जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह प्रदेश से बाहर मूल निवास करने वाले अभ्यर्थियों को लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट रेडियोग्राफर भर्ती प्रक्रिया में शामिल करे. अदालत ने कहा कि संबंधित प्राधिकारी अदालत के इस आदेश को वेबसाइट पर सार्वजनिक करने के साथ ही दैनिक समाचार पत्रों में भी इस बारे में सूचना प्रसारित करें.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसे अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट में अलग से याचिका पेश करने की भी जरूरत नहीं है. वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार और राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल और अवकाशकालीन न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश प्रीति व अन्य की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस को दी चार्जशीट को परिवर्तित करने पर लगाई रोक
याचिका में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल ने गत 16 फरवरी को नियमों में संशोधन कर प्रावधान कर दिया कि राजस्थान का मूल निवासी ही कौंसिल में पंजीकृत हो सकता है. इस प्रावधान को अन्य याचिका में चुनौती दी हुई है. वहीं राज्य सरकार ने गत 31 मई को लैब टेक्नीशियन और असिस्टेंट रेडियोग्राफर के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं. जिसमें अभ्यर्थी का राजस्थान पैरा मेडिकल कौंसिल में पंजीकृत होना जरुरी है. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता अभ्यर्थी अन्य सभी पात्रता रखते हैं, लेकिन गत 16 फरवरी को किए गए नियमों में संशोधन के चलते उनका पंजीकरण कौंसिल में नहीं हुआ है. ऐसे में उन्हें इस भर्ती के अपात्र माना जा रहा है. इसलिए उन्हें भी भर्ती में शामिल करने के निर्देश दिए जाए. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पूर्व में हाईकोर्ट की ओर से दिए अंतरिम से ऐसे समान अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जा रहा है. दोनों पक्षों की बहस सुनकर अदालत ने ऐसे सभी अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश दिए हैं.