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राजस्थान रोडवेज के कर्मचारी सरकार से बेहद नाराज! संगठन बोला- हमारे साथ धोखा हुआ

राजस्थान रोडवेज बस अड्डों को लेकर जारी किए गए एक आदेश (Rajasthan Roadways Bus Stands acquisition) ने कर्मचारियों और सरकार के बीच की खाई बढ़ा दी है. हालात ये हो गए हैं कि अब कर्मचारी संगठन ने चेताया है कि इस आदेश को वापिस नहीं लिया गया तो प्रदेश भर में उग्र आंदोलन होगा. इसे लेकर पूरा खाका तैयार कर लिया गया है. आखिर क्या है ये आदेश और इसकी पेचीदगियां! आइए जानते हैं.

Rajasthan Roadways Bus Stands acquisition
Rajasthan Roadways Bus Stands acquisition
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Published : Dec 28, 2022, 9:14 AM IST

जयपुर. सरकार की ओर से राजस्थान रोडवेज के बस अड्डों के अधिग्रहण के आदेश (Rajasthan Roadways Bus Stands acquisition) जारी होने से रोडवेज संगठनों में आक्रोश है. राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि रोडवेज को बंद करने की दिशा में सरकार की ओर से कदम उठाया जा रहा है. रोडवेज के साथ धोखा किया जा रहा है. आरोप है कि रोडवेज की बेशकीमती जमीनों पर सरकार की नजर है. रोडवेज बस अड्डे के अधिग्रहण के आदेश के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

सरकार की नीयत पर शक- रोडवेज फेडरेशन के महामंत्री सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक राज्य सरकार बस स्टैंडो के अधिग्रहण से पहले रोडवेज को राज्य सरकार में शामिल करें. फिलहाल ये निगम के अंतर्गत आता है. राज्य सरकार रोडवेज बस स्टैंडो को अधिग्रहण करना चाह रही है. परिवहन आयुक्त की ओर से 23 दिसंबर को आदेश जारी करके मोटर यान अधिनियम 1998 की धारा 117 और राजस्थान मोटर यान अधिनियम 1990 के नियम 5.58 के अंतर्गत बस स्टैंडो को अधिसूचित करने का आदेश जारी किया गया है.

बस स्टैंड तो बहाना है- बस स्टैंड के अधिग्रहण करने के निर्देश जारी करके सभी जिला कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया गया है. इस आदेश से रोडवेज कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. रोडवेज कर्मचारी सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. राजस्थान रोडवेज फेडरेशन के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक सरकार की नजर राजस्थान रोडवेज की बेशकीमती जमीन पर है. बेशकीमती जमीनों को खुर्द बुर्द करके सरकार अपना फायदा देख रही है.

मांग पर अड़े कर्मचारी- रोडवेज कर्मचारी सरकार से मांग करते हैं कि आदेश को वापस लिया जाए. आवश्यकता पड़ी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सरकार ने जो घोषणा की थी कि रोडवेज कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे, यह सिर्फ घोषणा कागजों तक ही सीमित रह गई है. धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. रोडवेज कर्मचारियों को 2 माह के अंतराल में वेतन मिल रहा है. नए वाहनों की खरीदारी की अनुमति नहीं दी जा रही है. जबकि मार्च 2023 के बाद रोडवेज के पास मात्र 1500 वाहनों का बेड़ा बचेगा.

ये भी पढ़ें-Rajasthan Roadways : निशुल्क और रियायती दर पर बस यात्रा के लिए 102.50 करोड़ रुपए की मंजूरी...

पढ़ें-गहलोत सरकार हुई सख्त, रेस्मा किया लागू: रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर गए, तो हो सकती है गिरफ्तारी

आंदोलन की चेतावनी, खाका तैयार- राज्य सरकार रोडवेज को बंद करने का मानस बना चुकी है. राज्य सरकार से मांग है कि रोडवेज बस स्टैंड को अधिग्रहण करने से पहले रोडवेज को राज्य सरकार के परिवहन विभाग में समायोजित किया जाए. इससे पहले बस स्टैंड हड़पने के प्रयास किए गए तो आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. 9 जनवरी 2023 को सभी डिपो पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक आगामी विधानसभा बजट सत्र में रोडवेज को बचाने के लिए सकारात्मक चर्चा करने के लिए सांसद और विधायकों को ज्ञापन दिया जाएगा. 11 जनवरी 2023 से 20 जनवरी 2023 तक संभाग स्तरीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सरकार ने सकारात्मक पहल नहीं की तो 14 फरवरी 2023 को मुख्यालय पर एकत्रित होकर विधानसभा तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया.

