जयपुर. जयपुर जिले में चल रहे विवाद को देखते हुए अब हो सकता है कि दूदू की जगह जयपुर ग्रामीण एक जिला बना दिया जाए. इससे विवाद का अंत हो सकता है. सोमवार को विधायकों से विचार-विमर्श के बाद यह चर्चा निकलकर आई कि अगर जयपुर लोकसभा और जयपुर ग्रामीण लोकसभा की तरह ही जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण 2 जिले बना दिए जाएं तो इसमें विवाद का अंत हो सकता है. वैसे भी ज्यादातर विधायक और जनता की ओर से दूदू में शामिल नहीं होने और जयपुर शहर के दो टुकड़े नहीं करने की बात कही जा रही है. ऐसे में जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण नाम रखकर इस विवाद का हल निकाला जा सकता है.
नए जिले में जाने को लेकर विवादः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस बार 2008 के बाद 15 साल का इंतजार समाप्त कर बजट में 19 नए जिलों की घोषणा कर दी है. जहां पहले जिले बनाने की मांग को लेकर विवाद हो रहा था, अब वह विवाद अपने वर्तमान जिले से नए जिले में जाने को लेकर हो रहा है. इस विवाद में भी सबसे आगे है, दूदू जिला और जयपुर जिला क्योंकि फुलेरा, सांभर, चाकसू जिले के लोग दूदू में शामिल नहीं होना चाहते हैं.
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हिंसा होने के बने हालातः जयपुर जिले के लोग यह नहीं चाहते कि जयपुर के दो टुकड़े हो. ऐसे में सर्वाधिक विवाद इन्हीं दो जगह हो रहा है. रविवार को तो विवाद इतना बढ़ गया की दूदू की जगह सांभर या फुलेरा जिला बनाने की मांग को लेकर आम लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच हिंसा और टकराव हो गया. जिसके चलते पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में ले रखा है. अब क्योंकि हालात हिंसा बन रहे हैं तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूदू विधायक बाबूलाल नागर को छोड़ जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण के सभी कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया और उनसे जिलों को लेकर चर्चा की.
जन भावना के अनुसार ही बनेंगे जिलेः मुख्यमंत्री आवास पर जिलों को लेकर हुई मीटिंग में चर्चा कर लौटे मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि कांग्रेस सरकार की अब तक जितनी भी योजनाएं बनीं जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं. जिनमें राजस्थान में डेवलपमेंट और पब्लिक वेलफेयर पर ध्यान दिया गया. उन्होंने कहा कि जिलों को लेकर मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि जन भावनाओं को सम्मान दिया जाएगा. जनता की भावनाओं के अनुसार ही, वह योजना लेकर आए हैं और आगे भी इसका ध्यान रखा जाएगा की जनता क्या चाहती है.
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जनता से नहीं होगा टकरावः खाचरियावास ने यह स्पष्ट किया कि जो जिस जिले में रहना चाहते हैं और जिसके जो नजदीक है उसकी बात का सम्मान किया जाएगा. बेवजह जनता से टकराव कर जिले नहीं बनाए जाएंगे. प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा है कि काफी जगह यह बात आ रही है कि हम नए जिलों में नहीं जाएंगे, जो जिन जिलों में नहीं जाना चाहता उनको जबरन नहीं भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री खुद यह कहते हैं कि जब मैं जनता का सम्मान करता हूं तो टकराव क्यों करूंगा. वहीं जयपुर शहर के दो टुकड़े नहीं होने को लेकर भी उन्होंने दोहराया कि जयपुर में हेरिटेज और ग्रेटर के ढाई सौ वार्ड एक ही रहेंगे. जयपुर शहर जयपुर ही रहेगा.
पहले की ही तरह रहेगा जयपुरः दूसरी ओर पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी भी मुख्यमंत्री आवास पर इस बैठक में शामिल होने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने साफ कर दिया कि आज जिस तरह से सकारात्मक बात हुई और मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि जयपुर जैसे पहले था वैसे ही रहेगा. ज्यादा से ज्यादा जयपुर शहर और जयपुर ग्रामीण 2 जिले बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर चाकसू को दूदू जिले में शामिल किया जाता है तो मैं जिस स्तर पर जाना पड़ेगा, उस स्तर तक जाऊंगा. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहुंचते ही यह कह दिया की जैसा आप और जनता चाहेगी वैसा ही होगा तो ऐसे में अब कोई नाराजगी की बात नहीं है.