जयपुर. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर डॉक्टरों की हड़ताल 12 दिन से जारी है. डॉक्टर की हड़ताल के बीच आम जनता चिकित्सा व्यवस्था को लेकर परेशान हैं. सरकार और डॉक्टर के बीच बढ़ रहे गतिरोध को लेकर अब आम आदमी पार्टी ने भी गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि वह हठधर्मिता छोड़ें और चिकित्सकों से सकारात्मक माहौल में बातचीत करें.
आप पार्टी राज्यपाल से करेगी मुलाकातः उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी की स्वास्थ्य योजनाओं की नकल करना आसान है, लेकिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने डॉक्टर को भरोसे में लेकर योजना को लागू किया उसे भी करना चाहिए था. आम आदमी पार्टी नेता देवेंद्र यादव देव ने बुधवार को पार्टी कार्यालय पर मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि अगर सरकार हठधर्मिता को छोड़ जल्द ही इस गतिरोध को खत्म नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार को जनता के सामने बेनकाब करेगी.
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RTH के नाम पर जनता के स्वास्थ्य से न हो खिलवाड़ः आप नेता देवेंद्र यादव ने कहा कि सरकार अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं करे. स्वास्थ्य का अधिकार कानून अगर सरकार लेकर आई है तो उन्हें डॉक्टर को भरोसे में लेना चाहिए और उसके बाद इस कानून को लागू करे. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी स्वास्थ्य के अधिकार कानून के खिलाफ नहीं है. जिस तरह से सरकार डॉक्टर को समझाने में नाकाम रही है और हठधर्मिता अपना रही है, पार्टी उसका विरोध करती है. उन्होंने गहलोत सरकार को चेतावनी दी है वो वोटों के खतिर आम आदमी पार्टी की फ्री हेल्थ योजनाओं की तर्ज पर नकली RTH लाकर जनता की सेहत के साथ मजाक नहीं करे. पिछले 12 दिन से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप पड़ी हैं. मरीज अस्पतालों में इलाज के अभाव में परेशान है और लाखों की संख्या में डॉक्टर्स सड़क पर हैं. मुख्यमंत्री को डॉक्टर से सीधे संवाद करना चाहिए.
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बिना तैयारी के बिल लाया गयाः देवेंद्र यादव ने कहा कि राजस्थान की जनता को स्वास्थ्य का अधिकार देने की प्राथमिकता देना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन सरकार राइट टू हेल्थ बिल 2023 पूरी तैयारी के साथ नहीं लेकर आई है. आने वाले विधानसभा चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए सरकार इस बिल को आनन-फानन लेकर आई है. सरकार को पहले ही चाहिए ताकि वह डॉक्टर, आम जनता और इससे जुड़े हुए लोगों से सुझाव लेती. उसके बाद जो आपत्ति आती उन्हें सुधार करके बिल पेश किया जाता. सीएम गहलोत ने विज्ञापन देकर कहा है कि बिल पर डॉक्टर्स के साथ चर्चा हुई है. हमने डॉक्टर्स की संस्थाओं से बात की तो पता चला कि प्रवर समिति के बुलावे पर निजी अस्पतालों की तीन संस्थाओं के प्रतिनिधि गए थे, लेकिन किसी भी संगठन ने विधानसभा में पारित बिल पर सहमति नहीं दी थी. इसके बाद भी इस RTH बिल को पारित कर लागू कर दिया गया.
व्यवहारिक RTH बिल लेकर आयेंः आम आदमी पार्टी ने मांग करी है कि राज्य सरकार मौजूदा RTH कानून को व्यवहारिक बनाकर लेकर आये. अगर इसमें आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार से कोई मदद चाहिए तो पार्टी उसके लिए तैयार है.आम आदमी पार्टी निजी क्षेत्र के आंदोलनरत डॉक्टर्स से आग्रह करती है कि वो किसी भी राजनीति दल के चक्कर में नहीं पड़े. आपके ऊपर कोई कानून थोपा नहीं जा सकता, लेकिन सोशियल रिस्पॉसिबिलिटी के तहत आपको भी जनता के स्वास्थ्य का अधिकार दिलाने में सहयोग करना चाहिए. मरीजों का उपचार रोककर सड़क पर उतरना आम जनता के हित में नहीं है.