जयपुर. प्रदेश में अब कोई भी खुले आसमान के नीचे नहीं सोएगा. जिसके सिर पर छत नहीं है, उसको अब (Homeless Upliftment and Rehabilitation Policy) सरकारी छत मिलेगी. राजस्थान सरकार की बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 को पूरी तरह से अमलीजामा पहनाने के लिए मंगलवार को सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली की अध्यक्षता में अहम बैठक हुई.
खुले आसमान के नीचे रहने वाले परिवारों का सर्वे : नीति के तहत सड़कों पर रहने वाले लोगों को अब सरकार की ओर से आश्रय स्थल मुहैया करवाए जाएंगे. इसके तहत प्रदेश भर में बड़े स्तर पर अभियान चलाकर खुले आसमान के नीचे रहने वाले परिवारों का सर्वे किया जाएगा. सबसे पहले संभाग मुख्यालय पर फिर जिला स्तर पर और फिर पंचायत स्तर पर आश्रय स्थल बनाए जाएंगे. जिसमें रहने वाले परिवारों को सभी सुविधाएं दी जाएंगी.
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बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के तहत इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि जो (Survey of families living under the sky) लोग रोजगार की तलाश में बड़े शहरों और अन्य स्थानों पर रह रहे हैं, उनको आसानी से रोजगार भी उपलब्ध हो सके. इसी को लेकर सामाजिक एवं न्याय अधिकारिता विभाग की ओर से तमाम नगर निकायों से जमीन मांगी गई है, जिससे वहां पर बेहतर आश्रय स्थल बनाया जा सके.
तीन स्तर पर होगा सर्वे : बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022 के लागू होने के बाद नीति के क्रियान्वयन के संबंध में टास्क फोर्स समिति की पहली बैठक में हितधारकों की ओर से आगामी 2 महीनों में बेघर व्यक्तियों का सर्वे पूर्ण करवाए जाने पर सहमति व्यक्त की गई. मंत्री जूली ने कहा कि सर्वे में आने वाले निष्कर्षों के आधार पर योजना की आगामी रूपरेखा तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि सर्वे का कार्य संभाग स्तर, जिला स्तर और ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा.
ग्रामीण स्तर पर सर्वे कार्य पंचायती राज संस्थाओं की ओर से तथा शहरी स्तर पर स्वयंसेवी संगठनों की ओर से किए जाने पर हितधारकों की ओर से सहमति व्यक्त की गई. उन्होंने कहा कि बेघर व्यक्तियों को पर्याप्त आवास व्यवस्था के साथ आश्रम उपलब्ध कराना तथा उनको विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए शिक्षा सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही पर्याप्त रोजगार सृजन के साथ प्रशिक्षण के अवसर सहित स्वरोजगार एवं सामाजिक हकों की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.
ये है पुनर्वास नीति : बता दें कि ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022’ नीति के (Policy for Homeless Families) अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने के प्रावधान किए गए हैं. साथ ही विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किए गए हैं. नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सुरक्षा आदि जैसी मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध करवाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिए शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान है. इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोजगार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा. वहीं, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नवजीवन योजना के ऑनलाइन पोर्टल तथा विभागीय अधिकारियों के लिए ऑनलाइन रैंकिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ किया.