जयपुर. पिछले दिनों राजस्थान में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के कई मामले सामने आए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अपराध पर लगाम लगाने और माफियाओं पर नकेल कसने के लिए राजस्थान पुलिस अब उत्तर प्रदेश पुलिस की तर्ज पर कार्रवाई कर रही है. राजस्थान में मुठभेड़ के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में पुलिस बदमाशों को हवालात से पहले अस्पताल पहुंचा रही है.
दरअसल, बीते करीब तीन महीने के आंकड़ों पर गौर करें तो बदमाशों और पुलिस के बीच कई मुठभेड़ हुई हैं. ज्यादातर मामलों में बदमाशों के पैर में गोली मारकर उन्हें पकड़ा जा रहा है. जयपुर से लेकर झुंझुनू और श्रीगंगानगर तक जहां भी बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी, पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और बदमाशों को घुटने के बल ला दिया. मुठभेड़ में पुलिस के कई जवान भी घायल हुए हैं.
केस 01- व्यापारी से फिरौती मांगी तो मिली गोली : पुलिस की इस बदली रणनीति का ताजा उदाहरण श्रीगंगानगर में देखने को मिला है. व्यापारी रमेश मालपानी से फिरौती मांगने की जानकारी मिली तो तीन बदमाशों को चिह्नित कर पुलिस पंजाब पहुंची. वहां पता चला कि ये बदमाश श्रीगंगानगर भाग गए हैं. पुलिस ने बदमाशों का पीछा कर घेरने की कोशिश की तो बाइक सवार बदमाश सचिन ने गोली चला दी. जवाबी कार्रवाई में श्रीगंगानगर के कोतवाली थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह ने भी सचिन के पैर में गोली मारी. इसके बाद पुलिस ने सचिन, उसके साथी हरीश व सोनू को दबोच लिया.
केस 02- मुन्ना हत्याकांड के आरोपी का वीडियो वायरल : अलवर के खोहरी गांव में होली के दिन संजय नाम के युवक की हत्या के मुख्य आरोपी अजय खोहरी की भी पुलिस से मुठभेड़ हुई थी. 10 मार्च को पुलिस टीम ने जब उसपर शिकंजा कसा तो उसने थानाधिकारी वीरेंद्र पाल पर फायरिंग कर दी. गोली उनकी छाती पर जा लगी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट के कारण वे बच गए. जवाब में पुलिस ने गोली दागी जो बदमाश अजय के पैर में लगी. थाने ले जाते समय लंगड़ाते हुए उसका एक वीडियो भी वायरल हुआ था. उसके साथी रवि को भी पुलिस ने पकड़ लिया.
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केस 03- राजू ठेहट के हत्यारों से डाबला में हुई मुठभेड़ : गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के दौरान भी बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसमें बदमाश घायल हो गए थे. मामले में पुलिस ने तीन बदमाशों को झुंझुनू जिले के पौंख गांव से पकड़ा था. दो बदमाशों ने हरियाणा बॉर्डर के पास डाबला गांव में पुलिस से घिरने के बाद फायरिंग कर दी थी. जवाबी कार्रवाई में पुलिस और बदमाश दोनों घायल हो गए थे.
केस 04- आरोपी भागने लगे तो पुलिस ने मारी गोली : भरतपुर की एक जिम के बाहर लाला पहलवान नाम के एक व्यक्ति पर 23 फरवरी को फायरिंग की गई थी. इस घटना के चार आरोपियों को हरियाणा के गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया था. 26 फरवरी को जब बदमाशों को लेकर पुलिस भरतपुर आ रही थी तो उन्होंने भागने का प्रयास किया था. इस पर पुलिस ने चारों बदमाशों को गोली मारकर पकड़ा था.
केस 05- पुलिस से हथियार छीनकर भागे, मुठभेड़ में लगी गोली : जयपुर के जवाहर सर्किल स्थित G-क्लब पर फायरिंग के आरोपियों की भी पुलिस से मुठभेड़ हुई थी. 28 जनवरी को फायरिंग की घटना के बाद आगरा में बदमाश भूपेंद्र ने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी. 31 जनवरी को जयपुर लाते समय बदमाश पुलिसकर्मियों से हथियार छीनकर भागने लगे. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए एक बार फिर गोलियां दागी, जिसमें तीनों बदमाश घायल हो गए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.
बदमाशों में भय कायम करने का फार्मूला : राजस्थान पुलिस की इस बदली रणनीति पर अधिकारी सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. माना जा रहा है कि बदमाशों में भय कायम करने के लिए राजस्थान पुलिस ये कार्रवाई कर रही है. एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने बातचीत में बताया कि बदमाशों ने पहले गोली चलाई थी. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की है. आप देखिए, हर घटना में पहले बदमाशों ने पुलिस पर गोली चलाकर चुनौती दी है. इसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की है. इसमें रणनीति बदलने जैसी कोई बात नहीं है.