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राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती में अनियमितता को लेकर मांगा जवाब

राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 में अनियमितता से जुड़े मामले में वित्त सचिव, निदेशक लेखा और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव से जवाब तलब किया है.

कनिष्ठ लेखाकार भर्ती में अनियमिता को लेकर मांगा जवाब
कनिष्ठ लेखाकार भर्ती में अनियमिता को लेकर मांगा जवाब
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 25, 2023, 7:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 में अनियमितता से जुड़े मामले में वित्त सचिव, निदेशक लेखा और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव से जवाब-तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश शुभम यादव व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि 21 सितंबर, 2022 को स्नातक स्तर की भर्तियों के लिए समान पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए. वहीं, बाद में आयोजित परीक्षा में याचिकाकर्ता पास हो गए. इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती के लिए समान पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए. कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से गत 6 दिसंबर को पदों की संख्या के पन्द्रह गुणा अभ्यर्थियों की कट ऑफ जारी की गई.

पढ़ें: हाईकोर्ट की कैट को नसीहत, समान प्रकरणों में नहीं दें अलग-अलग आदेश

याचिका में कहा गया कि इस कट ऑफ में काफी अनियमिता है. इसमें सामान्य वर्ग, ओबीसी वर्ग, भूतपूर्व सैनिक और आर्थिक पिछडा वर्ग के अभ्यर्थियों की कट ऑफ एक समान रखी गई. इसी तरह कुछ अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की कट ऑफ भी एक समान 154.48 रखी गई. याचिका में बताया गया कि कट ऑफ जारी करते समय आरक्षण के प्रावधानों की पालना नहीं की गई और कुल पदों के पन्द्रह गुणा अभ्यर्थी भी नहीं बुलाए गए. ऐसे में आरक्षण नियम, राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा नियमों की पालना करते हुए याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती-2023 में अनियमितता से जुड़े मामले में वित्त सचिव, निदेशक लेखा और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव से जवाब-तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश शुभम यादव व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने इन अधिकारियों से पूछा है कि क्यों ना याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि 21 सितंबर, 2022 को स्नातक स्तर की भर्तियों के लिए समान पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन मांगे गए. वहीं, बाद में आयोजित परीक्षा में याचिकाकर्ता पास हो गए. इसके बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने कनिष्ठ लेखाकार और तहसील राजस्व लेखाकार भर्ती के लिए समान पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से आवेदन लिए गए. कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से गत 6 दिसंबर को पदों की संख्या के पन्द्रह गुणा अभ्यर्थियों की कट ऑफ जारी की गई.

पढ़ें: हाईकोर्ट की कैट को नसीहत, समान प्रकरणों में नहीं दें अलग-अलग आदेश

याचिका में कहा गया कि इस कट ऑफ में काफी अनियमिता है. इसमें सामान्य वर्ग, ओबीसी वर्ग, भूतपूर्व सैनिक और आर्थिक पिछडा वर्ग के अभ्यर्थियों की कट ऑफ एक समान रखी गई. इसी तरह कुछ अन्य आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की कट ऑफ भी एक समान 154.48 रखी गई. याचिका में बताया गया कि कट ऑफ जारी करते समय आरक्षण के प्रावधानों की पालना नहीं की गई और कुल पदों के पन्द्रह गुणा अभ्यर्थी भी नहीं बुलाए गए. ऐसे में आरक्षण नियम, राजस्थान अधीनस्थ लेखा सेवा नियमों की पालना करते हुए याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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