य के सभी बांधों में 70 फीसदी से ज्यादा पानी की मात्रा दर्ज की गई. बड़े प्रमुख बाधों की बात करे तो 83 फीसदी पानी की मात्रा दर्ज की गई है. फिलहाल, अभी मानसून बचा है, ऐसे में बांधों की स्थिति आने वाले दिनों में और अच्छी होगी.
मूसलाधार बारिश से कोटा बैराज से 16 गेट खोलकर 4 लाख 76 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया. बैराज के डाउनस्ट्रीम में कई बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. निचले इलाके की बस्तियों में पानी आने से बाढ़ के हालात बन गए हैं. कोटा के इटावा में भी हालात खराब है. आसपास के गांव पूरी तरह से टापू बन गए हैं. चंबल नदी खतरे के निशान से अधिक बहने से 30 से अधिक गांवों में हालात खराब है. चंबल में पानी का स्तर 142.10 मीटर पर बना हुआ है और तेज गति से जलस्तर बढ़ रहा है.