जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के 176 नगरीय निकायों में 13 हजार 184 पदों पर हो रही सफाई कर्मचारी भर्ती की चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ताओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के निर्देश दिए हैं. अदालत ने कहा कि इनका चयन याचिका के निर्णयाधीन रहेगा. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मोहम्मद रईस व अन्य की याचिका पर दिए. अदालत ने स्पष्ट किया कि मौजूदा परिस्थितियों में पूरी भर्ती प्रक्रिया पर ही रोक लगाना संभव नहीं है. मामले की सुनवाई अब 18 अक्टूबर को होगी.
याचिका में सफाई कर्मचारी भर्ती को प्रैक्टिकल एग्जाम व साक्षात्कार के आधार पर करने को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता डॉ. अभिनव शर्मा ने बताया कि पूर्व में सफाई कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया लॉटरी के जरिए की गई थी. वहीं इसको लेकर भर्ती नियमों में संशोधन किया था और उन्हें हाईकोर्ट ने भी स्वीकृति दी थी. अदालत ने लॉटरी प्रक्रिया को सही ठहराते हुए कहा था कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती में न्यूनतम शिक्षा की जरूरत नियमों में नहीं है. ऐसे में केवल साक्षात्कार या अन्य माध्यम के जरिए भर्तियां होने पर इसमें अनियमितता या फर्जीवाड़ा होने की पूरी संभावना रहती है.
इसके बावजूद भी मौजूदा भर्ती की अधिसूचना जारी होने के बाद भी नियमों में बदलाव किया है. अब राज्य में संविदा पर नियोजित सफाई कर्मियों को भर्ती में वरीयता देने को कहा गया है. इसके अलावा घरों, होटलों, रेस्तरां, कार्यालय और अस्पताल आदि में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को अंतिम वरीयता देने को कहा है, जबकि यह कानूनी तौर पर गलत है. याचिका में कहा गया कि जिस तरह एक बार खेल शुरू होने के बाद उसके नियम नहीं बदले जा सकते, उसी तरह एक बार भर्ती प्रक्रिया आरंभ होने के बाद भर्ती नियमों में संशोधन नहीं किया जा सकता.