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BJP in Rajasthan : 2 अप्रैल को मिल सकता है नया नेता प्रतिपक्ष, प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव के संकेत - संगठन में बड़े बदलाव के संकेत

राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का चयन जल्द हो सकता है. वहीं, प्रदेश संगठन में भी बड़े बदलाव के संकेत (Rajasthan Mission 2023) मिल रहे हैं. खुद सुनिए राजस्थान भाजपा प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा...

Arun Singh and CP Joshi
Arun Singh and CP Joshi
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Published : Mar 31, 2023, 8:51 PM IST

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. प्रदेश बीजेपी में बीते 27 मार्च को अध्यक्ष का बदला हो गया. जिसके बाद अब सबकी निगाहें नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर है. नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चल रही सियासी चर्चाओं के बीच अब यह संकेत मिले हैं कि 2 अप्रैल को नेता प्रतिपक्ष के नाम का एलान हो सकता है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इसके संकेत दिए. इसके साथ ही अरुण सिंह ने प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की ओर भी इशारा किया.

2 अप्रैल को कोर ग्रुप की बैठक : 2 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय पर कोर ग्रुप की बैठक होने जा रही है. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश बीजेपी में अध्यक्ष के बदलाव के बाद की पहली बैठक है. इस बैठक में चुनाव की आगामी रणनीति पर चर्चा होगी. इसके साथ ही मौजूदा सरकार को किन मुद्दों पर घेरा जाए, उसकी कार्य योजना भी बनेगी. कोर ग्रुप की बैठक से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित कई नेताओं की शुक्रवार दिन भर अलग-अलग पदाधिकारियों के साथ में बैठकें हुईं. बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने इस बात के संकेत दे दिए कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति होगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष का चुनाव विधायक दल की बैठक में होता है. किसे नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए, इसका फैसल सबकी सहमति से केंद्रीय नेतृत्व लेता है. जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का नाम सबके सामने होगा.

पढे़ं : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव के बाद अब संगठन में बदलाव की सुगबुगाहट

संगठन में बदलाव प्रक्रिया का हिस्सा : अरुण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों मोर्चों में होने वाले बदलाव को लेकर भी संकेत दिए. उन्होंने कहा कि जब भी अध्यक्ष की नियुक्ति होती है तो उसके बाद बाकी बदलाव स्वभाव प्रक्रिया का हिस्सा है. हालांकि, यह अधिकार प्रदेश अध्यक्ष का स्वयं का होता है कि उन्हें अपनी टीम में किसे रखना किसे बाहर भेजना है. इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष अपनी टीम को लेकर निर्णय करेंगे.

उधर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव के सवाल को टालते हुए कहा कि 2 अप्रैल को कोर ग्रुप की बैठक होने जा रही है. अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली बैठक है. सबसे इस बैठक के जरिए मुलाकात होगी. पार्टी के आगे की कार्य योजना पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी फैसला होगा, उसके बाद आपको बता दिया जाएगा.

156 नहीं, 56 से भी कम होंगे : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी योजनाओं के जरिए 156 से ज्यादा सीटों पर जीत के आने का दावा किया है. भरतपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से किए गए इस दावे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पलटवार किया. अरुण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछला बजट विधानसभा में पढ़ते हैं. जब उनको यह पता नहीं होता है कि वो पुराना पड़ रहे हैं या नया, तो आप समझ सकते हैं कि वह कितने गंभीर होंगे. दूसरा, जब उनके मंत्री कहते हैं कि हम एक फॉर्च्यूनर गाड़ी में आने जितनी विधायक ही जीत कर आएंगे तो समझ में नहीं आता है कि मुख्यमंत्री कैसे 156 सीटों पर जीत की बात करते हैं. वो 56 सीटों से भी कम पर जीत कर आएंगे.

केन्द्र की योजनाओं को अपना नाम दिया : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों, मंत्रिमंडल सदस्यों और अपने सलाहकार के मन की बात नहीं सुनी. अगर वो उनकी बात सुनेंगे लेते तो उन्हें आकलन हो जाता कि कितनी सीटों पर जीत कर आ रहे हैं. जोशी ने कहा कि केंद्र की योजनाओं को कॉपी करके अपने नाम से पेश करने से कुछ नहीं होगा. यह कितने ही उत्सव मना लें, लेकिन इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा. जनता सब समझती है कि केंद्र की मोदी सरकार ने जो योजना लागू की है, उसे राज्य सरकार अपने नाम से चला रही है. केंद्र की योजनाओं को अपना नाम देकर वाहवाही लूटने से लाभ नहीं मिलने वाला.

