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नर्सिंग कॉलेज में अपात्र शिक्षकों की नियुक्ति क्यों- हाईकोर्ट - राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर स्थित नर्सिंग कॉलेज में अपात्र शिक्षकों की नियुक्ति पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा कि आखिर ये नियुक्ति क्यों हुई.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर
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Published : Apr 13, 2019, 4:33 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र और प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक लगाने के मामले पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, आरयूएचएस, इंडियन मेडिकल काउंसिल, राजस्थान मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

नर्सिंग कॉलेज में अपात्र शिक्षकों की नियुक्ति क्यों हाईकोर्ट ने उठाया सवाल

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विस की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया है कि आरयूएचएस की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र लोगों को शिक्षक पद पर लगा रखा है. वहीं कुछ शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर भी काम कर रहे हैं. जबकि इंडियन नर्सिंग काउंसिल की गाइड लाइन के अनुसार नियमित भर्ती के जरिए ही नियुक्ति की जा सकती है. इसके अलावा संबंधित शिक्षक के पास 5 साल का अध्ययन अनुभव भी जरूरी है. इसके बावजूद नर्सिंग कॉलेज में अपात्रों से काम कराया जा रहा है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र और प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक लगाने के मामले पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, आरयूएचएस, इंडियन मेडिकल काउंसिल, राजस्थान मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

नर्सिंग कॉलेज में अपात्र शिक्षकों की नियुक्ति क्यों हाईकोर्ट ने उठाया सवाल

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विस की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में कहा गया है कि आरयूएचएस की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र लोगों को शिक्षक पद पर लगा रखा है. वहीं कुछ शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर भी काम कर रहे हैं. जबकि इंडियन नर्सिंग काउंसिल की गाइड लाइन के अनुसार नियमित भर्ती के जरिए ही नियुक्ति की जा सकती है. इसके अलावा संबंधित शिक्षक के पास 5 साल का अध्ययन अनुभव भी जरूरी है. इसके बावजूद नर्सिंग कॉलेज में अपात्रों से काम कराया जा रहा है, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र और प्रतिनियुक्ति पर शिक्षक लगाने पर चिकित्सा शिक्षा सचिव, आरयूएचएस, इंडियन मेडिकल काउंसिल, राजस्थान मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग कॉलेज के प्रिंसिपल सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार की खंडपीठ ने यह आदेश ग्लोबल फाउंडेशन फॉर नर्सिंग प्रोफेशन एंड सोशल सर्विस की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।


Body:याचिका में कहा गया कि आरयूएचएस की नर्सिंग कॉलेज में अपात्र लोगों को शिक्षक पद पर लगा रखा है। वहीं कुछ शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर भी काम कर रहे हैं। जबकि इंडियन नर्सिंग काउंसिल की गाइडलाइन के अनुसार नियमित भर्ती के जरिए ही नियुक्ति की जा सकती है। इसके अलावा संबंधित शिक्षक के पास 5 साल का अध्ययन अनुभव भी जरूरी है। इसके बावजूद नर्सिंग कॉलेज में अपात्रों से काम कराया जा रहा है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।


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