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बढ़ सकती हैं गहलोत सरकार की मुश्किलें, ग्राम पंचायतों में तालाबंदी...सरपंच संघ ने दी ये चेतावनी

अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को सरपंचों ने प्रदेश भर में ग्राम पंचायतों में तालाबंदी की. राजस्थान सरपंच संघ ने मांगें नहीं मानने पर 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप स्थल पर धरना देने की चेतावनी दी है.

Rajasthan Sarpanch Body Demands
पंचायतों पर तालाबंदी
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Published : Apr 20, 2023, 3:34 PM IST

जयपुर. राजस्थान में एक ओर गहलोत सरकार 24 अप्रैल से महंगाई बचत राहत कैंप लगाकर आम जनता को बजट घोषणाओं के तहत राहत देने का काम शुरू करने जा रही है, लेकिन 24 अप्रैल से शुरू हो रहे महंगाई बचत राहत कैंप में अड़चन आने की संभावना शुरू हो चुकी है. सरपंच संघ राजस्थान का 24 अप्रैल को सरपंचों का कार्य बहिष्कार की चेतावनी इस अड़चन का कारण बन सकता है.

दरअसल, अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर सरपंच यह चेतावनी दे चुके हैं कि अगर 13 अप्रैल से शुरू हुए आंदोलन के अलग-अलग चरण के बाद 17 अप्रैल तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो इसके विरोध में 20 अप्रैल को पहले पंचायतों में तालाबंदी के साथ ही अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा. वहीं, 24 अप्रैल को सरपंच महंगाई राहत कैंप स्थल पर धरना-प्रदर्शन करेंगे. अब क्योंकि सरपंचों की मांगें नहीं मानी गई हैं, ऐसे में गुरुवार को राजस्थान के ज्यादातर जिलों में सरपंच संघ के आह्वान पर पंचायतों पर तालाबंदी कर दी गई है और अगर अभी इनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 24 अप्रैल को महंगाई राहत कैंप पर धरना देकर सरपंच सरकार के इस कैंप की सफलता पर संशय पैदा कर सकते हैं.

पढे़ं : Electricity workers Protest : विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

यह है सरपंच संघ की प्रमुख मांगें :

  1. 15वें केंद्रीय वित्त आयोग की राशि करीबन 1500 करोड़ रुपये बकाया, जिसे जल्द जारी करवाया जाए.
  2. राज्य वित्त आयोग 2022-23 की दोनों किस्त जो करीबन 3000 करोड़ रुपये राज्य सरकार पर बकाया है, इसे शीघ्र ग्राम पंचायतों के खातों में हस्तांतरित किया जाए.
  3. 15वीं केंद्रीय वित्त आयोग के मदद के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा बनाए जा रहे वार्षिक प्लान में अमेंडमेंट पर पाबंदियां लगाई गई हैं, इसमें दी जाए शिथिलता.
  4. मनरेगा के तहत नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से श्रमिकों के नियोजन और उपस्थिति दर्ज करने में आ रही समस्याओं के समाधान के संबंध में ऑफलाइन उपस्थिति की अनुमति दी जाए और 20 कार्यों से अधिक कार्य स्वीकृति पर पाबंदी हटा कर पहले की तरह किया जाए.
  5. मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद मांग के भुगतान प्रत्येक 3 माह में किए जाएं. सभी बिलों में मनरेगा प्रावधानों के अनुसार पक्के कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जाए और स्वीकृति प्रेषित करने में 15 दिन की समय अवधि में जारी हो.
  6. पंचायती राज में रिक्त पड़े कनिष्ठ अभियंता के पदों को जल्द भरा जाए.
  7. सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 15000 किया जाए और वार्ड पंच का बैठक भत्ता 500 रुपये प्रति बैठक किया जाए.

जयपुर. राजस्थान में एक ओर गहलोत सरकार 24 अप्रैल से महंगाई बचत राहत कैंप लगाकर आम जनता को बजट घोषणाओं के तहत राहत देने का काम शुरू करने जा रही है, लेकिन 24 अप्रैल से शुरू हो रहे महंगाई बचत राहत कैंप में अड़चन आने की संभावना शुरू हो चुकी है. सरपंच संघ राजस्थान का 24 अप्रैल को सरपंचों का कार्य बहिष्कार की चेतावनी इस अड़चन का कारण बन सकता है.

दरअसल, अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर सरपंच यह चेतावनी दे चुके हैं कि अगर 13 अप्रैल से शुरू हुए आंदोलन के अलग-अलग चरण के बाद 17 अप्रैल तक उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो इसके विरोध में 20 अप्रैल को पहले पंचायतों में तालाबंदी के साथ ही अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा. वहीं, 24 अप्रैल को सरपंच महंगाई राहत कैंप स्थल पर धरना-प्रदर्शन करेंगे. अब क्योंकि सरपंचों की मांगें नहीं मानी गई हैं, ऐसे में गुरुवार को राजस्थान के ज्यादातर जिलों में सरपंच संघ के आह्वान पर पंचायतों पर तालाबंदी कर दी गई है और अगर अभी इनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 24 अप्रैल को महंगाई राहत कैंप पर धरना देकर सरपंच सरकार के इस कैंप की सफलता पर संशय पैदा कर सकते हैं.

पढे़ं : Electricity workers Protest : विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन, बड़े आंदोलन की दी चेतावनी

यह है सरपंच संघ की प्रमुख मांगें :

  1. 15वें केंद्रीय वित्त आयोग की राशि करीबन 1500 करोड़ रुपये बकाया, जिसे जल्द जारी करवाया जाए.
  2. राज्य वित्त आयोग 2022-23 की दोनों किस्त जो करीबन 3000 करोड़ रुपये राज्य सरकार पर बकाया है, इसे शीघ्र ग्राम पंचायतों के खातों में हस्तांतरित किया जाए.
  3. 15वीं केंद्रीय वित्त आयोग के मदद के लिए ग्राम पंचायतों द्वारा बनाए जा रहे वार्षिक प्लान में अमेंडमेंट पर पाबंदियां लगाई गई हैं, इसमें दी जाए शिथिलता.
  4. मनरेगा के तहत नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से श्रमिकों के नियोजन और उपस्थिति दर्ज करने में आ रही समस्याओं के समाधान के संबंध में ऑफलाइन उपस्थिति की अनुमति दी जाए और 20 कार्यों से अधिक कार्य स्वीकृति पर पाबंदी हटा कर पहले की तरह किया जाए.
  5. मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद मांग के भुगतान प्रत्येक 3 माह में किए जाएं. सभी बिलों में मनरेगा प्रावधानों के अनुसार पक्के कार्यों की स्वीकृतियां जारी की जाए और स्वीकृति प्रेषित करने में 15 दिन की समय अवधि में जारी हो.
  6. पंचायती राज में रिक्त पड़े कनिष्ठ अभियंता के पदों को जल्द भरा जाए.
  7. सरपंचों का मानदेय बढ़ाकर 15000 किया जाए और वार्ड पंच का बैठक भत्ता 500 रुपये प्रति बैठक किया जाए.
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