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. प्रदेश बीजेपी में बीते 27 मार्च को अध्यक्ष का बदला हो गया. जिसके बाद अब सबकी निगाहें नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति पर है. नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर चल रही सियासी चर्चाओं के बीच अब यह संकेत मिले हैं कि 2 अप्रैल को नेता प्रतिपक्ष के नाम का एलान हो सकता है. बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय पर मीडिया से बात करते हुए इसके संकेत दिए. इसके साथ ही अरुण सिंह ने प्रदेश संगठन में बड़े बदलाव की ओर भी इशारा किया.

2 अप्रैल को कोर ग्रुप की बैठक : 2 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय पर कोर ग्रुप की बैठक होने जा रही है. यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश बीजेपी में अध्यक्ष के बदलाव के बाद की पहली बैठक है. इस बैठक में चुनाव की आगामी रणनीति पर चर्चा होगी. इसके साथ ही मौजूदा सरकार को किन मुद्दों पर घेरा जाए, उसकी कार्य योजना भी बनेगी. कोर ग्रुप की बैठक से पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह सहित कई नेताओं की शुक्रवार दिन भर अलग-अलग पदाधिकारियों के साथ में बैठकें हुईं. बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने इस बात के संकेत दे दिए कि जल्द ही नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति होगी. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष का चुनाव विधायक दल की बैठक में होता है. किसे नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए, इसका फैसल सबकी सहमति से केंद्रीय नेतृत्व लेता है. जल्द ही नेता प्रतिपक्ष का नाम सबके सामने होगा.

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संगठन में बदलाव प्रक्रिया का हिस्सा : अरुण सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों मोर्चों में होने वाले बदलाव को लेकर भी संकेत दिए. उन्होंने कहा कि जब भी अध्यक्ष की नियुक्ति होती है तो उसके बाद बाकी बदलाव स्वभाव प्रक्रिया का हिस्सा है. हालांकि, यह अधिकार प्रदेश अध्यक्ष का स्वयं का होता है कि उन्हें अपनी टीम में किसे रखना किसे बाहर भेजना है. इस बार भी प्रदेश अध्यक्ष अपनी टीम को लेकर निर्णय करेंगे.

उधर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने नेता प्रतिपक्ष और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव के सवाल को टालते हुए कहा कि 2 अप्रैल को कोर ग्रुप की बैठक होने जा रही है. अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली बैठक है. सबसे इस बैठक के जरिए मुलाकात होगी. पार्टी के आगे की कार्य योजना पर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि बैठक में जो भी फैसला होगा, उसके बाद आपको बता दिया जाएगा.

156 नहीं, 56 से भी कम होंगे : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी योजनाओं के जरिए 156 से ज्यादा सीटों पर जीत के आने का दावा किया है. भरतपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से किए गए इस दावे पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने पलटवार किया. अरुण सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछला बजट विधानसभा में पढ़ते हैं. जब उनको यह पता नहीं होता है कि वो पुराना पड़ रहे हैं या नया, तो आप समझ सकते हैं कि वह कितने गंभीर होंगे. दूसरा, जब उनके मंत्री कहते हैं कि हम एक फॉर्च्यूनर गाड़ी में आने जितनी विधायक ही जीत कर आएंगे तो समझ में नहीं आता है कि मुख्यमंत्री कैसे 156 सीटों पर जीत की बात करते हैं. वो 56 सीटों से भी कम पर जीत कर आएंगे.

केन्द्र की योजनाओं को अपना नाम दिया : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों, मंत्रिमंडल सदस्यों और अपने सलाहकार के मन की बात नहीं सुनी. अगर वो उनकी बात सुनेंगे लेते तो उन्हें आकलन हो जाता कि कितनी सीटों पर जीत कर आ रहे हैं. जोशी ने कहा कि केंद्र की योजनाओं को कॉपी करके अपने नाम से पेश करने से कुछ नहीं होगा. यह कितने ही उत्सव मना लें, लेकिन इससे कोई लाभ नहीं मिलेगा. जनता सब समझती है कि केंद्र की मोदी सरकार ने जो योजना लागू की है, उसे राज्य सरकार अपने नाम से चला रही है. केंद्र की योजनाओं को अपना नाम देकर वाहवाही लूटने से लाभ नहीं मिलने वाला.

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