जयपुर. राजधानी जयपुर में सोमवार को एक बार फिर पुलिस ने अलसुबह बदमाशों के दरवाजे पर दस्तक दी और बदमाशों को नींद से उठते ही हवालात का दरवाजा दिखाया. इस बार टारगेट पर खास तौर से वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाश रहे. हालांकि, दबिश सुबह दी गई, लेकिन इसके लिए जयपुर आयुक्तालय की पुलिस टीम पिछले कई दिनों से कवायद में जुटी थी.
बाकायदा वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले 919 बदमाशों की सूची तैयार की गई और फिर एक साथ सभी बदमाशों के दरवाजे पर दस्तक दी गई, ताकि बदमाशों को संभलने और भागने का मौका नहीं मिले. इस अभियान में 253 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनके कब्जे से आठ वाहन भी जब्त किए गए हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि जयपुर में रहकर वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले बदमाशों के 919 ठिकानों पर सघन तलाशी और दबिश दी गई. एक साथ कार्रवाई कर दबिश देने से बदमाश एक-दूसरे को सूचना देकर सतर्क करने में कामयाब नहीं हो पाए और बड़ी संख्या में बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़े.
इस अभियान के तहत सीएसटी, डीएसटी और थाना पुलिस की अलग-अलग टीमों का गठन किया गया. इन सभी टीमों ने संयुक्त रूप से जयपुर शहर में 919 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी और अपराधियों को घेरकर उनके घरों और ठिकानों की तलाशी ली. इस दौरान आपराधिक गतिविधियों में लिप्त 313 बदमाशों को पुलिस थानों पर लाया गया. इनमें से 253 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि 240 बदमाशों को धारा 151 में, 9 बदमाशों को सीआरपीसी की धारा 110 में गिरफ्तार किया गया. जबकि सीआरपीसी की धारा 107/116 में चार और दो स्थाई वारंटियों को भी गिरफ्तार किया गया. इस अभियान के दौरान आठ वाहन जब्त किए गए, जबकि इन चिह्नित अपराधियों में से 34 बदमाश न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं.
इस टीम ने होमवर्क कर तैयार किया रोडमैप : पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने बताया कि वाहन चोरी से जुड़े बदमाशों को चिह्नित कर इनके ठिकानों की जानकारी जुटाने, इन बदमाशों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश विश्नोई, डीसीपी (क्राइम) ज्येष्ठा मैत्रेयी, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (संगठित अपराध) सुलेश चौधरी, सहायक पुलिस आयुक्त (साइबर सेल) चिरंजी लाल, सीएसटी प्रभारी बनवारी लाल मीना, सीआई मांगीलाल और राजीव यदुवंशी की टीम ने होमवर्क कर तैयारी की थी.
इन टीमों ने लिया एक्शन : उन्होंने बताया कि अपराधियों के ठिकानों और उनकी गतिविधियों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाने के बाद अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रथम) कैलाश विश्नोई के निर्देशन में डीसीपी (पूर्व) ज्ञानचंद यादव, डीसीपी (पश्चिम) वंदिता राणा, डीसीपी (उत्तर) राशि डोगरा डूडी और डीसीपी (दक्षिण) योगेश गोयल के नेतृत्व में बदमाशों के ठिकानों पर दबिश देने और उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए गए. इस पर चारों जिलों के पुलिस उपायुक्त ने सभी वृत्ताधिकारी और थानाधिकारियों के सुपरविजन में टीमों का गठन किया. इन टीमों ने एक साथ 919 ठिकानों पर दबिश दी.