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Special Story: जयपुर पुलिस का पेट बढ़ा, दिल कमजोर, दिमाग में स्ट्रैस ज्यादा, जवानों को स्वस्थ रखने का यह है खाकी का खास प्लान - जयपुर पुलिस एनुअल हेल्थ चेकअप अपडेट की खबरें

राजधानी की पुलिस अपराध और अपराधियों के साथ ही बीमारियों से भी लड़ रही है. जयपुर के हजारों पुलिसकर्मी ओवरवेट, हाई बीपी जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं. अब जवानों को बीमारियों से बचाने के लिए जयपुर पुलिस एक खास प्लान पर काम कर रही है. पढ़िए यह खास रिपोर्ट...

जयपुर पुलिस
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Published : Jul 13, 2023, 6:41 AM IST

Updated : Jul 13, 2023, 7:34 AM IST

जयपुर के हजारों पुलिसकर्मी ओवरवेट

जयपुर. अपराध कम करने, अपराधियों को पकड़ने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की भागदौड़ में खाकी बीमार हो रही है. बात केवल राजधानी जयपुर की ही पुलिस की करें तो पुलिस के हजारों जवान ओवरवेट, हाई ब्लड प्रैशर, हाईपरटेंशन और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. जयपुर पुलिस के जवानों के वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. हालांकि, पुलिस के जवान जिन बीमारियों से ग्रसित हैं. वे बीमारियां जीवनशैली से जुड़ी हुई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नफरी की कमी के कारण और काम का बोझ बढ़ने से पुलिस के जवानों में यह बीमारियां हो रही हैं. ऐसे में जवानों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है. इसमें जीवनशैली में सुधार के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच भी शामिल है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात एवं प्रशासन) राहुल प्रकाश के अनुसार, राजधानी जयपुर के पुलिसकर्मियों का हर साल हेल्थ चेकअप करवाया जाता है और डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया गया है. जिससे जवानों की बीमारियों का लेखा-जोखा रखा जाता है. इस बार 40 साल से अधिक उम्र के करीब पांच हजार जवानों का अब तक स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा चुका है. जब इसकी रिपोर्ट आई तो पता चला कि हर दूसरा जवान हाइपरटेंशन (स्ट्रैस) की समस्या से जूझ रहा है. जिन जवानों की जांच हुई है. उनमें आधे से ज्यादा में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी सामने आई है. जबकि 2,017 पुलिसकर्मियों का वजन बढ़ा हुआ पाया गया. जिसके चलते भी उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. इसके साथ ही कई जवानों में शुगर की समस्या भी पाई गई है.

हाईपरटेंशन की स्टेज-1 में के केस ज्यादा : फिलहाल जिन पांच हजार पुलिसकर्मियों की जांच की गई है. उनमें सबसे ज्यादा मामले हाईपरटेंशन के हैं. इस बीमारी की पहली स्टेज में ब्लड प्रेशर 140 से 159 तक रहता है. इस दायरे में 1197 जवान है. जबकि स्टेज-दो में बीपी 160-179 रहता है. इसमें 419 पुलिसकर्मी है. तीसरी स्टेज में बीपी 180 से अधिक रहता है. इस स्टेज में 107 जवान है. इसी तरह 160 पुलिसकर्मी शुगर की समस्या से जूझ रहे है. इस जांच में 2,017 पुलिसकर्मी वजन ज्यादा होने की समस्या का सामना कर रहे है.

पढ़ें Rajasthan Police Duty: रोटेशन में लगेगी पुलिस जवानों की ड्यूटी...15 दिन में एक बार मिलेगा 24 घंटे का रेस्ट

सबसे ज्यादा 2,170 कांस्टेबल का स्वास्थ्य परीक्षण : अभी तक 40 साल से ज्यादा उम्र के पांच हजार पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. इनमें 2,170 कांस्टेबल है. जबकि 1,359 हेड कांस्टेबल, 592 एएसआई, 99 सब इंस्पेक्टर, 30 सर्किल इंस्पेक्टर, 12 एडिशनल एसपी और 35 अन्य कार्मिकों की जांच की गई है.

