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खाकी को चुनौती देने वाले बदमाश हवालात से पहले पहुंच रहे अस्पताल, क्राइम करने से पहले सोचेंगे सौ बार

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2023, 9:41 PM IST

राजस्थान में अपराध और अपराधियों को काबू करने के लिए पुलिस ने अब अपनी रणनीति बदल ली है. आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय भरने के लिए पुलिस के बदले एक्शन के बीच बदमाश हवालात से पहले अस्पताल पहुंच रहे हैं.

Rajasthan police in action
Rajasthan police in action
राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा

जयपुर. भरतपुर के जंगल हो या धौलपुर के बीहड़ या फिर शेखावाटी और मारवाड़ के रेतीले टीले. इन दिनों बदमाशों पर राजस्थान पुलिस की गोलियों की गूंज चौतरफा सुनाई दे रही है. खुलेआम फायरिंग, लूट-खसोट, डकैती या गैंगवार की वारदातों को अंजाम देकर खाकी को चुनौती देने वाले बदमाशों को पहले पुलिस पकड़कर सीधे हवालात पहुंचाती थी. इस साल से बदमाशों के खिलाफ पुलिस के एक्शन का ट्रेंड कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है. कोई भी ऐसी वारदात जो सुर्खियों में आई तो उसे अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी भी सुर्खियां बन रही हैं. इसका कारण है कि ऐसे बदमाशों को पुलिस पकड़कर सीधा हवालात पहुंचाने से पहले उन्हें अस्पताल पहुंचा रही है. खाकी को चुनौती देने वाले ज्यादातर बदमाशों के पैर पुलिस की गोली का निशाना बन रहे हैं.

हाल ही के दिनों में इस तरह की एक दर्जन से अधिक घटनाएं सामने आई हैं. इस कड़ी में आज एक साथ दो मामले आए हैं. धौलपुर के बीहड़ों में पुलिस से मुठभेड़ में एक इनामी बदमाश के पैर में गोली लगी है, जबकि दो बदमाशों ने पुलिस से बचने की जद्दोजहद में अपनी टांगें तुड़वा ली. इसी तरह भरतपुर में 27 अगस्त को खुलेआम अजय झामरी की गोलियां बरसाकर हत्या करने वाले तीन बदमाशों को भी पुलिस ने पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया है. इनका अस्पताल में उपचार चल रहा है.

इसे भी पढ़ें - Special : राजस्थान में माफियाओं पर 'लगाम', पुलिस ने इस साल 1073 इनामी बदमाश पकड़े, 8 पर था एक-एक लाख का इनाम

इससे पहले दौसा में पुलिसकर्मी पर फायरिंग कर भागने वाला बदमाश हो, भरतपुर में ज्वैलर पर फायरिंग करने वाले बदमाश हो या फिर सुदूर प्रतापगढ़ में विवाहिता को निर्वस्त्र कर वीडियो बनाने के मुख्य आरोपी. ये सभी पुलिस से मुठभेड़ में घायल हुए हैं. इन सभी के पैर में गोली लगने के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए हैं, हालांकि, इन मामलों को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले बदमाशों ने उन्हें पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग की. इसके बाद पुलिस के जवानों में आत्मरक्षा में फायर किया.

Rajasthan police in action
हाल के दिनों की चर्चित मुठभेड़

जख्म भर जाएगा, लेकिन लंबे समय तक दर्द याद रहेगा - पुलिस का दावा है कि वारदात को अंजाम देकर भाग रहे बदनाशों का जब पीछा किया गया या फिर उन्हें पकड़ने के लिए घेराबंदी की गई तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में वे पुलिस की गोली का शिकार हुए हैं. जानकारों का यह भी कहना है कि ऐसी कार्रवाई से दूसरे बदमाशों में भय होगा और वे अपराध करने से तौबा करेंगे. हाल ही के दिनों में पुलिस से मुठभेड़ में घायल बदमाशों के जख्म कुछ दिन में भर जाएंगे, लेकिन इसका दर्द उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा और भविष्य में कोई भी अपराध करने से पहले वे एक बार जरूर सोचेंगे.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan : महिला अत्याचार के मामले में फजीहत झेल रही राजस्थान पुलिस को आंकड़ों ने दी 'राहत', सजा दिलाने में नेशनल औसत रेट से भी आगे, जानिये पूरी रिपोर्ट