जयपुर. सरकार की ओर से राजस्थान रोडवेज के बस अड्डों के अधिग्रहण के आदेश (Rajasthan Roadways Bus Stands acquisition) जारी होने से रोडवेज संगठनों में आक्रोश है. राजस्थान रोडवेज कर्मचारियों का कहना है कि रोडवेज को बंद करने की दिशा में सरकार की ओर से कदम उठाया जा रहा है. रोडवेज के साथ धोखा किया जा रहा है. आरोप है कि रोडवेज की बेशकीमती जमीनों पर सरकार की नजर है. रोडवेज बस अड्डे के अधिग्रहण के आदेश के खिलाफ रोडवेज कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

सरकार की नीयत पर शक- रोडवेज फेडरेशन के महामंत्री सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक राज्य सरकार बस स्टैंडो के अधिग्रहण से पहले रोडवेज को राज्य सरकार में शामिल करें. फिलहाल ये निगम के अंतर्गत आता है. राज्य सरकार रोडवेज बस स्टैंडो को अधिग्रहण करना चाह रही है. परिवहन आयुक्त की ओर से 23 दिसंबर को आदेश जारी करके मोटर यान अधिनियम 1998 की धारा 117 और राजस्थान मोटर यान अधिनियम 1990 के नियम 5.58 के अंतर्गत बस स्टैंडो को अधिसूचित करने का आदेश जारी किया गया है.

बस स्टैंड तो बहाना है- बस स्टैंड के अधिग्रहण करने के निर्देश जारी करके सभी जिला कलेक्टर और जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया गया है. इस आदेश से रोडवेज कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है. रोडवेज कर्मचारी सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है. राजस्थान रोडवेज फेडरेशन के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक सरकार की नजर राजस्थान रोडवेज की बेशकीमती जमीन पर है. बेशकीमती जमीनों को खुर्द बुर्द करके सरकार अपना फायदा देख रही है.

मांग पर अड़े कर्मचारी- रोडवेज कर्मचारी सरकार से मांग करते हैं कि आदेश को वापस लिया जाए. आवश्यकता पड़ी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सरकार ने जो घोषणा की थी कि रोडवेज कर्मचारियों की सभी समस्याओं का समाधान करेंगे, यह सिर्फ घोषणा कागजों तक ही सीमित रह गई है. धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है. रोडवेज कर्मचारियों को 2 माह के अंतराल में वेतन मिल रहा है. नए वाहनों की खरीदारी की अनुमति नहीं दी जा रही है. जबकि मार्च 2023 के बाद रोडवेज के पास मात्र 1500 वाहनों का बेड़ा बचेगा.

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आंदोलन की चेतावनी, खाका तैयार- राज्य सरकार रोडवेज को बंद करने का मानस बना चुकी है. राज्य सरकार से मांग है कि रोडवेज बस स्टैंड को अधिग्रहण करने से पहले रोडवेज को राज्य सरकार के परिवहन विभाग में समायोजित किया जाए. इससे पहले बस स्टैंड हड़पने के प्रयास किए गए तो आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. 9 जनवरी 2023 को सभी डिपो पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा जाएगा.

सत्यनारायण शर्मा के मुताबिक आगामी विधानसभा बजट सत्र में रोडवेज को बचाने के लिए सकारात्मक चर्चा करने के लिए सांसद और विधायकों को ज्ञापन दिया जाएगा. 11 जनवरी 2023 से 20 जनवरी 2023 तक संभाग स्तरीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा. सरकार ने सकारात्मक पहल नहीं की तो 14 फरवरी 2023 को मुख्यालय पर एकत्रित होकर विधानसभा तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया.

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