जयपुर. राजस्थान में सीएम गहलोत और पायलट के बीच चल रही सियासी रस्साकशी के बीच पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने पार्टी आलाकमान से मांग की है कि वो दोनों नेताओं को लेकर जो भी निर्णय लेना है, तुरंत प्रभाव से लें. उन्होंने कहा कि आलाकमान का जो भी निर्णय होगा वो हम मानने को तैयार हैं, लेकिन आलाकमान को तुरंत कोई न कोई निर्णय लेना चाहिए, ताकि कार्यकर्ताओं का जोश बना रहे. उन्होंने कहा कि हमारी मांग युवा और बेरोजगारों को न्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की थी, जिस पर सकारात्मक कार्रवाई होनी चाहिए.
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार करते हुए विधायक ने कहा कि अगर सीएम को कार्रवाई करनी है तो वो करें, वरना मना कर दें. विधायक सोलंकी ने आगे कहा कि जिन वादों को करके हम पिछले चुनाव में जीत दर्ज किए थे, उसे बिना निभाए भला जनता के बीच कैसे जाएंगे. यदि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है तो फिर जनता में एक सकारात्मक संदेश जाएगा. सोलंकी ने कहा कि हम अपने लिए नहीं, बल्कि बेरोजगारों के लिए और करप्शन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे.
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जो जोश होना चाहिए, वो तब तक नहीं आएगा जब तक गहलोत-पायलट को लेकर चल रहे मामले का निस्तारण नहीं होगा. सोलंकी ने कहा कि आलाकमान को जो कुछ करना है, जो भी फैसला लेना है वो जल्द ही लेना चाहिए. हम सब आलाकमान के साथ हैं, जो आलाकमान का फैसला होगा वो सभी को मान्य होगा. उन्होंने कहा कि हम सचिन पायलट के साथ हैं. पायलट का आंदोलन युवाओं को लेकर था. उस विषय पर जो भी फैसला हो समय पर होना चाहिए, ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश बने और सब मिलकर चुनाव लड़े.
आपको बता दें कि वेद सोलंकी जयपुर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर हो रही जयपुर ग्रामीण की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन वो बैठक में शामिल हुए बगैर ही अपनी बात मीडिया में रख कर वापस चले गए. यह कहते दिखाई दिए कि वो अब बैठक में तभी आएंगे, जब पायलट-गहलोत के बीच चल रहे मुद्दों का निस्तारण हो जाएगा.