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RU ने विदेशी विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए फीस में कमी की है

राजस्थान यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों के लिए यूजी और पीजी की फीस अब भी भारतीय छात्रों के मुकाबले कई गुना अधिक.

विदेशी विद्यार्थियों की फीस में किया मामूली बदलाव
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Published : May 16, 2019, 9:44 PM IST

जयपुर. प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले दस सालों से विदेशी स्टूडेंटों की संख्या कम हो रही है. इससे विवि की साख पर सवाल उठने लगे है. स्टूडेंटों की संख्या में आई गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती फीस बताया जा रहा है.

RU ने विदेशी विद्यार्थियों की फीस में किया मामूली बदलाव

वहीं पिछले दस सालों में आम विद्यार्थी से विदेशी विद्यार्थियों की फीस में 13 गुना इजाफा हुआ था. इस कारण विदेशी विद्यार्थियों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी को दरकिनार कर दिया है. राजस्थान यूनिवर्सिटी की गिरती रैंकिंग और टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार नहीं होना भी ये बड़ा कारण है. लेकिन हाल ही में जारी हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्रोस्पेक्टस में विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए फीस में कटौती की गई है. वहीं हर साल बढ़ने वाली 10 प्रतिशत फीस को भी नजरअंदाज किया गया है.

ये है विदेशी छात्रों का साल 2018-19 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी के लिए- 10,5000 रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 1,75000 रुपए प्रति वर्ष
आम छात्र
यूजी के लिए- 5 से 6 हजार रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 6 से 7 हजार रुपए प्रति वर्ष
विदेशी छात्रों का 2019-20 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी के लिए- 70,000 रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 1,40000 रुपए प्रति वर्ष
आम छात्र
यूजी के लिए- 6 से 8 हजार रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 8 से 9 हजार रुपए प्रति वर्ष

वहीं छात्र नेता सज्जन सैनी ने बताया कि बढ़ती फीस के चलते पिछले दस सालों से यूनिवर्सटी में विदेशी विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है. हाल ही प्रॉस्पेक्टस में गए साल की तुलना में फीस को कम किया गया है. लेकिन अभी भी फीस कई गुना ज्यादा है.

उधर, डीएसडब्ल्यू जीपी सिंह का कहना है कि राजस्थान और जयपुर में ही निजी यूनिवर्सिटी ज्यादा खुल गयी है, जिससे विद्यार्थियों का रुझान निजी विवि की ओर बढ़ रहा है. हालांकि अभी भी अन्य यूनिवर्सिटी से विवि की फीस 6 से 7 गुना अधिक है. कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि विदेशी छात्रों की संख्या बढ़े इसको ध्यान में रखते हुए इस बार फीस में कमी की गई है. आगे और जरूरत पड़ी तो और भी कम की जाएगी.

जयपुर. प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले दस सालों से विदेशी स्टूडेंटों की संख्या कम हो रही है. इससे विवि की साख पर सवाल उठने लगे है. स्टूडेंटों की संख्या में आई गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती फीस बताया जा रहा है.

RU ने विदेशी विद्यार्थियों की फीस में किया मामूली बदलाव

वहीं पिछले दस सालों में आम विद्यार्थी से विदेशी विद्यार्थियों की फीस में 13 गुना इजाफा हुआ था. इस कारण विदेशी विद्यार्थियों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी को दरकिनार कर दिया है. राजस्थान यूनिवर्सिटी की गिरती रैंकिंग और टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार नहीं होना भी ये बड़ा कारण है. लेकिन हाल ही में जारी हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्रोस्पेक्टस में विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए फीस में कटौती की गई है. वहीं हर साल बढ़ने वाली 10 प्रतिशत फीस को भी नजरअंदाज किया गया है.

