जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी है. एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस शुभा मेहता की खंडपीठ ने यह आदेश ओमप्रकाश सोलंकी की जनहित याचिका पर दिए.
प्रकरण की सुनवाई शुक्रवार को खंडपीठ की पूरक वाद सूची में सूचीबद्ध थी. खंडपीठ ने मुख्य वाद सूची की सुनवाई के बाद इस प्रकरण की सुनवाई करना चाहा, लेकिन इस दौरान याचिकाकर्ता अदालत में उपस्थित नहीं था. वहीं, केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि यह याचिका राजनीतिक व दुर्भावना से प्रेरित है. दोनों डिप्टी सीएम की शपथ में किसी संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना नहीं हुई है. इसलिए याचिका भारी हर्जाने के साथ खारिज की जानी चाहिए.
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इस पर खंडपीठ ने कहा कि प्रकरण में याचिकाकर्ता का पक्ष सुने बिना आदेश नहीं दिया जा सकता. इसके साथ ही अदालत ने प्रकरण की सुनवाई एक सप्ताह के लिए टाल दी. जनहित याचिका में राज्यपाल, सीएम, केन्द्र सरकार के सचिव, राज्य के सीएस, डिप्टी सीएम दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को पक्षकार बनाया है. पीआईएल में कहा है कि देश के संविधान में डिप्टी सीएम का कोई पद नहीं है और न इस पद पर नियुक्ति का कोई प्रावधान है. इसके बावजूद दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा ने खुद को डिप्टी सीएम बताते हुए शपथ ली है. संविधान के तहत केवल मंत्री पद की शपथ ही ली जा सकती है. ऐसे में दोनों डिप्टी सीएम की शपथ असंवैधानिक है, इसलिए दोनों डिप्टी सीएम की शपथ व नियुक्तियां रद्द की जाए.