जयपुर. 25 सितंबर को राजस्थान कांग्रेस सरकार में हुई बगावत का मामला बुधवार को विधानसभा में भी गूंजा. बीजेपी विधायक ज्ञानचंद पारख ने धारीवाल को कांग्रेस की बगावत में उनकी भूमिका की शक्ति याद दिलाते हुए अधिकारियों पर भी सख्ती करने लिए कहा तो, सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई. इसके बाद सदन में जमकर पक्ष-विपक्ष में जमकर हंगामा हुआ.हालांकि बाद में आसान पर बैठे सभापति जे पी चंदेलिया कांग्रेस आलाकमान को लेकर कही हुई बात को विलोपित करवा दिया.
यूं हुआ हंगामाः दरअसल विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पाली से आने वाले बीजेपी विधायक ज्ञानचंद पारख ने सदन में अधिकारी कार्यशैली को लेकर सवाल उठाया. पारख ने कहा कि यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को चाहिए कि वह अधिकारियों पर थोड़ी सख्ती बरतें. जिस तरीके से उन्होंने कांग्रेस सरकार के समय जब संकट आया उस समय आपने मजबूती से उसे ठीक करने का काम किया है. इसी तरह से उन्हें अपनी ताकत का एहसास रखना चाहिए. परख ने आगे कहा कि शांति धारीवाल अपने अनुभव से विधानसभा के अंदर भी कांग्रेस जब कटघरे में रही तो कितनी सफाई से बचा लेते हैं, लेकिन आपका अपना कर्मचारी-अधिकारी को भी देखना चाहिए जो मंत्री की और जा रहे निर्देशों को भी नहीं मान रहा है. कर्मचारी-अधिकारी का मन होगा तो काम करेगा वरना नहीं कर रहा है. इसलिए यह दिखाता है कि किस तरह से अधिकारी काम कर रहे हैं. इस बीच आसन पर बैठे सभापति ने कहा कि जो आलाकमान को आंख दिखाई है. सदन की कार्रवाई से उसे हटाया जाता है. इस बीच उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ खड़े हुए और उन्होंने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है, अगर उन्होंने राजस्थान को मर्दों का प्रदेश बताया उसे तो सदन की कार्यवाही से हटाया नहीं गया, फिर हमारे साथ ये व्यवहार क्यों ?
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आलाकमान को दिखाई आंखः बता दें कि ज्ञानचंद पारख ने 25 सितंबर 2022 की उस घटना का जिक्र विधानसभा में किया जब पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चाओं के बीच धारीवाल के नेतृत्व में सभी विधायक एकजुट होकर इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद पायलट को सीएम नहीं बनाया गया था. पारख ने कहा कि जिस तरह से आपने ने सभी विधायकों को एकजुट करके आलाकमान को आंख दिखाई उससे आलाकमान को भी अपने पैर पीछे खींचने पड़े. पारख ने कहा कि जब आप के आका की कुर्सी पर संकट आया तो आपने आलाकमान के सामने आंख झुकाकर नहीं, बल्कि आंख दिखाकर बात कर सकते हो तो इन कर्मचारियों पर सख्ती क्यों नहीं रखते जो आपके नीचे काम कर रहे हैं. इस बीच शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि जो सदन के सदस्य नहीं हैं, उनके बारे में नहीं बोलना चाहिए. अगर बोला जाता है तो पहले नोटिस दिया जाता है. हमारे हाईकमान की बारे में बात कर रहे हैं. जब हम आपके हाईकमान की पोल खोलेंगे तो तब क्या होगा ? किस तरह के झगड़े आप की पार्टी में चल रहे हैं सब पता है.आपके पार्टी के अंदर कितने लोग आपके हाईकमान की बात मान रहे हैं.
अंदर का इतिहास नहीं पताः सदन में हुए इस हंगामे के बीच उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ फिर खड़े हुए और कहा कि एक शक्तिशाली व्यक्ति को अगर शक्तिशाली कह दिया तो उनके बगल में बैठे हुए लोग जल क्यों रहे हैं ? क्या एक व्यक्ति जो शक्तिशाली है उसे शक्तिशाली नहीं कहा जा सकता ? इस पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल खड़े हुए और उनका कि मेरे काम पर सदन में चर्चा नहीं कर सकते ? उस वक्त क्या हुआ , क्या नहीं हुआ , अंदर का इतिहास आपको पता नहीं है ? इस पर राठौड़ फिर खड़े हुए और कहा कि मुझे सब पता है , मुझे चुनौती मत दो , मैं हाईकोर्ट में मिल रहा हूं , वहां पर सब कुछ बता देंगे , राठौड़ ने कहा कि इस तरह से अगर सदन में बोली बातों को डिलीट किया जाएगा तो फिर विपक्ष क्या बोलेगा ?