जयपुर. प्रदेश के 240 नगरीय निकायों में राजीव गांधी शहरी ओलंपिक खेल आयोजित होंगे. इसके लिए 628 क्लस्टर बनाए गए हैं. जिनमें फिलहाल रजिस्ट्रेशन का दौर जारी है. इन खेलों को आयोजित कराने की जिम्मेदारी निकाय प्रशासन को ही सौंपी गई है. इसे मद्देनजर राजधानी के दोनों निगमों ने स्थान तो चिह्नित कर लिए हैं, लेकिन अब तक इक्विपमेंट्स हाथ में नहीं आए हैं. इसके अलावा इन प्रतियोगिताओं के लिए ऑफीशियल (निर्णायक) भी अभी तक तय नहीं हो पाए हैं.
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खेलों पर खर्च होंगे 130 करोड़ रुपएः बीते साल ग्रामीण ओलंपिक की सफलता और खिलाड़ियों के रुझान को देखते हुए इस बार शहरी ओलंपिक खेलों का भी आयोजन किया जा रहा है. 23 जून से शुरू होने वाले खेलों के इस महाकुंभ के आयोजन पर 130 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. ताकि खेलों के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहन मिले. शहरी ओलंपिक खेलों में रजिस्ट्रेशन के लिए राजस्थान का मूल निवासी होना जरूरी है. खिलाड़ी जन आधार कार्ड के आधार पर पंजीकरण कर सकते हैं. हालांकि इसमें कोई आयु वर्ग निर्धारित नहीं किया गया है.
ये खेल होंगे आयोजित:
- कबड्डी (गर्ल्स और बॉयज)
- टेनिस बॉल क्रिकेट (गर्ल्स और बॉयज)
- वॉलीबॉल (गर्ल्स और बॉयज)
- फुटबॉल (बॉयज और संभावित गर्ल्स)
- बॉस्केटबॉल (गर्ल्स और बॉयज)
- खो-खो (गर्ल्स)
- एथलेटिक्स (100 200 और 400 मीटर रेस) (गर्ल्स और बॉयज).
तैयारियां पहले से बेहतरः कृष्णा पूनियाः राजस्थान खेल परिषद की अध्यक्ष कृष्णा पूनिया ने बताया कि 23 जून से होने वाले राजीव गांधी ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों की शुरुआत होगी. इनके रजिस्ट्रेशन ओपन है. जहां तक तैयारियों का सवाल है तो वो पहले से और बेहतर चल रही हैं. इन्हें पहले से बेहतर तरीके से कराया जाएगा और रिजल्ट भी बेहतर रहेगा. कृष्णा पूनिया के इन दावों के उलट राजधानी के ही दोनों निगम अब तक खेलों के इक्विपमेंट्स तक नहीं खरीद पाए हैं. अभी तक यह भी नहीं तय हो पाया है कि आखिर इन खेलों में अंपायर और रेफरी कौन होंगे. हालांकि ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर महेंद्र सोनी ने कहा कि शहरी ओलंपिक पहले जनवरी में तय थे. उस वक्त भी निगम प्रशासन की ओर से काफी होमवर्क कर लिया गया था.
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उपकरण 3-4 दिनों में आ जाएंगेः उन्होंने बताया कि किन्ही कारणों से जनवरी में शहरी ओलंपिक नहीं हो पाए और अब 23 जून को शहरी ओलंपिक खेल होने जा रहे हैं. ऐसे में काफी तैयारी पहले हो चुकी है. खेलकूद से जुड़े इक्विपमेंट को लेकर जनवरी में ही टेंडर कर लिया गया था. उसका वर्क आर्डर दिया जा चुका है, और अगले 3 से 4 दिन में सामान निगम के हाथ में होगा. इसके अलावा पहले 5 वार्ड का एक क्लस्टर बनाया जाना था, जो अब 10 से 15 वार्ड का एक क्लस्टर बनाया गया है. ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में करीब 16 क्लस्टर बनेंगे. ऐसे में अब कम मैदानों की आवश्यकता है. वहीं जिला कलेक्टर से बात कर शिक्षा विभाग के पीटीआई को नियुक्त किया जाएगा. ताकि खेलों में किसी तरह की परेशानी न आए.
हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन बढ़ाने के प्रयासः हेरिटेज नगर निगम के कमिश्नर राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि उनके क्षेत्र में 100 वार्ड हैं. सभी में मेल और फीमेल खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. कुछ जगह रजिस्ट्रेशन कम हुआ है, वहां रजिस्ट्रेशन को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए पार्षदों को भी पत्र लिखा गया है. ताकि वो लोगों को शहरी ओलंपिक के प्रति जागरूक कर सके. जहां तक स्थान की बात है तो उसका काम लगभग पूरा हो गया है. किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में मैदान की समस्या आ रही है, तो प्रयास यही है कि पास के किसी खेल मैदान में उनके खेल कराए जाएं. वहीं इक्विपमेंट को लेकर टेंडर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो कुछ खामी है उनको जल्द दूर कर दिया जाएगा. बहरहाल, शहरी क्षेत्रों में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने पहल तो की है लेकिन नगरी निकायों की तैयारी फिलहाल अधूरी है.