यह है डिजिटल हेल्थ कार्ड के फायदे : राहुल प्रकाश के अनुसार, हेल्थ कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यही है कि पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य में जो-जो बदलाव आते है. उनका रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है. कई बार जांच करवाते हैं लेकिन रिपोर्ट्स को सहेजना संभव नहीं होता है और अगली बार जब जांच करवाने जाते हैं तो पहले वाली रिपोर्ट की जानकारी नहीं होती है. जब रिकॉर्ड मेंटेन रहता है तो डॉक्टर को ट्रीटमेंट देने और इसके बारे में फैसला लेने में आसानी रहती है. इससे सही इलाज भी समय पर संभव हो पाता है.

पिछले दिनों बॉर्डर लाइन के ट्रैफिककर्मी का हुआ निधन : अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (यातायात एवं प्रशासन) राहुल प्रकाश का कहना है कि पिछले दिनों यातायात पुलिस के एक जवान का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. जब रिकॉर्ड देखा तो पता चला कि वह हाईपरटेंशन और ब्लड प्रेशर की बॉर्डर लाइन पर थे.

बॉर्डर लाइन के जवानों का हर महीने परीक्षण : उन्होंने बताया कि जो जवान स्वास्थ्य के लिहाज से हाईपरटेंशन या शुगर की बॉर्डर लाइन पर या क्रिटिकल स्टेज पर है. उनका वार्षिक की जगह अब मासिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. जिससे यदि उनके स्वास्थ्य में कोई उतार-चढ़ाव होता है तो समय पर पता चल जाए. उन्होंने कहा कि जवानों को स्वस्थ रखने के लिए पुलिस लाइन में योग, खेलकूद और पीटी आदि करवाई जाती है. लेकिन फील्ड और ट्रैफिक ड्यूटी करने वाल जवानों को खेलकूद और योगा का समय नहीं मिल पाता है. उन्हें भी खान-पान, दिनचर्या और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी गई है.

अस्पताल में करवाई जा रही है जांचें : वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण में पुलिस के जिन जवानों के हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आई है. उनकी सवाई मानसिंह अस्पताल में अन्य जांचें भी करवाई जा रही है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से एक तरफ जहां भागदौड़ भरा काम करने में असहजता होती है. वहीं, इसके अन्य साइड इफेक्ट भी सामने आते है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट के साथ ही किडनी, लीवर जैसे अंगों पर भी असर पड़ता है. इसके चलते सवाई मानसिंह अस्पताल में इन जवानों की अन्य जांचें भी करवाई जा रही है.

जयपुर के हजारों पुलिसकर्मी ओवरवेट

जयपुर. अपराध कम करने, अपराधियों को पकड़ने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की भागदौड़ में खाकी बीमार हो रही है. बात केवल राजधानी जयपुर की ही पुलिस की करें तो पुलिस के हजारों जवान ओवरवेट, हाई ब्लड प्रैशर, हाईपरटेंशन और शुगर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. जयपुर पुलिस के जवानों के वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. हालांकि, पुलिस के जवान जिन बीमारियों से ग्रसित हैं. वे बीमारियां जीवनशैली से जुड़ी हुई हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नफरी की कमी के कारण और काम का बोझ बढ़ने से पुलिस के जवानों में यह बीमारियां हो रही हैं. ऐसे में जवानों के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए एक खास प्लान तैयार किया गया है. इसमें जीवनशैली में सुधार के साथ ही नियमित स्वास्थ्य जांच भी शामिल है.

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात एवं प्रशासन) राहुल प्रकाश के अनुसार, राजधानी जयपुर के पुलिसकर्मियों का हर साल हेल्थ चेकअप करवाया जाता है और डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाया गया है. जिससे जवानों की बीमारियों का लेखा-जोखा रखा जाता है. इस बार 40 साल से अधिक उम्र के करीब पांच हजार जवानों का अब तक स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा चुका है. जब इसकी रिपोर्ट आई तो पता चला कि हर दूसरा जवान हाइपरटेंशन (स्ट्रैस) की समस्या से जूझ रहा है. जिन जवानों की जांच हुई है. उनमें आधे से ज्यादा में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी सामने आई है. जबकि 2,017 पुलिसकर्मियों का वजन बढ़ा हुआ पाया गया. जिसके चलते भी उनके स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है. इसके साथ ही कई जवानों में शुगर की समस्या भी पाई गई है.

