जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि निर्वाचन विभाग कानूनी प्रावधानों के अनुसार चुनाव की गतिविधियों के लिए किसी भी परिसर या वाहन को किराए पर ले सकता है, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें वापस परिसर व वाहन को लौटाना होगा. वहीं, अदालत ने जिला निर्वाचन अधिकारी के उसे फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया, जिसमें जनप्रतिनिधि अधिनियम के तहत याचिकाकर्ता संस्था के परिसर के कुछ भाग को चुनाव गतिविधियों में उपयोग करने को कहा गया था.
जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह आदेश सीकर रोड स्थित श्री भवानी निकेतन शिक्षा समिति की प्रबंध कमेटी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिए. अदालत ने कहा कि निर्वाचन विभाग चुनाव के बाद 27 नवंबर को याचिककर्ता के परिसर को खाली कर दें. इसके साथ ही कानून तौर पर विभाग का यह कर्तव्य भी है कि वह उपयोग में लिए गए परिसर या वाहन का पर्याप्त भुगतान भी करें. याचिका में प्रार्थी संस्था ने कहा कि निर्वाचन विभाग राज्य विधानसभा चुनाव के लिए उनके परिसर का उपयोग कर रहा है. इसके चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित होगी. जिसके जवाब में अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेंद्र सोनी ने कहा कि राज्य सरकार ने इस संस्था को 555 बीघा जमीन निशुल्क दी है.
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प्रार्थी संस्था के इसी परिसर में 11 अलग-अलग संस्थान हैं. निर्वाचन विभाग केवल 19 कमरों को ही उपयोग में ले रहा है. फिलहाल शैक्षणिक संस्थानों में दिवाली का अवकाश चल रहा था और ऐसे में बच्चों की इन कमरों में परिसर को चुनावी गतिविधियों में काम में लेने से पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. इसके अलावा कानूनी तौर पर भी निर्वाचन विभाग को यह अधिकार है कि वह चुनाव कराने के लिए किसी परिसर या वाहन को अपने लिए किराए पर ले सकता है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने कहा कि निर्वाचन विभाग चुनाव के लिए परिसर या वाहन को उपयोग में ले सकता है, लेकिन चुनाव के बाद उसे वापस करना होगा.