जयपुर. राज्य के सभी विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को 25 अगस्त के आदेश में भी पूर्ण राहत नहीं मिली. सरकार ने 15% एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन राशि जमा करने के लिए कहा है और 85% का बॉन्ड भरवाया जा रहा है. शिक्षकों की मांग है कि सरकार 100% एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन राशि का बॉन्ड भरवाए और अन्य राज्य कर्मचारियों की तर्ज पर ओल्ड पेंशन स्कीम बिना शर्त लागू करे. साथ ही यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों की बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने का भी विरोध किया है.
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कार्यरत शैक्षणिक और अशैक्षणिक कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम में एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन राशि जमा करने की शर्त के खिलाफ करीब एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहें हैं. रविवार को ओल्ड पेंशन संयुक्त संघर्ष समिति के प्रदेशाध्य्क्ष संजय कुमार ने ओपीएस को लेकर सभी संघों की ओर से प्रदेश स्तर पर सरकारी विश्वविद्यालयों के संघों को साथ लेकर आंदोलन की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार ने एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन राशि को पहले 12 प्रतिशत मय ब्याज के जमा करने की शर्त रखी थी. जिसके बाद शिक्षकों के विरोध पर बिना ब्याज के पूरी राशि जमा कराने की शर्त रखी गई. इस शर्त का भी विरोध किया गया. उन्होंने बताया कि सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर ओपीएस के लिए अर्जित मूल्य का 15 प्रतिशत पेंशन निधि में एकमुश्त जमा करने और 85 प्रतिशत राशि कर्मचारी की सेवानिवृत्ति पर जमा कराने की शर्त रखी है. इसके लिए कर्मचारियों को घोषणा पत्र पेश करना होगा. ऐसे में अब शिक्षक 15 प्रतिशत राशि जमा कराने की शर्त हटाने को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेंगे.
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उन्होंने 25 अगस्त के आदेश को आधा अधूरा बताते हुए कहा कि इस आदेश में भी उनकी मुख्य मांग पूरी नहीं हुई है. सभी विश्वविद्यालय आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं और पेंशन देने की स्थिति में नहीं हैं. ऐसे में पेंशन की लायबिलिटी भी सरकार ले. इस मांग को लेकर सभी विश्वविद्यालय को जयपुर में इकट्ठा किया जाएगा और सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ते हुए आवश्यकता पड़ने पर यूनिवर्सिटी को बंद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि वे बच्चों का भविष्य किसी भी हाल में खराब नहीं करना चाहते हैं. लेकिन सरकार बच्चों की भविष्य को खराब करने में लगी हुई है. जो मांग शिक्षक और कर्मचारी कर रहे हैं, वो सरकार पूरी नहीं कर रही, क्या सरकार को नहीं दिखता कि बच्चे और शिक्षक परेशान हो रहे हैं.
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इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी के शिक्षकों और कर्मचारियों की बीएलओ ड्यूटी लगाए जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन ने राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अशैक्षणिक कर्मचारियों की चुनाव और बीएलओ में ड्यूटी लगा दी. इससे न सिर्फ शिक्षण कार्य बाधित होगा बल्कि यूनिवर्सिटी के काम भी प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में अशैक्षणिक कर्मचारियों के 863 पद खाली हैं. वहीं 353 कर्मचारियों में से 163 कर्मचारियों की बीएलओ में ड्यूटी लगा दी है. इसके अलावा 70 शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी पर लगाया गया है, इससे विश्वविद्यालय के कार्य बाधित हो रहे हैं.