जयपुर. बीते 5 साल में कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों को अब अपने बोर्ड को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. राज्य सरकार की ओर से बोर्ड से 1000 करोड़ रुपए लेने के विरोध में कर्मचारी सोमवार को काले कपड़े पहन कर कार्यालय पहुंचे और यहां विरोध दर्ज कराया. साथ ही बोर्ड की 1700 करोड़ की एफडीआई का हवाला देते हुए कहा कि यदि सरकार 1000 करोड़ ले लेगी तो फिर बोर्ड की देनदारियां कैसे चुकाई जाएगी.
राजस्थान हाउसिंग बोर्ड पर करीब 2 हजार 738 करोड़ की देनदारी है. जबकि बोर्ड के पास महज 1700 करोड़ की एफडीआर है. इसमें से भी 1000 करोड़ देने के विरोध में हाउसिंग बोर्ड के कर्मचारियों ने मंडल बचाओ अभियान शुरू कर दिया है. वहीं, 23 सितंबर तक हर दिन काले कपड़े पहनकर कार्यालय में आकर कर्मचारी सरकार का विरोध करेंगे. हाउसिंग बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष दशरथ कुमार ने कहा कि सरकार एक तरफ कहती है कि राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को सुदृढ़ कर दिया गया है. दूसरी तरफ हाउसिंग बोर्ड से कभी आईपीडी टावर, कभी निशुल्क जमीन आवंटन तो कभी ऑक्सीजन प्लांट के नाम पर करोड़ों रुपए सरकार मांगती रहती है. बोर्ड की लगभग सभी जमीन बेच दी गई है.
उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय 900 करोड़ की एफडीआर और 30 हजार करोड़ की जमीन थी. आज साढ़े चार साल बाद 20 हजार करोड़ की जमीन बेचने के बाद भी हाउसिंग बोर्ड के पास महज 1 हजार 700 करोड़ की एफडीआर बची है. जमीन के नाम पर कुछ नहीं बचा और 1 हजार 530 करोड़ की देनदारी है. इसके अलावा 1 हजार 208 करोड़ जमीन का भुगतान करना शेष है.
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उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार बोर्ड पर ताला लगाना चाहती थी तो मौजूदा कांग्रेस सरकार ने इसे गर्त में पहुंचा दिया है. उन्होंने सरकार के बार-बार बदलते स्टेटमेंट पर सवाल उठाते हुए कहा कि विधायक आवास के लोकार्पण के समय सरकार ने बोर्ड का टर्न ओवर 10 हजार करोड़ बताया था. जबकि बोर्ड के पास अभी सिर्फ 1 हजार 700 करोड़ की एफडीआर है. आक्रोश इस बात का है कि सरकार अब राजस्थान पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के लिए एक हजार करोड़ और मांग रही है. इसके लिए एफडीआई तुड़वाई जा रही है. इससे बोर्ड को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. जब उस एफडीआई में से 1000 करोड़ ले लेंगे तो हाउसिंग बोर्ड के पास महज 700 करोड़ ही बचेंगे.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार जबरन राशि वसूल की तो कर्मचारियों की ओर से आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा. आपको बता दें कि बीते दिनों हाउसिंग बोर्ड कर्मचारियों के समर्थन में अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ भी उतरा. और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री संस्थाओं को नीलाम करके रेवड़ियां बांटने में लगे हैं. जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. और फिर वोट की चोट की जाएगी.