ये है विदेशी छात्रों का साल 2018-19 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी के लिए- 10,5000 रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 1,75000 रुपए प्रति वर्ष
आम छात्र
यूजी के लिए- 5 से 6 हजार रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 6 से 7 हजार रुपए प्रति वर्ष
विदेशी छात्रों का 2019-20 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी के लिए- 70,000 रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 1,40000 रुपए प्रति वर्ष
आम छात्र
यूजी के लिए- 6 से 8 हजार रुपए प्रति वर्ष
पीजी के लिए- 8 से 9 हजार रुपए प्रति वर्ष

वहीं छात्र नेता सज्जन सैनी ने बताया कि बढ़ती फीस के चलते पिछले दस सालों से यूनिवर्सटी में विदेशी विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है. हाल ही प्रॉस्पेक्टस में गए साल की तुलना में फीस को कम किया गया है. लेकिन अभी भी फीस कई गुना ज्यादा है.

उधर, डीएसडब्ल्यू जीपी सिंह का कहना है कि राजस्थान और जयपुर में ही निजी यूनिवर्सिटी ज्यादा खुल गयी है, जिससे विद्यार्थियों का रुझान निजी विवि की ओर बढ़ रहा है. हालांकि अभी भी अन्य यूनिवर्सिटी से विवि की फीस 6 से 7 गुना अधिक है. कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि विदेशी छात्रों की संख्या बढ़े इसको ध्यान में रखते हुए इस बार फीस में कमी की गई है. आगे और जरूरत पड़ी तो और भी कम की जाएगी.

Intro:जयपुर- प्रदेश की सबसे बड़ी राजस्थान यूनिवर्सिटी में पिछले दस सालों से विदेशी स्टूडेंट का रुझान कम हुआ जिसके बाद विवि की साख पर सवाल उठने लगे थे। स्टूडेंट में आई गिरावट का मुख्य कारण बढ़ती फीस बताया जा रहा था, पिछले दस सालों में आम विद्यार्थी से विदेशी विद्यार्थियों की फीस में 13 गुना फीस में इजाफा हुआ था जिसके कारण विदेशी विद्यार्थियों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी को दरकिनार कर दिया था। राजस्थान यूनिवर्सिटी की गिरती रैंकिंग और टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार नहीं होना भी ये बड़ा कारण है। लेकिन हालही ही जारी हुए राजस्थान यूनिवर्सिटी के प्रॉस्पेक्टस में विदेशी छात्रों को लुभाने के लिए फीस में कटौती की गई है वही हर साल बढ़ने वाली 10 प्रतिशत फीस को भी नजरअंदाज किया गया है। देखिए फीस स्ट्रक्चर


Body:ये था विदेशी छात्रों का 2018-19 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी- 10,5000 रुपये प्रति वर्ष
पीजी- 1,75000 रुपये प्रति वर्ष

आम छात्र
यूजी- 5-6 हजार रुपये प्रति वर्ष
पीजी- 6-7 हजार रुपये प्रति वर्ष

विदेशी छात्रों का 2019-20 का फीस स्ट्रक्चर
यूजी- 70,000 रुपये प्रति वर्ष
पीजी- 1,40,000 रुपये प्रति वर्ष

आम छात्र
यूजी- 6-8 हजार रुपये प्रति वर्ष
पीजी- 8-9 हजार रुपये प्रति वर्ष

छात्र नेता सज्जन सैनी ने बताया कि बढ़ती फीस के चलते पिछले दस सालों से यूनिवर्सटी में विदेशी विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है। हालही प्रॉस्पेक्टस में गए साल की तुलना में फीस को कम किया गया है। लेकिन अभी भी फीस कई गुना ज्यादा है।

उधर, डीएसडब्ल्यू जीपी सिंह का कहना है कि राजस्थान और जयपुर में ही निजी यूनिवर्सिटी ज्यादा खुल गयी है जिससे विद्यार्थियों का रुझान निजी विवि की ओर बढ़ रहा है।

हालांकि अभी भी अन्य यूनिवर्सिटी से विवि की फीस 6 से 7 गुना अधिक है। कुलपति आरके कोठारी का कहना है कि विदेशी छात्रों की संख्या बढ़े इसको ध्यान में रखते हुए इस बार फीस में कमी की गई है, आगे ओर जरूरत पड़ी तो ओर कम की जाएगी।

बाईट- सज्जन सैनी, छात्र नेता
बाईट- जीपी सिंह, डीएसडब्ल्यू
बाईट- आरके कोठारी, कुलपति




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