सीएम की बदमाशों को नसीहत, पुलिस को भी सलाह - पुलिस स्थापना दिवस का कार्यक्रम हो, पुलिस मुख्यालय में अपराध समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार वार्ता हो या कोई और मंच. इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बदमाशों को सख्त हिदायत देते दिखते हैं कि या तो बदमाश अपराध का रास्ता छोड़ दें या फिर प्रदेश छोड़ दें. ऐसे में पुलिस का मनोबल बढ़ा है और जब कोई बदमाश हावी होने का प्रयास करता है तो पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर मुंहतोड़ जवाब दे रही है. हालांकि, सीएम यह भी कह चुके हैं कि राजस्थान में फेक एनकाउंटर की प्रवृत्ति नहीं है और इसे बर्दाश्त भी नहीं किया जाएगा.

गलत तरीके से पैसा कमाने की चाह, पनप रहा संगठित अपराध - डीजीपी उमेश मिश्रा ने पिछले दिनों कहा था कि हम पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई पर जोर दे रहे हैं. कहीं भी कानून का उल्लंघन नहीं करना है. कानून हमें इतनी ताकत देता है कि हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. राजस्थान में फायरिंग वाली प्रवृत्ति नई है. राजस्थान में पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे प्रदेश में संपन्नता और लोगों का जीवन स्तर बढ़ा है. जमीनों की कीमतें बढ़ गई हैं. उसी का एक प्रभाव है कि संगठित अपराध भी बढ़ा है. ऐसे में फायरिंग की वारदातें भी बढ़ी हैं.

एसपी जोशीले और मेहनती, तुरंत मिल रहे परिणाम - उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़े जाने के दौरान कुछ घटना ऐसी हो जाती है कि पुलिस को एक्शन लेना पड़ता है. लेकिन अपराधों में कमी आई है और जो भी घटनाएं हुई हैं. उनमें पुलिस का रेस्पोंस टीम उल्लेखनीय रहा है. पुलिस की तरफ से रत्तीभर भी शिथिलता या लापरवाही नहीं बरती गई है. जो भी घटनाएं होती हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है. अपराध तो अपराध है. लेकिन पुलिस ने अभूतपूर्व तरीके से रेस्पोंस किया है. सभी जगह हमें सफलता मिली है. हमारे जिलों में जो एसपी लगे हैं, वो बड़े जोशीले और मेहनती हैं, इसलिए हमें परिणाम तुरंत मिल रहे हैं.

राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा

जयपुर. भरतपुर के जंगल हो या धौलपुर के बीहड़ या फिर शेखावाटी और मारवाड़ के रेतीले टीले. इन दिनों बदमाशों पर राजस्थान पुलिस की गोलियों की गूंज चौतरफा सुनाई दे रही है. खुलेआम फायरिंग, लूट-खसोट, डकैती या गैंगवार की वारदातों को अंजाम देकर खाकी को चुनौती देने वाले बदमाशों को पहले पुलिस पकड़कर सीधे हवालात पहुंचाती थी. इस साल से बदमाशों के खिलाफ पुलिस के एक्शन का ट्रेंड कुछ बदला-बदला नजर आ रहा है. कोई भी ऐसी वारदात जो सुर्खियों में आई तो उसे अंजाम देने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी भी सुर्खियां बन रही हैं. इसका कारण है कि ऐसे बदमाशों को पुलिस पकड़कर सीधा हवालात पहुंचाने से पहले उन्हें अस्पताल पहुंचा रही है. खाकी को चुनौती देने वाले ज्यादातर बदमाशों के पैर पुलिस की गोली का निशाना बन रहे हैं.

हाल ही के दिनों में इस तरह की एक दर्जन से अधिक घटनाएं सामने आई हैं. इस कड़ी में आज एक साथ दो मामले आए हैं. धौलपुर के बीहड़ों में पुलिस से मुठभेड़ में एक इनामी बदमाश के पैर में गोली लगी है, जबकि दो बदमाशों ने पुलिस से बचने की जद्दोजहद में अपनी टांगें तुड़वा ली. इसी तरह भरतपुर में 27 अगस्त को खुलेआम अजय झामरी की गोलियां बरसाकर हत्या करने वाले तीन बदमाशों को भी पुलिस ने पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया है. इनका अस्पताल में उपचार चल रहा है.