हाईपरटेंशन की स्टेज-1 में के केस ज्यादा : फिलहाल जिन पांच हजार पुलिसकर्मियों की जांच की गई है. उनमें सबसे ज्यादा मामले हाईपरटेंशन के हैं. इस बीमारी की पहली स्टेज में ब्लड प्रेशर 140 से 159 तक रहता है. इस दायरे में 1197 जवान है. जबकि स्टेज-दो में बीपी 160-179 रहता है. इसमें 419 पुलिसकर्मी है. तीसरी स्टेज में बीपी 180 से अधिक रहता है. इस स्टेज में 107 जवान है. इसी तरह 160 पुलिसकर्मी शुगर की समस्या से जूझ रहे है. इस जांच में 2,017 पुलिसकर्मी वजन ज्यादा होने की समस्या का सामना कर रहे है.

पढ़ें Rajasthan Police Duty: रोटेशन में लगेगी पुलिस जवानों की ड्यूटी...15 दिन में एक बार मिलेगा 24 घंटे का रेस्ट

सबसे ज्यादा 2,170 कांस्टेबल का स्वास्थ्य परीक्षण : अभी तक 40 साल से ज्यादा उम्र के पांच हजार पुलिसकर्मियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है. इनमें 2,170 कांस्टेबल है. जबकि 1,359 हेड कांस्टेबल, 592 एएसआई, 99 सब इंस्पेक्टर, 30 सर्किल इंस्पेक्टर, 12 एडिशनल एसपी और 35 अन्य कार्मिकों की जांच की गई है.

यह है डिजिटल हेल्थ कार्ड के फायदे : राहुल प्रकाश के अनुसार, हेल्थ कार्ड का सबसे बड़ा फायदा यही है कि पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य में जो-जो बदलाव आते है. उनका रिकॉर्ड उपलब्ध रहता है. कई बार जांच करवाते हैं लेकिन रिपोर्ट्स को सहेजना संभव नहीं होता है और अगली बार जब जांच करवाने जाते हैं तो पहले वाली रिपोर्ट की जानकारी नहीं होती है. जब रिकॉर्ड मेंटेन रहता है तो डॉक्टर को ट्रीटमेंट देने और इसके बारे में फैसला लेने में आसानी रहती है. इससे सही इलाज भी समय पर संभव हो पाता है.

पिछले दिनों बॉर्डर लाइन के ट्रैफिककर्मी का हुआ निधन : अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर (यातायात एवं प्रशासन) राहुल प्रकाश का कहना है कि पिछले दिनों यातायात पुलिस के एक जवान का हार्ट अटैक से निधन हो गया था. जब रिकॉर्ड देखा तो पता चला कि वह हाईपरटेंशन और ब्लड प्रेशर की बॉर्डर लाइन पर थे.

बॉर्डर लाइन के जवानों का हर महीने परीक्षण : उन्होंने बताया कि जो जवान स्वास्थ्य के लिहाज से हाईपरटेंशन या शुगर की बॉर्डर लाइन पर या क्रिटिकल स्टेज पर है. उनका वार्षिक की जगह अब मासिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. जिससे यदि उनके स्वास्थ्य में कोई उतार-चढ़ाव होता है तो समय पर पता चल जाए. उन्होंने कहा कि जवानों को स्वस्थ रखने के लिए पुलिस लाइन में योग, खेलकूद और पीटी आदि करवाई जाती है. लेकिन फील्ड और ट्रैफिक ड्यूटी करने वाल जवानों को खेलकूद और योगा का समय नहीं मिल पाता है. उन्हें भी खान-पान, दिनचर्या और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी गई है.

अस्पताल में करवाई जा रही है जांचें : वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण में पुलिस के जिन जवानों के हाई ब्लड प्रेशर की समस्या आई है. उनकी सवाई मानसिंह अस्पताल में अन्य जांचें भी करवाई जा रही है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से एक तरफ जहां भागदौड़ भरा काम करने में असहजता होती है. वहीं, इसके अन्य साइड इफेक्ट भी सामने आते है. ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट के साथ ही किडनी, लीवर जैसे अंगों पर भी असर पड़ता है. इसके चलते सवाई मानसिंह अस्पताल में इन जवानों की अन्य जांचें भी करवाई जा रही है.

Last Updated : Jul 13, 2023, 7:34 AM IST

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