जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने एसीबी डीजी से पूछा है कि कस्टोडियन प्रॉपर्टी खरीदने को लेकर केन्द्रीय राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से जुड़े मामले में अब तक क्या कार्रवाई की गई है. अदालत ने एसीबी को चार सप्ताह में इसकी तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
न्यायाधीश महेन्द्र माहेश्वरी की खंडपीठ ने यह आदेश शंकरलाल गुर्जर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में कहा गया कि जोधपुर की सरदारपुरा-ए रोड पर शनिश्चरजी के थाने के नीचे स्थित बेशकीमती जमीन खान बहादुर मिर्जा की हुआ करती थी. इनके पाकिस्तान चले जाने के बाद यह भूमि कस्टोडियन प्रोपर्टी हो गई, जिसकी मालिक जोधपुर नगर निगम हो गई.
वहीं साल 1955 में एक स्थानीय व्यक्ति ने अधिकारियों से मिलीभगत कर इस भूमि का फर्जी पट्टा बनवा लिया. याचिका में कहा गया कि 1236 वर्ग गज इस भूमि की कीमत पचास करोड़ रुपए से अधिक की थी, जिसे साल 2012 में धनलक्ष्मी रीयल मार्ट प्रा.लि. ने एक करोड़ 23 लाख रुपए में खरीद लिया.
याचिका में कहा गया कि इस कंपनी में 19 फीसदी शेयर केन्द्रीय राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह के भी हैं. कंपनी का गठन साल 2009 में किया गया था. लेकिन षडयंत्र के तहत दिसंबर 2011 में गजेन्द्र सिंह को कंपनी का निदेशक बनाया गया और उसके एक माह में ही यह जमीन खरीदी गई.
याचिका में आरोप लगाया गया कि जमीन पर हुए कब्जे को हटाने के लिए ही गजेन्द्र सिंह को कंपनी में निदेशक बनाया गया था. मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एसीबी में परिवाद दर्ज कराया गया. लेकिन अब तक प्रकरण में एसीबी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने एसीबी डीजी से प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है.