जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के एपीटीसी सेंटर में संचालित नि:शुल्क कक्षाओं में बाहरी छात्रों के पढ़ने और घरेलू छात्रों को जगह नहीं मिलने के विवाद पर शनिवार को विराम लगा. कुलसचिव नीलिमा तक्षक ने मध्यस्थता करते हुए निशुल्क कोचिंग योजना के लिए एक पहल संस्थान के देव अमित और एपीटीसी के निदेशक प्रो राम सिंह चौहान के साथ विस्तार से चर्चा करने के बाद एमओयू साइन करने के निर्देश दिए. साथ ही इन कक्षाओं को शत-प्रतिशत ऑनलाइन मोड पर चलाने के निर्देश दिए. ये भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में संचालित परंपरागत एपीटीसी सेंटर पूर्व की भांति ही संचालित होता रहेगा.
राजस्थान विश्वविद्यालय एपीटीसी सेंटर में बीते 1 महीने से प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारियों की नि:शुल्क कक्षाएं संचालित की जा रही है. लेकिन इन कक्षाओं में विश्वविद्यालय की बजाए बाहरी छात्रों को प्रवेश दिए जाने और एपीटीसी सेंटर पर कब्जा करने के आरोप के बाद शनिवार को सेंटर निदेशक ने छात्रों को परिसर में दाखिल नहीं होने दिया. प्रो राम सिंह चौहान ने बताया कि राजीव गांधी वेलफेयर सोसाइटी एक पहल इंडिया के देव अमित ने अनाधिकार चेष्टा करते हुए, जो ऑनलाइन कोचिंग एक कमरे में चलाने की बात थी, उसकी बजाय धीरे-धीरे संपूर्ण एपीटीसी सेंटर पर कब्जा कर लिया है. बार-बार निवेदन करने के बाद भी एपीटीसी के कक्ष खाली नहीं किए. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से एक नोटिस दिया गया.
साथ ही प्रशासनिक फैसला लिया गया कि एपीटीसी सेंटर में यूनिवर्सिटी और संघटक कॉलेजों के छात्र ही कोचिंग ले सकेंगे. चूंकि यूनिवर्सिटी के संसाधन सीमित है, ऐसे में राजस्थान भर के छात्रों को यहां कोचिंग देने के बजाय केवल यूनिवर्सिटी के 300 छात्रों को ही ऑफलाइन कोचिंग दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि जो छात्र अब तक पंजीकृत हो चुके हैं, उनके लिए ऑनलाइन क्लासेस हो सकती है. ताकि बाहरी छात्रों को निराशा न हो. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि एक पहल संस्थान के साथ अब तक राजस्थान विश्वविद्यालय का किसी तरह का एमओयू नहीं किया गया है. बावजूद इसके छात्रों के हितों को देखते हुए यहां संस्थान को वाईफाई, पानी, बिजली, सफाई आदि की व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से की गई है. देव अमित की ओर से यहां सिर्फ फैकल्टी की व्यवस्था की गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि देव अमित विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ छात्रों को आगे करके धमकियां देते हैं.
वहीं मामले में एबीवीपी के छात्र नेता भरत भूषण ने कहा कि हर संस्था परिसर की सीमाएं होती हैं. यदि एक पहल इंडिया ने सरकार के साथ किसी तरह का एमओयू किया है, तो वो सरकार से सुविधा मांगे. उनकी स्पष्ट मांग है कि जो विश्वविद्यालय का नियमित छात्र है, उसे निशुल्क शिक्षा जरूर मिले, उसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन इन निशुल्क कक्षाओं में 90 फीसदी बाहरी छात्र पढ़ रहे हैं. जिससे राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने परिसर में ही जगह नहीं मिल रहा है. हालांकि अब विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से स्पष्ट निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.
उधर, विश्वविद्यालय में नवीन शैक्षणिक सत्र के पहले दिन कुलपति राजीव जैन ने पीजी स्कूल ऑफ कॉमर्स, सामाजिक विज्ञान संकाय, ह्यूमैनिटीज और विभिन्न विभागों की प्रयोगशाला का दौरा करते हुए तैयारियों का जायजा लिया. साथ ही स्पष्ट किया कि इस बार नई शिक्षा नीति में दर्शाए गए सुझावों के अनुसार पाठ्यक्रमों को तैयार किया जा रहा है. इस दौरान उन्होंने नियमित कक्षाओं को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए.