जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कांस्टेबल भर्ती-2023 और पूर्व की दो भर्तियों में महिला अभ्यर्थी की ऊंचाई अलग-अलग नापने पर आश्चर्य जताया है. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि विभाग एक अभ्यर्थी की अलग-अलग ऊंचाई नाप रहा है. ऐसे में उसकी ऊंचाई का परीक्षण एम्स, जोधपुर से कराना उचित रहेगा. इसके साथ ही अदालत ने गृह सचिव और एडीजी भर्ती सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश सपना की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने गत वर्ष 3 अगस्त को कांस्टेबल के 3578 पदों के लिए भर्ती निकाली, जिसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा 27 दिसंबर को आयोजित की गई. शारीरिक दक्षता परीक्षा में याचिकाकर्ता की ऊंचाई 152 सेमी के कम बताकर उसे चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया. याचिका में कहा गया कि वर्ष 2019 और वर्ष 2021 की कांस्टेबल पद की भर्तियों में भी पूर्व में याचिकाकर्ता ने आवेदन किया था. तब विभाग ने याचिकाकर्ता की ऊंचाई 152 सेमी से अधिक नापी थी.
किसी भी युवती की उम्र के हिसाब से ऊंचाई बढ़ तो सकती है, लेकिन कम नहीं हो सकती. इसके बावजूद भी इस भर्ती में उसकी ऊंचाई कम नापी गई, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता की ऊंचाई का परीक्षण एम्स, जोधपुर से कराने को कहा है.