जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग की महिला प्रोफेसर को सीसीएल मांगने पर प्रताड़ित करने के मामले में सोमवार को महिला आयोग में सुनवाई हुई. महिला आयोग ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए विभागाध्यक्ष और सहायक आचार्य को उनके असंवेदनशील आचरण और किए गए दुर्व्यवहार के लिए कड़ी फटकार लगाई है. साथ ही रजिस्ट्रार को 15 दिन बाद तलब किया है ताकि आगामी कार्रवाई की जा सके.
राजस्थान विश्वविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग में महिला शिक्षिकाओं की विभागाध्यक्ष डॉ. ओम महला और सहायक आचार्य डी. सुधीर के शिकायत प्रकरण में महिला आयोग की ओर से उन्हें समन भेजकर तलब किया गया. तीन महिला सहायक आचार्यों ने 1 मार्च को कुलपति को दुर्व्यवहार की शिकायत की थी. इसके बावजूद विश्वविद्यालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. हालांकि महिला आयोग ने तत्परता दिखाई और पहली सुनवाई में ही पुलिस के जरिए विभागाध्यक्ष एवं सहायक आचार्य को तलब कर लिया है. उन्हें कड़ी फटकार लगाने के साथ ही रजिस्ट्रार को 15 दिन बाद तलब किया है. सुनवाई के दौरान महिला शिक्षिकाएं भी उपस्थित रहीं.
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आपको बता दें कि लोक प्रशासन की 25 फरवरी को हुई स्टॉफ काउंसिल की मीटिंग में विभागाध्यक्ष ओम महला ने महिला प्रोफेसरों पर मेटरनिटी और सीसीएल लीव को लेकर अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया था. जिसको लेकर महिला प्रोफेसरों ने कुलपति को 1 मार्च को लिखित शिकायत दी थी. प्रोफेसरों की ओर से तीन बार मेल भेजने के बाद कोई कारवाई नहीं हुई. पीड़ित शिक्षिका ने बताया कि कुलपति को विभागाध्यक्ष के खिलाफ लिखित शिकायत देने के बाद एक महीने तक सुनवाई नहीं की गई. कार्रवाई नहीं होने के बाद शिक्षिकाओं ने महिला आयोग में परिवाद दर्ज करवाया था. शिक्षिकाओं ने आरोप लगाया है कि उन पर शिकायत वापस लेने का अप्रत्यक्ष दबाव बनाया जा रहा है.