जयपुर. राजस्थान की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगमंच कलाकार तंगहाली से गुजर रहे हैं. इस बार जयपुर के युवा कलाकार फिलीपींस में होने वाले एशियन यूथ थिएटर फेस्टिवल के लिए न सिर्फ थिएटर में पसीना बहा रहे हैं, बल्कि नुक्कड़-नाटक और जोमैटो के लिए गिग वर्कर बन दिन-रात एक करते हुए पैसा इकट्ठा करने में जुटे हैं. मकसद सिर्फ एक राजस्थान की संस्कृति का बखान विश्व पटल पर करना है.
फिलीपींस में एशियन यूथ थिएटर फेस्टिवल : देश-दुनिया में राजस्थान की कला-संस्कृति को जानने के लिए लोगों में रुचि रहती है, इसके लिए थिएटर आर्ट एक बड़ा माध्यम भी बना है. हाल ही में जयपुर के थिएटर कलाकारों की एक टीम को फिलीपींस में देश को रिप्रेजेंट करने के लिए इनवाइट किया गया है. नवंबर में फिलीपींस में एशियन यूथ थिएटर फेस्टिवल होना है, लेकिन इन थिएटर आर्टिस्ट के पास वहां जाने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है. सरकार की ओर से कोई अनुदान नहीं मिलने के बाद भी इन कलाकारों ने हार नहीं मानी.
जोमैटो में गिग वर्कर के रूप में कर रहे काम : कलाकारों ने पैसा इकट्ठा करने के लिए रोजगार के छोटे-छोटे कामों को अपनाया है. थिएटर आर्टिस्ट इब्राहिम ने बताया कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है पर इस बीच फिलीपींस में देश को रिप्रेजेंट करने का मौका मिला है. इसके लिए सरकार का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली. ऐसे में कुछ समय नुक्कड़ नाटक कर क्राउडफंडिंग कर रहे हैं. बाकी समय जोमैटो में गिग वर्कर के रूप में काम करते हुए पैसे इकट्ठे कर रहे हैं, ताकि फिलीपींस जा सकें और थिएटर के पैशन को फॉलो कर सकें.
पहले भी आर्थिक कारणों से नहीं जा पाए विदेश : थिएटर आर्टिस्ट सिकंदर खान ने कहा कि इस साल एशियन यूथ थिएटर फेस्टिवल फिलीपींस के लिए सिलेक्ट हुए हैं, जो प्ले सलेक्ट हुआ है वो भी राजस्थानी है. मकसद यही है कि देश और राजस्थान की संस्कृति को दूसरे देशों में फैलाएं और लोग उसके बारे में जानें. आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण पहले केन्या इंटरनेशनल थियेटर फेस्टिवल, फिर अफ्रीका यूथ फेस्टिवल, उसके बाद बुल्गारिया इंटरनेशनल यूथ थिएटर फेस्टिवल में सिलेक्ट होने के बावजूद वहां नहीं जा पाए. उन्होंने कहा कि सरकारी सहायता के लिए हर बार सरकार को लिखा भी, लेकिन हर बार मायूसी हाथ लगी.
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अपील- सरकार मदद करें : उन्होंने बताया कि हर देश की कल्चर एक्टिविटी अलग-अलग होती है. भारत में यदि कोई दूसरे देश से कलाकार आते हैं, तो उनका पुनर्भरण उनकी सरकार की ओर से किया जाता है, लेकिन यहां ये सुविधा नहीं है. चाहते हैं कि सरकार उनकी मदद करें, अन्यथा इस बार भी भारत फिलीपींस में होने वाले एशियन यूथ थियेटर फेस्टिवल से बाहर हो जाएगा. हमारी टीम अपने-अपने स्तर पर पैसा संग्रहण करने की कोशिश कर रही है. वो खुद सुविधा से वंचित छात्रों को ट्यूशन पढ़ाते हैं. नुक्कड़ नाटक कर क्राउडफंडिंग कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि टीम के अन्य सदस्य जोमैटो में काम कर रहे हैं, कोई बच्चों को डांस सिखा रहा है और कोई घरों पर ट्यूशन पढ़ा रहा है, ताकि कुछ पैसा इकट्ठा हो सके और फिलीपींस जा सकें. बहरहाल, राजस्थान में कलाकारों को ट्रैवल ग्रांट नहीं मिल रहा, जिसकी वजह से कई अपॉर्चुनिटी आने के बावजूद वो उसे मिस कर चुके हैं. जरूरत है कि राजस्थान में आर्ट को लेकर लोग और सरकार जागरूक हो ताकि कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का विश्व स्तरीय मंच मिल सके.