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इससे पहले दौसा में पुलिसकर्मी पर फायरिंग कर भागने वाला बदमाश हो, भरतपुर में ज्वैलर पर फायरिंग करने वाले बदमाश हो या फिर सुदूर प्रतापगढ़ में विवाहिता को निर्वस्त्र कर वीडियो बनाने के मुख्य आरोपी. ये सभी पुलिस से मुठभेड़ में घायल हुए हैं. इन सभी के पैर में गोली लगने के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए हैं, हालांकि, इन मामलों को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पहले बदमाशों ने उन्हें पकड़ने गई पुलिस टीम पर फायरिंग की. इसके बाद पुलिस के जवानों में आत्मरक्षा में फायर किया.

Rajasthan police in action
हाल के दिनों की चर्चित मुठभेड़

जख्म भर जाएगा, लेकिन लंबे समय तक दर्द याद रहेगा - पुलिस का दावा है कि वारदात को अंजाम देकर भाग रहे बदनाशों का जब पीछा किया गया या फिर उन्हें पकड़ने के लिए घेराबंदी की गई तो बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग की. इसके बाद जवाबी कार्रवाई में वे पुलिस की गोली का शिकार हुए हैं. जानकारों का यह भी कहना है कि ऐसी कार्रवाई से दूसरे बदमाशों में भय होगा और वे अपराध करने से तौबा करेंगे. हाल ही के दिनों में पुलिस से मुठभेड़ में घायल बदमाशों के जख्म कुछ दिन में भर जाएंगे, लेकिन इसका दर्द उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा और भविष्य में कोई भी अपराध करने से पहले वे एक बार जरूर सोचेंगे.

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सीएम की बदमाशों को नसीहत, पुलिस को भी सलाह - पुलिस स्थापना दिवस का कार्यक्रम हो, पुलिस मुख्यालय में अपराध समीक्षा बैठक के बाद पत्रकार वार्ता हो या कोई और मंच. इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बदमाशों को सख्त हिदायत देते दिखते हैं कि या तो बदमाश अपराध का रास्ता छोड़ दें या फिर प्रदेश छोड़ दें. ऐसे में पुलिस का मनोबल बढ़ा है और जब कोई बदमाश हावी होने का प्रयास करता है तो पुलिस भी जवाबी कार्रवाई कर मुंहतोड़ जवाब दे रही है. हालांकि, सीएम यह भी कह चुके हैं कि राजस्थान में फेक एनकाउंटर की प्रवृत्ति नहीं है और इसे बर्दाश्त भी नहीं किया जाएगा.

गलत तरीके से पैसा कमाने की चाह, पनप रहा संगठित अपराध - डीजीपी उमेश मिश्रा ने पिछले दिनों कहा था कि हम पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई पर जोर दे रहे हैं. कहीं भी कानून का उल्लंघन नहीं करना है. कानून हमें इतनी ताकत देता है कि हम अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं. राजस्थान में फायरिंग वाली प्रवृत्ति नई है. राजस्थान में पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी, लेकिन जैसे-जैसे प्रदेश में संपन्नता और लोगों का जीवन स्तर बढ़ा है. जमीनों की कीमतें बढ़ गई हैं. उसी का एक प्रभाव है कि संगठित अपराध भी बढ़ा है. ऐसे में फायरिंग की वारदातें भी बढ़ी हैं.

एसपी जोशीले और मेहनती, तुरंत मिल रहे परिणाम - उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़े जाने के दौरान कुछ घटना ऐसी हो जाती है कि पुलिस को एक्शन लेना पड़ता है. लेकिन अपराधों में कमी आई है और जो भी घटनाएं हुई हैं. उनमें पुलिस का रेस्पोंस टीम उल्लेखनीय रहा है. पुलिस की तरफ से रत्तीभर भी शिथिलता या लापरवाही नहीं बरती गई है. जो भी घटनाएं होती हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है. अपराध तो अपराध है. लेकिन पुलिस ने अभूतपूर्व तरीके से रेस्पोंस किया है. सभी जगह हमें सफलता मिली है. हमारे जिलों में जो एसपी लगे हैं, वो बड़े जोशीले और मेहनती हैं, इसलिए हमें परिणाम तुरंत मिल रहे हैं.

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