जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्री प्राइमरी कक्षाओं को आरटीई के दायरे से बाहर करने और इसके प्रावधानों को पहली कक्षा से लागू करने पर मुख्य सचिव और प्रारंभिक शिक्षा सचिव व निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश स्माइल फॉर ऑल सोसायटी की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए.
याचिका में कहा गया कि आरटीई कानून के तहत दुर्बल वर्ग के बच्चों के लिए निजी स्कूलों की कक्षाओं में 25 फ़ीसदी सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है. इस बार राज्य सरकार ने नई प्रवेश नीति बनाकर प्री प्राइमरी कक्षाओं को आरटीआई के दायरे से बाहर कर दिया और सिर्फ पहली कक्षा को आरटीई के तहत एंट्री लेवल बना दिया.
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याचिका में कहा गया कि अधिनियम की धारा 12 के अनुसार सभी निजी स्कूलों में वंचित वर्ग के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान है. वहीं, अधिनियम के तहत जिन स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं हैं, उन स्कूलों को आरटीई का लाभ प्री प्राइमरी कक्षाओं से ही देने का प्रावधान है.
ऐसे में सरकार की पहली कक्षा से आरटीई का लाभ देने की नीति को अवैध घोषित किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.