जयपुर। विधानसभा के सदस्य के तौर पर एक विधायक का सबसे बड़ा अधिकार होता है, उसकी जनता की आवाज और समस्याओं को विधानसभा में रखना. इन समस्याओं को रखने का सबसे बड़ा जरिया विधायकों के पास है प्रश्न पूछने का. बावजूद इसके लगता है राजस्थान विधानसभा के कुछ विधायक इसे लेकर गंभीर नहीं हैं. यही कारण है कि कुछ विधायक प्रश्न तो लगाते हैं, लेकिन यह प्रश्न पूछने के लिए सदन में आते नहीं है.
स्पीकर जोशी को खुद पूछने पड़े दो प्रश्नः विधानसभा सत्र के दौरान आज भी कुछ ऐसा ही हुआ और करीब 15 मिनट पहले राजस्थान विधानसभा में पूछे जाने वाले प्रश्न समाप्त हो गए. जिसके चलते स्पीकर सीपी जोशी ने पहले तो जो विधायक समय पर नहीं पहुंचे उन्हें बाद में अपने सवाल पूछने की इजाजत दी. इसके बाद भी समय बचा तो स्पीकर सीपी जोशी ने दूसरे विधायकों को सवाल पूछने की इजाजत दे दी. इसके बावजूद भी प्रश्नकाल का 5 मिनट का समय बाकी रह गया. ऐसे में खुद स्पीकर सीपी जोशी को 2 सवाल पूछकर प्रश्नकाल का समय पूरा करना पड़ा. इन परिस्थितियों में सवाल यह खड़ा होता है, इसका क्या कारण है कि विधायक प्रश्नकाल के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे.
MLA की 10 लाख की लिमिट बढ़ाने की मांगः राजस्थान विधानसभा में आज भाजपा विधायक ललित कुमार ने गौशाला के विकास के लिए विधायक मद से ली जाने वाली स्वीकृतियों की प्रक्रिया को सरल करने और विधायकों के लिए तय की गई 10 लाख की लिमिट को बढ़ाने की बात कही. गौपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने माना कि संस्थाओं को जो राशि देने की गाइडलाइन है, उसमें शिथिलता की आवश्यकता है. यह मामला पंचायती राज विभाग से जुड़ा है, ऐसे में मैं खुद पंचायती राज मंत्री से इस बारे में बात करूंगा. वहीं उन्होंने जटिल प्रक्रिया को भी सरल करने की आवश्यकता जताई.
दो माह में हो जाएगा होमगार्ड का भुगतानः मंत्री राजेंद्र गुढ़ा बोले डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक की गलती से रुका 72 होमगार्ड का 32 लाख रुपया अब हम दिलवाएंगे. इसके लिए उन्होंने वित्त विभाग से स्वीकृति ली है. विधानसभा में आज डूंगरपुर में 2021 में बाल श्रमिक पलायन को रोकने के लिए नियुक्त 72 होमगार्ड के मानदेय का अब तक भुगतान नहीं किए जाने की बात को मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि हमने केवल यह होमगार्ड डिमांड होने पर डूंगरपुर एसपी को उपलब्ध करवाए थे. इनका भुगतान डूंगरपुर पुलिस की ओर से किया जाना था, लेकिन डूंगरपुर पुलिस अधीक्षक की गलती से अब तक उनका 34 लाख 32 हजार पेंडिंग है. बेचारे होमगार्ड 2 साल तक भटकते रहे. अब हमारा विभाग वित्त विभाग से इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी कर रहा हैं और 2 महीने में इन होमगार्ड का भुगतान कर दिया जाएगा.