ETV Bharat / state

याचिका के फैसले के अधीन रहेगी ईओ और आरओ भर्ती की नियुक्तियां- हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती-2023 की नियुक्तियों की याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने आरपीएससी को मामले में अपना जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है. साथ ही नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है.

Rajasthan High Court
Rajasthan High Court
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2024, 9:06 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती-2023 की नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को मामले में अपना जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राधेश्याम छीपा और अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान आरपीएससी की ओर से जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय मांगा गया. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरपीएससी को नोटिस जारी होने के पांच माह बीतने के बाद भी आयोग अब तक अपना जवाब पेश नहीं कर पाया है. दूसरी ओर भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित कर गत 13 दिसंबर को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया है, जबकि मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. इसके बावजूद भी न तो प्रकरण की जांच की गई और न ही परीक्षा रद्द की गई. यदि नियुक्तियों को नहीं रोका गया तो अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल जाएगी और पात्र अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे, इसलिए भर्ती में दी जा रही नियुक्तियों को रोका जाए. इस पर अदालत ने नियुक्तियों को याचिका में होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखा है.

पढ़ें. हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती में गर्भवती और प्रसूता महिला को दी राहत, फिजिकल बाद में लेने को कहा

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि भर्ती की लिखित परीक्षा 14 मई 2023 को दो पारियों में हुई थी. इसमें करीब 104 पदों के लिए 3 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. बीकानेर जिले में नकल गिरोह की ओर से परीक्षा में नकल कराने और पेपर लीक होने की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने और आयोग के सदस्य के इसमें शामिल होने से परीक्षा की विश्वसनीयता और गोपनीयता भंग हुई है. परीक्षा में अपने चहेतों का चयन कराने के लिए बड़े पैमाने पर धांधली व भ्रष्टाचार हुआ है. कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपए की मांग कर उनकी ओएमआर शीट बदलकर उन्हें अच्छे नंबर दिलवाने व परीक्षा में चयन करवाने की गारंटी दी गई, इसलिए परीक्षा परिणाम को रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने ईओ और आरओ भर्ती-2023 की नियुक्तियों को याचिका के निर्णय के अधीन रखा है. इसके साथ ही अदालत ने आरपीएससी को मामले में अपना जवाब पेश करने का अंतिम मौका दिया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राधेश्याम छीपा और अन्य की याचिका पर दिए.

सुनवाई के दौरान आरपीएससी की ओर से जवाब पेश करने के लिए अदालत से समय मांगा गया. इसका विरोध करते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि आरपीएससी को नोटिस जारी होने के पांच माह बीतने के बाद भी आयोग अब तक अपना जवाब पेश नहीं कर पाया है. दूसरी ओर भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित कर गत 13 दिसंबर को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी कर लिया है, जबकि मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है. इसके बावजूद भी न तो प्रकरण की जांच की गई और न ही परीक्षा रद्द की गई. यदि नियुक्तियों को नहीं रोका गया तो अपात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल जाएगी और पात्र अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे, इसलिए भर्ती में दी जा रही नियुक्तियों को रोका जाए. इस पर अदालत ने नियुक्तियों को याचिका में होने वाले अंतिम निर्णय के अधीन रखा है.

पढ़ें. हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती में गर्भवती और प्रसूता महिला को दी राहत, फिजिकल बाद में लेने को कहा

याचिका में अधिवक्ता प्रेमचंद देवन्दा ने अदालत को बताया कि भर्ती की लिखित परीक्षा 14 मई 2023 को दो पारियों में हुई थी. इसमें करीब 104 पदों के लिए 3 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया था. बीकानेर जिले में नकल गिरोह की ओर से परीक्षा में नकल कराने और पेपर लीक होने की रिपोर्ट दर्ज कराए जाने और आयोग के सदस्य के इसमें शामिल होने से परीक्षा की विश्वसनीयता और गोपनीयता भंग हुई है. परीक्षा में अपने चहेतों का चयन कराने के लिए बड़े पैमाने पर धांधली व भ्रष्टाचार हुआ है. कई अभ्यर्थियों से लाखों रुपए की मांग कर उनकी ओएमआर शीट बदलकर उन्हें अच्छे नंबर दिलवाने व परीक्षा में चयन करवाने की गारंटी दी गई, इसलिए परीक्षा परिणाम को रद्द किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.