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मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ता राजस्थान!...संकट में कांग्रेस सरकार - rajasthan political news

राजस्थान में कांग्रेस सरकार संकट (Rajasthan Political Crisis) में है और मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा है. 76 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप (Congress MLAs resignation) दिया है. कांग्रेस के नेताओं के अनुसार यह संख्या बढ़ सकती है. ऐसे में अब ये विधायक आलाकमान से सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. वहीं, दोपहर 2 बजे खड़गे और माकन दिल्ली लौट जाएंगे.

Rajasthan Political Crisis
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Published : Sep 26, 2022, 10:18 AM IST

Updated : Oct 1, 2022, 1:41 PM IST

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान और गहलोत गुट के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर टकराव (Rajasthan Political Crisis) हो गया है. यह टकराव विधायकों के इस्तीफे (Congress MLAs resignation) तक पहुंच गया है. अब राजस्थान की वर्तमान परिस्थितियां इस ओर इशारा कर रही है कि क्या राजस्थान मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में अब दोपहर 2 बजे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन वापस दिल्ली बिना विधायक दल की बैठक के लौट जाएंगे. यही नहीं दिल्ली जाकर दोनों नेता सोनिया गांधी को रिपोर्ट भी देंगे

दरअसल, राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के 108 विधायकों में से दावा किया जा रहा है कि 70 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप (Congress MLAs resignation) दिया है. निर्दलीय विधायक समेत 76 विधायकों ने इस्तीफा सौंपा है. कांग्रेस के नेताओं के अनुसार यह संख्या बढ़ सकती है. ऐसे में अब ये विधायक आलाकमान से सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. यही कारण है कि विधायक दल की बैठक कर आलाकमान के नाम प्रस्ताव लेने आए पर्यवेक्षक पिछले 24 घंटे से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विधायक दल की बैठक हो नहीं सकी है.

पढ़ें- सोशल मीडिया पर छाई राजस्थान कांग्रेस की जंग, गहलोत-पायलट को लेकर Twitter पर मीम्स की बाढ़

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: स्पीकर जोशी के घर फिर जमा हो सकते हैं गहलोत समर्थक MLA

19 सितंबर के बाद करेंगे वार्ता- यहां तक विधायकों ने इस्तीफा देते हुए यह ऐलान भी कर दिया कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के नतीजे आने के बाद ही आलाकमान से कोई वार्ता करेंगे. ऐसे में अब दोपहर 2 बजे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन वापस दिल्ली बिना विधायक दल की बैठक के लौट जाएंगे. यही नहीं दिल्ली जाकर दोनों नेता सोनिया गांधी को रिपोर्ट भी देंगे, जिसके बाद गहलोत और कांग्रेस आलाकमान के बीच टकराव होना निश्चित है.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: 76 विधायकों ने दिए इस्तीफे, इन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई

मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा राजस्थान- ऐसे में कहा जा रहा है कि राजस्थान तेजी से मध्यावधि चुनाव (Mid term elections in Rajasthan) की ओर बढ़ रहा है क्योंकि पहले तो अगर आलाकमान ने सख्ती दिखाई और स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफे स्वीकार करने को कहा तो ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिर सकती है. तो वहीं दूसरी ओर अगर भाजपा एक्टिव हुई और उन्होंने फ्लोर टेस्ट की डिमांड कर दी तो उस स्थिति में राजस्थान की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ सकती है.

पढ़ें- बगावत के संकेत: गहलोत खेमे का प्रस्ताव, पायलट को छोड़ किसी को भी बना दें CM, धारीवाल के घर जुटे 56 से ज्यादा MLA

हालांकि, अभी भाजपा एक्टिव नहीं हुई है और यह एक्टिविटी राज्यपाल के 27 सितंबर को वापस जयपुर लौटने के बाद ही दिखाई देगी. लेकिन फिलहाल की स्थिति बता रही है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के विधायकों और कांग्रेस के ही आलाकमान के बीच हुआ टकराव सरकार गिरवा सकता है. राजस्थान में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.

जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान और गहलोत गुट के बीच सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव को लेकर टकराव (Rajasthan Political Crisis) हो गया है. यह टकराव विधायकों के इस्तीफे (Congress MLAs resignation) तक पहुंच गया है. अब राजस्थान की वर्तमान परिस्थितियां इस ओर इशारा कर रही है कि क्या राजस्थान मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा है. ऐसे में अब दोपहर 2 बजे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन वापस दिल्ली बिना विधायक दल की बैठक के लौट जाएंगे. यही नहीं दिल्ली जाकर दोनों नेता सोनिया गांधी को रिपोर्ट भी देंगे

दरअसल, राजस्थान के कांग्रेस पार्टी के 108 विधायकों में से दावा किया जा रहा है कि 70 विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप (Congress MLAs resignation) दिया है. निर्दलीय विधायक समेत 76 विधायकों ने इस्तीफा सौंपा है. कांग्रेस के नेताओं के अनुसार यह संख्या बढ़ सकती है. ऐसे में अब ये विधायक आलाकमान से सीधे टकराव की स्थिति में आ गए हैं. यही कारण है कि विधायक दल की बैठक कर आलाकमान के नाम प्रस्ताव लेने आए पर्यवेक्षक पिछले 24 घंटे से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विधायक दल की बैठक हो नहीं सकी है.

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19 सितंबर के बाद करेंगे वार्ता- यहां तक विधायकों ने इस्तीफा देते हुए यह ऐलान भी कर दिया कि वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के नतीजे आने के बाद ही आलाकमान से कोई वार्ता करेंगे. ऐसे में अब दोपहर 2 बजे दोनों पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन वापस दिल्ली बिना विधायक दल की बैठक के लौट जाएंगे. यही नहीं दिल्ली जाकर दोनों नेता सोनिया गांधी को रिपोर्ट भी देंगे, जिसके बाद गहलोत और कांग्रेस आलाकमान के बीच टकराव होना निश्चित है.

पढ़ें- Rajasthan Political Crisis: 76 विधायकों ने दिए इस्तीफे, इन विधायकों पर हो सकती है कार्रवाई

मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा राजस्थान- ऐसे में कहा जा रहा है कि राजस्थान तेजी से मध्यावधि चुनाव (Mid term elections in Rajasthan) की ओर बढ़ रहा है क्योंकि पहले तो अगर आलाकमान ने सख्ती दिखाई और स्पीकर सीपी जोशी से इस्तीफे स्वीकार करने को कहा तो ऐसे में राजस्थान में कांग्रेस सरकार गिर सकती है. तो वहीं दूसरी ओर अगर भाजपा एक्टिव हुई और उन्होंने फ्लोर टेस्ट की डिमांड कर दी तो उस स्थिति में राजस्थान की कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ सकती है.

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हालांकि, अभी भाजपा एक्टिव नहीं हुई है और यह एक्टिविटी राज्यपाल के 27 सितंबर को वापस जयपुर लौटने के बाद ही दिखाई देगी. लेकिन फिलहाल की स्थिति बता रही है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुट के विधायकों और कांग्रेस के ही आलाकमान के बीच हुआ टकराव सरकार गिरवा सकता है. राजस्थान में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.

Last Updated : Oct 1, 2022, 1:41 PM IST
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